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अब इस पंचायत से बीपीएल सूची से बाहर किए पात्र परिवार, डीसी से लगाई गुहार - डीसी से गुहार

थाना कसोग पंचायत के ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि पंचायत प्रतिनिधियों द्वारा घरों में जाकर स्थिति देखने की बजाय पंचायत घर में ही सर्वे कर जरूरतमंदों को बीपीएल सूची से बाहर कर दिया गया है. ग्रामीणों ने डीसी से जांच की मांग करते हुए न्याय की गुहार लगाई है. ग्रामीणों ने डीसी सिरमौर को ज्ञापन भी सौंपा है.

डीसी से मिलने आए ग्रामीण प्रतिनिधि मंडल
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Published : Jul 25, 2019, 11:16 AM IST

नाहनः प्रदेश में बीपीएल सूची में नाम डालने व काटने के मामले अक्सर सामने आते हैं. सिरमौर जिला में ही 2 दिनों के भीतर दो पंचायतों से इस तरह की शिकायतें ग्रामीणों द्वारा डीसी सिरमौर से की जा चुकी है. अब जिला की थाना कसोग पंचायत से ग्रामीणों ने पंचायत पर पात्र लोगों को बीपीएल सूची से बाहर निकालने के आरोप लगाया है.

गुरुवार को थाना कसोग पंचायत के ग्रामीणों का एक प्रतिनिधि मंडल डीसी सिरमौर से मिला और अपनी समस्या से अवगत कराया और ज्ञापन भी सौंपा. ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि पंचायत प्रतिनिधियों द्वारा घरों में जाकर स्थिति देखने की बजाय पंचायत घर में ही सर्वे कर दिया गया है. ग्रामीणों ने डीसी से जांच की मांग करते हुए न्याय की गुहार लगाई है.

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ये भी देखेंः विस अध्यक्ष ने किया अभिशीतन केंद्र का औचक निरीक्षण, जारी किए ये निर्देश


प्रतिनिधि मंडल में शामिल अंकुश कुमार ने कहा कि पंचायत में ऐसे कई परिवारों को बीपीएल सूची से बाहर कर दिया गया है, जो कि इसके पात्र थे. उन्होंने कहा कि पंचायत में बीपीएल पात्र व्यक्तियों की जांच होनी चाहिए और जो व्यक्ति पात्र हो, उन्हें बीपीएल सूची में शामिल किया जाना चाहिए.

ग्रामीण राजेंद्र कुमार ने बताया कि जिन परिवारों को सूची से बाहर किया है, उस परिवार के पास न तो पक्का मकान है और ना ही उनके परिवार में किसी के पास सरकारी नौकरी है. पंचायत घर में ही बैठकर सूची तैयार कर दी गई, जबकि स्थिति का जायजा लेने कोई पात्र परिवारों के घर नहीं पहुंचा. ऐसे में उन्हें सूची से बाहर नहीं किया जा सकता.

ये भी देखेंः कांग्रेस पर भड़के पंचायती राज मंत्री वीरेंद्र कंवर, बोले- लोगों को बरगलाने का काम कर रहा विपक्ष


उल्लेखनीय है कि सिरमौर जिला में पंचायतों द्वारा बीपीएल सूची से पात्र परिवारों के नाम काटने के मामले लगातार सामने आ रहे हैं. पंचायत द्वारा सही लोगों के नाम बीपीएल सूची से काटे गए हैं या फिर गलत लोगों के, यह सब जांच के बाद ही सामने आ सकेगा.

ये भी देखेंः कांगड़ा में IPH विभाग की लापरवाही, गंदी नालियों से पीने के पाइपों की हो रही निकासी

नाहनः प्रदेश में बीपीएल सूची में नाम डालने व काटने के मामले अक्सर सामने आते हैं. सिरमौर जिला में ही 2 दिनों के भीतर दो पंचायतों से इस तरह की शिकायतें ग्रामीणों द्वारा डीसी सिरमौर से की जा चुकी है. अब जिला की थाना कसोग पंचायत से ग्रामीणों ने पंचायत पर पात्र लोगों को बीपीएल सूची से बाहर निकालने के आरोप लगाया है.

गुरुवार को थाना कसोग पंचायत के ग्रामीणों का एक प्रतिनिधि मंडल डीसी सिरमौर से मिला और अपनी समस्या से अवगत कराया और ज्ञापन भी सौंपा. ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि पंचायत प्रतिनिधियों द्वारा घरों में जाकर स्थिति देखने की बजाय पंचायत घर में ही सर्वे कर दिया गया है. ग्रामीणों ने डीसी से जांच की मांग करते हुए न्याय की गुहार लगाई है.

