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बेटों से ज्यादा पढ़ाकू हैं हिमाचल की बेटियां, एचपीयू में 70 फीसदी है संख्या - एचपीयू में लड़कियों की संख्या

हिमाचल प्रदेश यूनिवर्सिटी में लड़कों के मुकाबले लड़कियों की संख्या ज्यादा है. यहां पर पढ़ने वाली लड़कियों की संख्या 70 प्रतिशत है. विभिन्न कोर्सेज में 1,945 स्टूडेंट्स ने प्रवेश लिया है. इसमें से 826 लड़के हैं जबकि 1,117 लड़किया हैं. पीएचडी हासिल करने वाले छात्रों में भी 80-90 प्रतिशत लड़किया ही हैं. हालांकि जब छात्राओं से बात की गई तो ज्यादा संख्या के साथ ज्यादा परेशानियां भी होने की बात सामने आई.

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Published : Mar 26, 2021, 4:21 PM IST

शिमला: प्रदेश में उच्च शिक्षा हासिल करने में भी लड़कों के मुकाबले लड़कियां ज्यादा आगे है. उच्च शिक्षा हासिल करने के साथ है लड़कियों का प्रदर्शन भी शिक्षा के क्षेत्र में बेहतर रहता है. बात अगर हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय की कि जाए तो यहां भी यही बात साबित होती नज़र आ रही है कि हर विभाग में पढ़ने वाले छात्रों में लकड़ियों की संख्या लड़को से कहीं ज्यादा है.

लड़कों के मुकाबले ज्यादा लड़कियां

हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में 63 से अधिक कोर्सेज है जिसमें से अधिकतर कोर्सेज में लकड़ियों की संख्या लड़कों से अधिक है. इस सत्र की बात की जाए तो एचपीयू में सभी कोर्सेज में 1945 छात्रों ने प्रवेश लिया है. इसमें से छात्रों की संख्या 826 है और छात्राओं की संख्या 1,117 है.

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पीएचडी में 80-90 फीसदी छात्राएं

दूसरे समेस्टर में भी यही संख्या देखने को मिल रही है. हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में हर साल आयोजित होने वाले दीक्षांत समारोह में पीएचडी उपाधियां हासिल करने के साथ ही गोल्ड मैडल हासिल करने वाले छात्रों में 80 से 90 फीसदी छात्राएं ही शामिल होती हैं.

विश्वविद्यालय का माहौल सकारात्मक

विश्वविद्यालय में शिक्षा ग्रहण करने वाली छात्राओं का कहना है कि उच्च शिक्षा हासिल करने के लिए वह दूर दराज क्षेत्रों से आ रही हैं. परिवार से भी उन्हें सहयोग मिल रहा है और हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में भी उन्हें माहौल सकारात्मक मिलता है.

लड़कियों की संख्या के मुकाबले कम हॉस्टल

विश्वविद्यालय में छात्रों के मुकाबले छात्राओं के लिए हॉस्टल की संख्या अधिक है. हालांकि इसके बावजूद भी सभी छात्राओं को हॉस्टल नहीं मिल पा रहा है. अब विश्वविद्यालय कुछ नए हॉस्टलों का निर्माण करने जा रहा है. इससे अधिक से अधिक छात्राओं को हॉस्टल मिल सकेंगे.

कैंपस हॉस्टल नहीं मिलने से परेशानी

विश्वविद्यालय में छात्राओं को तरह की सुविधाएं उन्हें मिल रही हैं लेकिन अभी भी कुछ एक सुविधाओं का आभाव है. यहां हॉस्टल की संख्या कम है जिसकी वजह से छात्राओं को हॉस्टल नहीं मिल पाते हैं. उन्हें कैंपस से दूर किराए के कमरों में रहना पड़ता है. इस वजह से वह कैंपस में 24 घंटे खुली रहने वाली लाइब्रेरी में पढ़ने के लिए नहीं आ पाती हैं.

ये भी पढ़ें: कोरोना से लड़ने में हिमाचलियों ने दिल खोलकर दिया दान, खजाने में जमा हुए 84 करोड़, मंडी टॉप पर

शिमला: प्रदेश में उच्च शिक्षा हासिल करने में भी लड़कों के मुकाबले लड़कियां ज्यादा आगे है. उच्च शिक्षा हासिल करने के साथ है लड़कियों का प्रदर्शन भी शिक्षा के क्षेत्र में बेहतर रहता है. बात अगर हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय की कि जाए तो यहां भी यही बात साबित होती नज़र आ रही है कि हर विभाग में पढ़ने वाले छात्रों में लकड़ियों की संख्या लड़को से कहीं ज्यादा है.

लड़कों के मुकाबले ज्यादा लड़कियां

हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में 63 से अधिक कोर्सेज है जिसमें से अधिकतर कोर्सेज में लकड़ियों की संख्या लड़कों से अधिक है. इस सत्र की बात की जाए तो एचपीयू में सभी कोर्सेज में 1945 छात्रों ने प्रवेश लिया है. इसमें से छात्रों की संख्या 826 है और छात्राओं की संख्या 1,117 है.

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पीएचडी में 80-90 फीसदी छात्राएं

दूसरे समेस्टर में भी यही संख्या देखने को मिल रही है. हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में हर साल आयोजित होने वाले दीक्षांत समारोह में पीएचडी उपाधियां हासिल करने के साथ ही गोल्ड मैडल हासिल करने वाले छात्रों में 80 से 90 फीसदी छात्राएं ही शामिल होती हैं.

विश्वविद्यालय का माहौल सकारात्मक

विश्वविद्यालय में शिक्षा ग्रहण करने वाली छात्राओं का कहना है कि उच्च शिक्षा हासिल करने के लिए वह दूर दराज क्षेत्रों से आ रही हैं. परिवार से भी उन्हें सहयोग मिल रहा है और हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में भी उन्हें माहौल सकारात्मक मिलता है.

लड़कियों की संख्या के मुकाबले कम हॉस्टल

विश्वविद्यालय में छात्रों के मुकाबले छात्राओं के लिए हॉस्टल की संख्या अधिक है. हालांकि इसके बावजूद भी सभी छात्राओं को हॉस्टल नहीं मिल पा रहा है. अब विश्वविद्यालय कुछ नए हॉस्टलों का निर्माण करने जा रहा है. इससे अधिक से अधिक छात्राओं को हॉस्टल मिल सकेंगे.

कैंपस हॉस्टल नहीं मिलने से परेशानी

विश्वविद्यालय में छात्राओं को तरह की सुविधाएं उन्हें मिल रही हैं लेकिन अभी भी कुछ एक सुविधाओं का आभाव है. यहां हॉस्टल की संख्या कम है जिसकी वजह से छात्राओं को हॉस्टल नहीं मिल पाते हैं. उन्हें कैंपस से दूर किराए के कमरों में रहना पड़ता है. इस वजह से वह कैंपस में 24 घंटे खुली रहने वाली लाइब्रेरी में पढ़ने के लिए नहीं आ पाती हैं.

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