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सिरमौर: अदालत ने दोषी को सुनाई कठोर कारावास की सजा, जानिए क्या है मामला

जिला एवं सत्र न्यायाधीश आरके चौधरी की अदालत ने एक आरोपी को दोषी करार देते हुए 4 साल 6 महीने के कठोर कारावास व 20 हजार रुपए जुर्माना अदा करने की सजा सुनाई. वहीं,आईपीसी की धारा 302 में आरोपी को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया गया.

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Published : Nov 10, 2021, 8:26 PM IST

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अदालत ने दोषी को सुनाई कठोर कारावास की सजा

नाहन: जिला एवं सत्र न्यायाधीश आरके चौधरी की अदालत ने एक आरोपी को दोषी करार देते हुए 4 साल 6 महीने के कठोर कारावास व 20 हजार रुपए जुर्माना अदा करने की सजा सुनाई. अदालत ने आरोपी राजेश उर्फ छोटू को आईपीसी की धारा 304 के तहत दोषी करार दिया.वहीं, भारतीय सशस्त्र अधिनियम की धारा 25 के तहत भी दोषी को 6 महीने का कारावास व 5 हजार रुपए जुर्माना अदा करने की भी सुनाई, जबकि आईपीसी की धारा 302 में आरोपी को सबूतों के अभाव में बरी किया गया है.


मामले की जानकारी देते हुए जिला न्यायवादी बीएन शांडिल ने बताया कि मामला 26 मार्च 2017 का है. राजगढ़ पुलिस थाने में निशा ने शिकायत दर्ज करवाई थी कि 25 मार्च 2017 को उसका पुत्र संजय दत्त उर्फ सन्नू शाम के समय घर पर नहीं था. निशा के पति ने करीब 6 बजे आरोपी राजेश उर्फ छोटू को उसके मोबाइल पर फोन किया और पूछा कि उनका लड़का तुम्हारे साथ है. इस पर आरोपी राजेश ने कहा कि उनका लड़का उसके साथ नहीं है.

इसी बीच उक्त तिथि पर शाम के साढ़े 7 बजे जब घर के सदस्य खाना खा रहे थे, तो आरोपी राजेश उर्फ छोटू शिकायतकर्ता निशा के घर आया और उसके पति को घर के बाहर आंगन में बुलाया. इसी बीच आरोपी बहसबाजी करने लगा और कहने लगा कि बच्चों को समझा के रखो करो और मैं गोली भी मारता हूं. जिला न्यायवादी ने बताया कि इसी दौरान आरोपी राजेश ने निशा के पति के उपर गोली चला दी, जो उसकी बाई जांघ पर लगी, जिसकी इलाज के दौरान अस्पताल में मौत हो गई.

ये भी पढ़ें :PM 17 नवंबर को पीठासीन अधिकारियों के सम्मेलन को वर्चुअली करेंगे संबोधित ,विधानसभा अध्यक्ष परमार ने दी ये जानकारी

नाहन: जिला एवं सत्र न्यायाधीश आरके चौधरी की अदालत ने एक आरोपी को दोषी करार देते हुए 4 साल 6 महीने के कठोर कारावास व 20 हजार रुपए जुर्माना अदा करने की सजा सुनाई. अदालत ने आरोपी राजेश उर्फ छोटू को आईपीसी की धारा 304 के तहत दोषी करार दिया.वहीं, भारतीय सशस्त्र अधिनियम की धारा 25 के तहत भी दोषी को 6 महीने का कारावास व 5 हजार रुपए जुर्माना अदा करने की भी सुनाई, जबकि आईपीसी की धारा 302 में आरोपी को सबूतों के अभाव में बरी किया गया है.


मामले की जानकारी देते हुए जिला न्यायवादी बीएन शांडिल ने बताया कि मामला 26 मार्च 2017 का है. राजगढ़ पुलिस थाने में निशा ने शिकायत दर्ज करवाई थी कि 25 मार्च 2017 को उसका पुत्र संजय दत्त उर्फ सन्नू शाम के समय घर पर नहीं था. निशा के पति ने करीब 6 बजे आरोपी राजेश उर्फ छोटू को उसके मोबाइल पर फोन किया और पूछा कि उनका लड़का तुम्हारे साथ है. इस पर आरोपी राजेश ने कहा कि उनका लड़का उसके साथ नहीं है.

इसी बीच उक्त तिथि पर शाम के साढ़े 7 बजे जब घर के सदस्य खाना खा रहे थे, तो आरोपी राजेश उर्फ छोटू शिकायतकर्ता निशा के घर आया और उसके पति को घर के बाहर आंगन में बुलाया. इसी बीच आरोपी बहसबाजी करने लगा और कहने लगा कि बच्चों को समझा के रखो करो और मैं गोली भी मारता हूं. जिला न्यायवादी ने बताया कि इसी दौरान आरोपी राजेश ने निशा के पति के उपर गोली चला दी, जो उसकी बाई जांघ पर लगी, जिसकी इलाज के दौरान अस्पताल में मौत हो गई.

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