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नाहन में 'कोरोना सैंपलिंग स्टेशन' की शुरुआत, मिलेगी ये सुविधा

डीसी सिरमौर डॉ. आरके परूथी ने बताया कि डॉक्टर्स और पैरा मेडिकल स्टाफ हमारी सुरक्षा की पहली पंक्ति हैं, अगर यह मजबूत होगी तो आगे संक्रमण को फैलने से रोका जा सकता है, क्योंकि ऐसी भी रिपोर्ट आई है कि डॉक्टर्स और पैरा मेडिकल स्टाफ, जो कोरोना वायरस के मरीजों का उपचार कर रहे हैं, वो भी उनसे संक्रमित हुए हैं.

corona sampling station opens in nahan
नाहन में 'कोरोना सैंपलिंग स्टेशन' की शुरुआत
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Published : Apr 11, 2020, 5:53 PM IST

नाहनः कोरोना वायरस की जांच के लिए जिला आयुर्वेदिक अस्पताल नाहन में कोविड-19 सैंपलिंग स्टेशन की शुरुआत शनिवार को उपायुक्त सिरमौर डॉ. आरके परुथी की मौजूदगी में हुई. सैंपलिंग स्टेशन में एक सेनिटाइजेशन टनल, एक रजिस्ट्रेशन बूथ, मरीजों के लिए वेटिंग हॉल, एक स्क्रीनिंग रूम और एक सैंपलिंग बूथ बनाया गया है. सैंपलिंग बूथ की क्षमता एक दिन में 40 से 50 सैंपल लेने की है. इस बूथ का इस्तेमाल अन्य रोगों की जांच में भी हो सकता है.

वीडियो.

डीसी सिरमौर डॉ. आरके परूथी ने बताया कि डॉक्टर्स और पैरा मेडिकल स्टाफ हमारी सुरक्षा की पहली पंक्ति हैं, अगर यह मजबूत होगी तो आगे संक्रमण को फैलने से रोका जा सकता है, क्योंकि ऐसी भी रिपोर्ट आई है कि डॉक्टर्स और पैरा मेडिकल स्टाफ, जो कोरोना वायरस के मरीजों का उपचार कर रहे हैं, वो भी उनसे संक्रमित हुए हैं.

उन्होंने बताया कि इस सैंपलिंग बूथ में शारीरिक दूरी बनी रहेगी और सारी प्रक्रिया अपने आप ही पूर्ण करेगी. अगर किसी की रिपोर्ट पॉजिटिव आएगी, तो संबंधित अधिकारियों को इसकी जानकारी दी जाएगी और अगर रिपोर्ट निगेटिव आएगी, तो मरीज को इसकी सूचना दे दी जाएगी.

डीसी ने बताया कि जैसे ही कोई मरीज अस्पताल आएगा तो उसे मुख्य द्वार पर बनी सेनिटाइजेशन टनल से होकर गुजरना होगा, जिसमें उसे पूरी तरह सेनिटाइज किया जाएगा. इसके बाद वह अपने हाथ धोएगा, फिर उसके बाद वह रजिस्ट्रेशन बूथ पर जाएगा. मरीज और पंजीकरण कर्मी के पास दोनों तरफ माइक और कंप्यूटर स्क्रीन लगे होंगे, जिससे दोनों के बीच सही संवाद हो सके और मरीज की सारी जानकारी ऑनलाइन पोर्टल पर सही डाली जा सके.

इसके बाद मरीज को टोकन दिया जाएगा और वेटिंग हॉल में अपनी बारी के लिए इंतजार करने को कहा जाएगा. वेटिंग हॉल में बैठने की व्यवस्था सोशल डिस्टेंसिंग की पालना करते हुए की गई है और एलइडी स्क्रीन के माध्यम से मरीजों को सैंपल लेने की विधि की जानकारी दी जाएगी.

टोकन नंबर की घोषणा की जाएगी, जिससे मरीजों को उनकी बारी का पता चलता रहेगा. वहां से मरीज को स्क्रीनिंग रूम में भेजा जाएगा, जहां डॉक्टर जांच करेगा कि मरीज को कोविड-19 टेस्ट करवाने की आवश्यकता है या नहीं. आवश्यकतानुसार सैंपलिंग बूथ के माध्यम से मरीज का सैंपल लिया जाएगा. हर एक सैंपल के बाद पूरे स्टेशन की सेनिटाइजेशन होगी, जिसके लिए पूरी व्यवस्था कर दी गई है. इस पूरी प्रक्रिया के लिए ऑनलाइन पोर्टल तैयार किया गया है, जिससे टेस्ट की रिपोर्ट तैयार होने के बाद अधिकारियों को भी उसकी कॉपी चली जाएगी.

बता दें कि 15 लाख रूपये की लागत से इस सैंपलिंग स्टेशन की स्थापना की गई है. सैंपलिंग बूथ की लंबाई और चौड़ाई चार-चार फुट और ऊंचाई सात फुट है. इसी प्रकार सेनिटाइजेशन टनल की लंबाई और ऊंचाई आठ-आठ फुट है और चौड़ाई पांच फुट है. स्टेशन में निगरानी के लिए सीसीटीवी कैमरा और एलइडी स्क्रीन भी लगाई गई है. कंपनी के स्टाफ द्वारा डॉक्टर्स और पैरा मेडिकल स्टाफ को मशीन के संचालन से संबंधित जरूरी ट्रेनिंग दी जा रही है.

