नाहन: विकासखंड नाहन की ग्राम पंचायत बर्मा पापड़ी के डाकरा गांव में प्रसूता के कोरोना संक्रमित होने के बाद प्रशासन हरकत में आ गया है. डीसी डॉ. आरके परुथी ने डाकरा गांव को हॉटस्पॉट कंटेनमेंट जोन घोषित किया है. डाकरा गांव के साथ लगते ग्राम पंचायत बर्मा पापड़ी के गांव कंडईवाला, बजारी, लेही, जंगलाभूड, ग्राम पंचायत पालियों के गांव पालियों और भोगपुर सिंबलवाला सहित ग्राम पंचायत त्रिलोकपुर के गांव खड़को को बफर जोन घोषित किया गया है. आगामी आदेशों तक संबंधित क्षेत्र सील रहेंगे.
डीसी डॉ. आरके परुथी ने बताया कि मेडिकल कॉलेज नाहन में भर्ती रही प्रसूता महिला कोरोना पॉजिटिव पाई गई थी. संबंधित महिला 29 मई को भर्ती हुई थी, जिसकी अगले दिन डिलीवरी हुई थी. 2 जून को महिला का कोरोना टेस्ट हुआ था, जिसकी रिपोर्ट 4 जून को आई थी. रिपोर्ट में महिला पॉजिटिव पाई गई थी. इसके बाद जहां से महिला ताल्लुक रखती थी, उस डाकरा गांव को कंटेनमेंट जोन घोषित किया गया है.
साथ ही इसके आसपास की 2 पंचायतों के 8 गांवों को बफर जोन बनाया गया है. जिला दंडाधिकारी ने बताया कि आपदा की स्थिति को छोड़कर इस संपूर्ण क्षेत्र में सभी प्रकार की आवाजाही व सभी प्रकार के समारोह पर पूरा प्रतिबंध रहेगा. बर्मा पापड़ी सड़क मार्ग आवाजाही के लिए खुला रहेगा, परंतु इस क्षेत्र के भीतर वाहन खड़ा करने की अनुमति नहीं होगी.
इस दौरान प्रतिबंधित क्षेत्र के अंदर स्थित दवाइयों की दुकानों को छोड़कर अन्य सभी दुकानें व वाणिज्यिक प्रतिष्ठान बंद रहेंगे. डॉ. परुथी ने बताया कि सील किए गए क्षेत्र में आवश्यक सेवाएं प्रदान कर रहे सभी सरकारी कार्यालय खुले रहेंगे. बशर्ते इन कार्यों में सोशल डिस्टेंसिंग व सरकार की ओर से निर्धारित क्रमवार तरीके से कर्मचारियों की उपस्थिति को सुनिश्चित किया जाए. इसके अतिरिक्त इस क्षेत्र में अन्य सभी कार्यालय बंद रहेंगे.
कंटेनमेंट जोन में अधिकृत व्यक्ति और वाहन के अलावा अन्य सभी व्यक्तियों और वाहनों की आवाजाही प्रतिबंधित रहेगी. बीडीओ नाहन की ओर से कंटेंटमेंट जोन के समय-समय पर सेनिटाइजेशन करवाई जाएगी. इसके अलावा कंटेनमेंट जोन में सभी आवश्यक वस्तुओं की घर द्वार पर आपूर्ति संबंधित ग्राम पंचायत के प्रधान, उप प्रधान, ग्राम पंचायत विकास अधिकारी व पटवारी के सहयोग से सुनिश्चित होगी. उन्होंने संबंधित क्षेत्रों के लोगों से सहयोग की अपील की है.
डीसी ने यह भी बताया कि अगर कोई व्यक्ति इन आदेशों का उल्लंघन करते हुए पाया गया, तो उस व्यक्ति के खिलाफ आईपीसी की धारा 269, 270 और 188 के अलावा आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 की धारा 51, 54 और 56 के तहत कानूनी कार्रवाई की जाएगी.