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प्रतिनिधि मंडल में शामिल अंकुश कुमार ने कहा कि पंचायत में ऐसे कई परिवारों को बीपीएल सूची से बाहर कर दिया गया है, जो कि इसके पात्र थे. उन्होंने कहा कि पंचायत में बीपीएल पात्र व्यक्तियों की जांच होनी चाहिए और जो व्यक्ति पात्र हो, उन्हें बीपीएल सूची में शामिल किया जाना चाहिए.

ग्रामीण राजेंद्र कुमार ने बताया कि जिन परिवारों को सूची से बाहर किया है, उस परिवार के पास न तो पक्का मकान है और ना ही उनके परिवार में किसी के पास सरकारी नौकरी है. पंचायत घर में ही बैठकर सूची तैयार कर दी गई, जबकि स्थिति का जायजा लेने कोई पात्र परिवारों के घर नहीं पहुंचा. ऐसे में उन्हें सूची से बाहर नहीं किया जा सकता.

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उल्लेखनीय है कि सिरमौर जिला में पंचायतों द्वारा बीपीएल सूची से पात्र परिवारों के नाम काटने के मामले लगातार सामने आ रहे हैं. पंचायत द्वारा सही लोगों के नाम बीपीएल सूची से काटे गए हैं या फिर गलत लोगों के, यह सब जांच के बाद ही सामने आ सकेगा.

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Intro:-ग्रामीणों का आरोप-बिना सच्चाई जाने कर दिया सर्वे, गरीबों का मारा हक
-थाना कसोग पंचायत के ग्रामीणों ने डीसी सिरमौर को सौंपा ज्ञापन
नाहन। प्रदेश में बीपीएस सूची मेंं नाम डालने व काटने के मामले अक्सर सामने आते हैं। सिरमौर जिला में ही 2 दिनों के भीतर दो पंचायतों से इस तरह की शिकायतें ग्रामीणों द्वारा डीसी सिरमौर से की जा चुकी है। अब जिला की थाना कसोग पंचायत से ग्रामीणों ने पंचायत पर पात्र लोगों को बीपीएल सूची से बाहर निकालने के आरोप लगाए है।

Body:दरअसल थाना कसोग पंचायत के ग्रामीणों का एक प्रतिनिधि मंडल डीसी सिरमौर से मिला और उन्हें इस बाबत एक ज्ञापन सौंपा। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि घरों में जाकर स्थिति देखने की बजाय पंचायत घर में ही बैठकर सर्वे कर दिया गया और पात्र परिवारों के नाम बीपीएल सूची से बाहर कर दिए गए। ग्रामीणों ने इस मामले में डीसी से जांच की मांग करते हुए न्याय की गुहार लगाई है।
प्रतिनिधि मंडल में शामिल अंकुश कुमार ने कहा कि पंचायत में ऐसे कई परिवारों को बीपीएल सूची से बाहर कर दिया गया है, जोकि इसके पात्र थे। उन्होंने कहा कि पंचायत में बीपीएल पात्र व्यक्तियों की जांच होनी चाहिए और जो व्यक्ति पात्र हो, उन्हें ही बीपीएल सूची में शामिल किया जाना चाहिए।
बाइट 1: अंकुश कुमार, निवासी थाना कसोग पंचायत
उधर ग्रामीण राजेंद्र कुमार ने बताया कि जिन परिवारों को सूचि से बाहर किया है, उस परिवार के पास न तो पक्का मकान है और न ही उनके परिवार में किसी के पास सरकारी नौकरी है। पंचायत घर में ही बैठकर सूची तैयार कर दी गई, जबकि स्थिति का जायजा लेने कोई पात्र परिवारों के घर नहीं पहुुंचा। ऐसे में उन्हें सूचि से बाहर नहीं किया जा सकता।
बाइट 2: राजेंद्र कुमार, निवासी, थाना कसोगा पंचायतConclusion:उल्लेखनीय है कि सिरमौर जिला में पंचायतों द्वारा बीपीएल सूची से पात्र परिवारों के नाम काटने के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। पंचायत द्वारा सही लोगों के नाम बीपीएल सूची से काटे गए हैं या फिर गलत लोगों के, यह सब जांच के बाद ही सामने आ सकेगा।
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