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108 में हुई महिला की डिलीवरी, मां हार चुकी थी हौसला...एंबुलेंस कर्मियों ने सीपीआर देकर बचाई बच्चे की जान - नवजात को 25 मिनट तक कृत्रिम सांस

सुबह छह बजे के करीब शिलाई निवासी कौशल्या देवी को 108 एंबुलेंस प्रसव के लिए अस्पताल ले जा रही थी. इसी दौरान शिलाई से 20 किलोमीटर दूर बोराड के पास मरीज की तबीयत खराब होने लगी. 108 एंबुलेस में मौजूद ईएमटी और अन्य स्टाफ ने एंबुलेंस में ही महिला की डिलीवरी करवाने का फैसला लिया.

108 employee saved new born by CPR
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Published : Nov 16, 2019, 5:53 PM IST

पांवटा साहिबः जिला सिरमौर के शिलाई क्षेत्र में समय पर अस्पताल न पहुंचने पर एक महिला का प्रसव एम्बुलेंस में करवाना पड़ा. प्रसव के बाद नवजात शिशु बेहोशी की हालत में था. मामले की गंभीरता को देखते हुए 108 कर्मचारियों ने तुरंत सीपीआर देकर बच्चे की जान बचाई. तकरीबन 10 मिनट के बाद बच्चे की हालत में सुधार हुआ.

बता दें कि सुबह छह बजे के करीब शिलाई निवासी कौशल्या देवी को 108 एंबुलेंस प्रसव के लिए अस्पताल ले जा रही थी. इसी दौरान शिलाई से 20 किलोमीटर दूर बोराड के पास मरीज की तबीयत खराब होने लगी. 108 एंबुलेस में मौजूद ईएमटी और अन्य स्टाफ ने एंबुलेंस में ही महिला की डिलीवरी करवाने का फैसला लिया. महिला के पेट में बच्चा उल्टा हुआ था. ईमटी बस्ती राम और पायलट प्रदीप ने किसी तरह से महिला की डिलीवरी करवाई.

डिलीवरीहोने के बाद बच्चा बेहोश हालत में था, परिजन भी हिम्मत हार चुके थे, लेकिन बिना देर किए ईएमटी और पायलट ने तुरंत बच्चे को सीपीआर दिया. करीब दस मिनट के बाद बच्चे की हालत में सुधार होने लगा और तुरंत पांवटा अस्पताल पहुंचाया गया जहां दोनों स्वस्थ्य लाभ ले रहे हैं.

पांवटा साहिबः जिला सिरमौर के शिलाई क्षेत्र में समय पर अस्पताल न पहुंचने पर एक महिला का प्रसव एम्बुलेंस में करवाना पड़ा. प्रसव के बाद नवजात शिशु बेहोशी की हालत में था. मामले की गंभीरता को देखते हुए 108 कर्मचारियों ने तुरंत सीपीआर देकर बच्चे की जान बचाई. तकरीबन 10 मिनट के बाद बच्चे की हालत में सुधार हुआ.

बता दें कि सुबह छह बजे के करीब शिलाई निवासी कौशल्या देवी को 108 एंबुलेंस प्रसव के लिए अस्पताल ले जा रही थी. इसी दौरान शिलाई से 20 किलोमीटर दूर बोराड के पास मरीज की तबीयत खराब होने लगी. 108 एंबुलेस में मौजूद ईएमटी और अन्य स्टाफ ने एंबुलेंस में ही महिला की डिलीवरी करवाने का फैसला लिया. महिला के पेट में बच्चा उल्टा हुआ था. ईमटी बस्ती राम और पायलट प्रदीप ने किसी तरह से महिला की डिलीवरी करवाई.

डिलीवरीहोने के बाद बच्चा बेहोश हालत में था, परिजन भी हिम्मत हार चुके थे, लेकिन बिना देर किए ईएमटी और पायलट ने तुरंत बच्चे को सीपीआर दिया. करीब दस मिनट के बाद बच्चे की हालत में सुधार होने लगा और तुरंत पांवटा अस्पताल पहुंचाया गया जहां दोनों स्वस्थ्य लाभ ले रहे हैं.

Intro:Body:शिलाई : जटिल प्रसव के बाद, कृत्रिम सांस देकर बचाई बच्चे की जान
108 कर्मी का कमाल, जच्चा बच्चा स्वस्थ



स्वास्थ्य केंद्र शिलाई पौण्टा टीपू सुल्तान के लिए रैप एक जटिल प्रसव पीड़ा मजबूरन 108 में करवानी पडी। इस दौरान नवजात शिशु बेहोशी की हालत में चला गया था जिसे 108 के कर्मचारी ने तुरंत सीपीआर दी परिणाम स्वरूप बच्चा तकरीबन 10 मिनट बाद मिनट बाद स्वास्थ्य लाभ लेने लगा।

यह मामला जिला सिरमौर के पहाड़ी क्षेत्र शिलाई अस्पताल से जुड़ा हुआ है अल्ट्रासाउड रिपोर्ट और शिलाई में चेकअप के बाद बच्चा उल्टा पाया गया था।

ऐसी गंभीर स्थिति में जब पांवटा सिविल अस्पताल शिलाई से 75 किलोमीटर दूर था। 108 से लाते वक्त बीच रास्ते महिला को प्रसवपीड़ा शुरू हो गई।

सुबह छह बजे के करीब शिलाई से ,कोशल्या देवी पत्नी राजेश को पांवटा अस्पताल के लिए रेफर किया ओर कहा कि बच्चा उल्टा है यहाँ डीलिवरी करवाना संभव नहीं है।

यह केस शिलाई आईएफटी के ईमटी बस्ती राम ओर पायलट प्रदीप को दिया गया। लेकिन शिलाई से बीस किलोमीटर की दूरी पर बोराड के पास महिला की जयादा हालत खराब होने पर महिला की डीलिवरी करवानी पडी।

डीलिवरी इतनी जटिल थी कि पहले बच्चे के पैर निकलने शुरू हुए लेकिन ईमटी बस्ती राम की कार्य की सरहाना करनी पड़ेगी जिन्होने सफलता पूर्वक डीलिवरी करवाई। और एक स्वस्थ लडके को जन्म दिया है ।

डीलीबरी होने के बाद बच्चा बेहोश हालत में था। परिजन भी हिम्मत हार चुके थे। लेकिन बिना देर गवांऐ तुरंत बच्चे को सीपीआर दिया गया लगभग दस मिनट के बाद बच्चे की हालत में सुधार होने लगा और तुरंत पांवटा अस्पताल पहुचाया गया जहाँ दोनो स्वस्थ्य लाभ ले रहे हैं।

Conclusion:
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