पढ़ेंः भाजपा विधायक ने लॉकडाउन में भीड़ के बीच मनाया जन्मदिन, वीडियो वायरल

नाहनः कोरोना वायरस की जांच के लिए जिला आयुर्वेदिक अस्पताल नाहन में कोविड-19 सैंपलिंग स्टेशन की शुरुआत शनिवार को उपायुक्त सिरमौर डॉ. आरके परुथी की मौजूदगी में हुई. सैंपलिंग स्टेशन में एक सेनिटाइजेशन टनल, एक रजिस्ट्रेशन बूथ, मरीजों के लिए वेटिंग हॉल, एक स्क्रीनिंग रूम और एक सैंपलिंग बूथ बनाया गया है. सैंपलिंग बूथ की क्षमता एक दिन में 40 से 50 सैंपल लेने की है. इस बूथ का इस्तेमाल अन्य रोगों की जांच में भी हो सकता है.

वीडियो.

डीसी सिरमौर डॉ. आरके परूथी ने बताया कि डॉक्टर्स और पैरा मेडिकल स्टाफ हमारी सुरक्षा की पहली पंक्ति हैं, अगर यह मजबूत होगी तो आगे संक्रमण को फैलने से रोका जा सकता है, क्योंकि ऐसी भी रिपोर्ट आई है कि डॉक्टर्स और पैरा मेडिकल स्टाफ, जो कोरोना वायरस के मरीजों का उपचार कर रहे हैं, वो भी उनसे संक्रमित हुए हैं.

उन्होंने बताया कि इस सैंपलिंग बूथ में शारीरिक दूरी बनी रहेगी और सारी प्रक्रिया अपने आप ही पूर्ण करेगी. अगर किसी की रिपोर्ट पॉजिटिव आएगी, तो संबंधित अधिकारियों को इसकी जानकारी दी जाएगी और अगर रिपोर्ट निगेटिव आएगी, तो मरीज को इसकी सूचना दे दी जाएगी.

डीसी ने बताया कि जैसे ही कोई मरीज अस्पताल आएगा तो उसे मुख्य द्वार पर बनी सेनिटाइजेशन टनल से होकर गुजरना होगा, जिसमें उसे पूरी तरह सेनिटाइज किया जाएगा. इसके बाद वह अपने हाथ धोएगा, फिर उसके बाद वह रजिस्ट्रेशन बूथ पर जाएगा. मरीज और पंजीकरण कर्मी के पास दोनों तरफ माइक और कंप्यूटर स्क्रीन लगे होंगे, जिससे दोनों के बीच सही संवाद हो सके और मरीज की सारी जानकारी ऑनलाइन पोर्टल पर सही डाली जा सके.

इसके बाद मरीज को टोकन दिया जाएगा और वेटिंग हॉल में अपनी बारी के लिए इंतजार करने को कहा जाएगा. वेटिंग हॉल में बैठने की व्यवस्था सोशल डिस्टेंसिंग की पालना करते हुए की गई है और एलइडी स्क्रीन के माध्यम से मरीजों को सैंपल लेने की विधि की जानकारी दी जाएगी.

टोकन नंबर की घोषणा की जाएगी, जिससे मरीजों को उनकी बारी का पता चलता रहेगा. वहां से मरीज को स्क्रीनिंग रूम में भेजा जाएगा, जहां डॉक्टर जांच करेगा कि मरीज को कोविड-19 टेस्ट करवाने की आवश्यकता है या नहीं. आवश्यकतानुसार सैंपलिंग बूथ के माध्यम से मरीज का सैंपल लिया जाएगा. हर एक सैंपल के बाद पूरे स्टेशन की सेनिटाइजेशन होगी, जिसके लिए पूरी व्यवस्था कर दी गई है. इस पूरी प्रक्रिया के लिए ऑनलाइन पोर्टल तैयार किया गया है, जिससे टेस्ट की रिपोर्ट तैयार होने के बाद अधिकारियों को भी उसकी कॉपी चली जाएगी.

बता दें कि 15 लाख रूपये की लागत से इस सैंपलिंग स्टेशन की स्थापना की गई है. सैंपलिंग बूथ की लंबाई और चौड़ाई चार-चार फुट और ऊंचाई सात फुट है. इसी प्रकार सेनिटाइजेशन टनल की लंबाई और ऊंचाई आठ-आठ फुट है और चौड़ाई पांच फुट है. स्टेशन में निगरानी के लिए सीसीटीवी कैमरा और एलइडी स्क्रीन भी लगाई गई है. कंपनी के स्टाफ द्वारा डॉक्टर्स और पैरा मेडिकल स्टाफ को मशीन के संचालन से संबंधित जरूरी ट्रेनिंग दी जा रही है.

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