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इलेक्ट्रॉनिक्स स्क्रैप के व्यापार पर लगी कोरोना की नजर! व्यापारियों को सता रही ये चिंता

पांवटा साहिब में इलेक्ट्रॉनिक्स स्क्रैप के व्यापार पर कोरोना की ऐसी नजर लगी कि ये कारोबार कोरोना की भेंट चढ़ गया और काम में मंदी आ गई, जिससे व्यापारियों को अपने जीवन-यापन की चिंता सताने लगी.

Electronic scrap merchant face problem
इलेक्ट्रॉनिक्स स्क्रैप
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Published : Sep 3, 2020, 5:01 PM IST

पांवटा साहिब: कोरोना महामारी की मार हर व्यवसाय और वर्ग पर पड़ी है, जिससे सभी वर्ग की आर्थिक स्तिथि विकास की पटरी से नीचे उतर गई है. वहीं, इलेक्ट्रॉनिक्स स्क्रैप के कारोबारी भी इस मार से अछूते नहीं हैं. इन व्यापारियों का व्यवसाय ठप पड़ा हुआ है और उनके चेहरे पर चिंता की लकीरें देखी जा रही है.

बता दें कि दुकानदारों को इलेक्ट्रॉनिक्स स्क्रैप दिल्ली तक पहुंचाने में भारी परशनियों का सामना करना पड़ता है, क्योंकि कोरोना महामारी के कारण कोई भी दूसरे राज्यों में जाने से परहेज कर रहा है. पांवटा साहिब के कंप्यूटर शोरूम का स्क्रैप दिल्ली का एक व्यापारी हर महीने खरीदता था और दुकानदारों को उसके अच्छे दाम भी मिल जाते थे, लेकिन पिछले पांच महीनों से ये कारोबार कोरोना की भेंट चढ़ गया और काम में मंदी आ गई.

वीडियो.

इलेक्ट्रॉनिक्स स्क्रैप व्यापारी राजू ने बताया कि क्षेत्र में लगभग एक दुकान से 20 हजार रुपये का स्क्रैप इकट्ठा करते थे, जिससे पूरे महीने में उनको 50 हजार रुपये की आमदनी होती थी. उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के कारण घोषित हुए लॉकडाउन की वजह से किसी भी दुकान से एक हजार रुपए का स्क्रैप भी इकट्ठा नहीं हो रहा है, जिससे व्यापार चौपट हो गया है. वहीं, अगर स्क्रैप मिल भी जाए, तो यहां से दिल्ली पहुंचाना बहुत मुश्किल हो गया है.

थोक विक्रेता नरेंद्र सैनी ने बताया कि हर महीने 15 हजार रुपये का स्क्रैप बेचते थे, लेकिन इस बार कोरोना महामारी के कारण घोषित हुए लॉकडाउन में दुकानें बंद रहने से उनको व्यापार में घाटा हुआ है. उन्होंने कहा कि बिजनेस ठप होने की वजह से उनको अपना और अपने परिवार का भरण-पोषण करने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

ये भी पढ़ें: ऊना डीसी ने जारी की एडवाइजरी, कंटेनमेंट जोन के छात्रों को एग्जाम देने की मिली मंजूरी

पांवटा साहिब: कोरोना महामारी की मार हर व्यवसाय और वर्ग पर पड़ी है, जिससे सभी वर्ग की आर्थिक स्तिथि विकास की पटरी से नीचे उतर गई है. वहीं, इलेक्ट्रॉनिक्स स्क्रैप के कारोबारी भी इस मार से अछूते नहीं हैं. इन व्यापारियों का व्यवसाय ठप पड़ा हुआ है और उनके चेहरे पर चिंता की लकीरें देखी जा रही है.

बता दें कि दुकानदारों को इलेक्ट्रॉनिक्स स्क्रैप दिल्ली तक पहुंचाने में भारी परशनियों का सामना करना पड़ता है, क्योंकि कोरोना महामारी के कारण कोई भी दूसरे राज्यों में जाने से परहेज कर रहा है. पांवटा साहिब के कंप्यूटर शोरूम का स्क्रैप दिल्ली का एक व्यापारी हर महीने खरीदता था और दुकानदारों को उसके अच्छे दाम भी मिल जाते थे, लेकिन पिछले पांच महीनों से ये कारोबार कोरोना की भेंट चढ़ गया और काम में मंदी आ गई.

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इलेक्ट्रॉनिक्स स्क्रैप व्यापारी राजू ने बताया कि क्षेत्र में लगभग एक दुकान से 20 हजार रुपये का स्क्रैप इकट्ठा करते थे, जिससे पूरे महीने में उनको 50 हजार रुपये की आमदनी होती थी. उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के कारण घोषित हुए लॉकडाउन की वजह से किसी भी दुकान से एक हजार रुपए का स्क्रैप भी इकट्ठा नहीं हो रहा है, जिससे व्यापार चौपट हो गया है. वहीं, अगर स्क्रैप मिल भी जाए, तो यहां से दिल्ली पहुंचाना बहुत मुश्किल हो गया है.

थोक विक्रेता नरेंद्र सैनी ने बताया कि हर महीने 15 हजार रुपये का स्क्रैप बेचते थे, लेकिन इस बार कोरोना महामारी के कारण घोषित हुए लॉकडाउन में दुकानें बंद रहने से उनको व्यापार में घाटा हुआ है. उन्होंने कहा कि बिजनेस ठप होने की वजह से उनको अपना और अपने परिवार का भरण-पोषण करने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

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