राजगढ़/सिरमौर: हिमाचल प्रदेश दलित शोषण मुक्ति मंच की सिरमौर इकाई भी उत्तर प्रदेश के हाथरस में युवती की मौत और रात के अंधेरे में अंतिम संस्कार के मामले के विरोध में उतर आई है. इस मामले में सिरमौर इकाई ने एसडीएम राजगढ़ के माध्यम से राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को एक ज्ञापन भेजा. ज्ञापन के माध्यम से हिमाचल प्रदेश दलित शोषण मुक्ति मंच की सिरमौर इकाई ने राष्ट्रपति से पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने की मांग की है.
दलित शोषण मुक्ति मंच के लोगों का कहना है कि उत्तर प्रदेश में योगी सरकार और मोदी सरकार के राज में पूरे देश के अंदर दलित समुदाय के लोगों के साथ अन्याय हो रहा है. उन्होंने कहा कि दलितों को आजादी के 73 सालों बाद भी न्याय के लिए सड़कों पर उतरना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि पीड़ित के साथ इतना सब होने के बाद भी उत्तर प्रदेश पुलिस ने शिकायत दर्ज करने में 8 दिन लगाए.
इकाई के लोगों का कहना है कि पुलिस के अधिकारियों ने केस को रजिस्टर करने में लापरवाही दिखाई है. उन्होंने कहा कि एक ही देश में रह रहे लोगों को सरकार अलग-अलग तरह से देखती है, जिसमें दलित व गरीब लोगों के प्रति अलग और अमीर व उच्च जाति के लोगों के प्रति सरकार का अलग नजरिया है. उन्होंने कहा कि राम राज्य की कल्पना करने और विश्वगुरु बनने का सपना देखने वाली सरकार का इस तरह का नजरिया बेहद शर्मनाक है.
मुक्ति मंच का कहना है कि उतर प्रदेश में कानून व्यवस्था को कटघरे के दायरे में है. दलित समाज के लोगों को इस सरकार से कोई उम्मीद नहीं है. लोगों ने राष्ट्रपति कोविंद से आग्रह किया है कि उत्तर प्रदेश की सरकार पर जल्द से जल्द कार्रवाई की जाए. उन्होंने कहा कि हाथरस के एसपी और डीएम को गलत व झूठी बयानबाजी करने पर तुरंत सस्पेंड किया जाए व दोषियों को सख्त से सख्त सजा दी जाए.
इकाई के लोगों ने मांग की है कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को बराबर का दोषी समझ कर उनके पद से हटाया जाए. उन्होंने कहा कि योगी अदित्यनाथ के पद पर रहते हुए पीड़ित परिवार को कभी न्याय नहीं मिल पाएगा. इससे पहले इकाई के लोगों ने एसडीएम कार्यालय राजगढ़ के समीप राजगढ़-नौहरधार सड़क पर जमकर नारेबाजी भी की.
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