शिमला : करवाचौथ पर सुहागिन अपने पति की लंबी आयु के लिए व्रत रखती हैं. करवा चौथ के मौके पर सुहागिन अपने हाथों पर मेहंदी रचाती हैं, हाथों पर मेहंदी से तरह-तरह के डिजाइन डिजाइन बनाए जाते हैं. लेकिन इस बार करवा चौथ पर हिमाचल की महिलाओं ने एक नया ट्रेंड शुरू किया है. महिलाएं करवाचौथ पर अपने-अपने पति के लिए दीर्घायु तो मांग रही हैं, साथ में वे मेहंदी लगाकर अपने पति की ओपीएस या ओल्ड पेंशन स्कीम बहाल करने की भी मांग कर रही हैं. (Mehndi in support of OPS) (OPS demand on Karva Chauth) (Women Demands OPS on Karva Chauth) (Women Supports OPS in Himachal) (Himachal Employees News)
OPS के समर्थन में रचाई मेहंदी- यहां महिलाओं ने करवा चौथ पर ओपीएस की मांग का अनोखा तरीका निकाला है. करवा चौथ के मौके पर महिलाएं अपने हाथों पर मेहंदी के तरह-तरह के डिजाइन बनवाती हैं. इस बार महिलाओं ने ओपीएस के समर्थन में भी मेहंदी लगवाई है. मेहंदी से बकायदा हाथ पर ओपीएस के समर्थन में डिजाइन बनाया गया है. हाथ पर मेहंदी से We Want OPS और NPS Go Back के नारे लिखे गए हैं. (OPS in Himachal) (OPS Demand on Karva Chauth)
ओपीएस की मांग कर रहे हैं कर्मचारी- हिमाचल के कर्मचारी बीते 1 साल से ज्यादा समय से ओपीएस बहाली को लेकर आंदोलनरत हैं. कर्मचारी इस मांग को लेकर पदयात्रा के साथ ही विधानसभा का घेराव भी कर चुके हैं. कर्मचारी लगातार सरकार से पुरानी पेंशन की मांग कर रहे हैं इस बीच वे महिलाएं, जिनके पति सरकारी नौकरी में हैं, वे भी अब अपने पति के लिए ओपीएस की मांग करवा चौथ पर कर रही हैं. इसके लिए महिलाओं ने ओपीएस के नाम की मेहंदी हाथों पर रचवाई है.
इस बार हिमाचल में OPS चुनावी मुद्दा- दरअसल हिमाचल में ओपीएस इस बार सबसे बड़े चुनावी मुद्दों में से एक है. प्रदेश में चुनाव की तारीखों का ऐलान होने वाला है और प्रदेश के कर्मचारी पिछले लंबे वक्त से ओल्ड पेंशन स्कीम को लागू करने की मांग कर रहे हैं. जिसे लेकर कर्मचारी प्रदर्शन भी कर चुके हैं. इस बीच कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने ओल्ड पेंशन स्कीम का समर्थन किया है. कांग्रेस ने बकायदा ऐलान कर दिया है कि हिमाचल में सरकार बनते ही ओपीएस लागू किया जाएगा. जबकि हिमाचल की बीजेपी सरकार ओपीएस को लेकर बैकफुट पर नजर आ रही है. ऐसे में मुद्दा चुनावी बन गया है, जो चुनावी नतीजों का रुख भी मोड़ सकता है.
हिमाचल में सरकारी कर्मचारी बड़ा वोट बैंक- दरअसल हिमाचल में सरकारी कर्मचारी सबसे बड़ा वोट बैंक है. प्रदेश में इस समय सरकारी और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों में 2,40,640 कर्मचारी सेवारत हैं. इसके अलावा प्रदेश में 1,90,000 पेंशनर्स हैं. अगर इन ढाई लाख कर्मचारियों के साथ कम से कम 6 से 8 लोग भी जुड़ें हों तो ये आंकड़ा 20 लाख के करीब पहुंचता है, जिनमें से एक बड़ी तादाद वोटर्स की है. ऐसे में ये तादाद प्रदेश में सियासी दलों का समीकरण बना और बिगाड़ सकती है. ये वोटर्स यदि एक तरफ झुक जाएं तो सत्ता का तख्ता पलट जाएगा. इस समय सरकार से कर्मचारी अलग-अलग मुद्दों पर सरकार से नाराज हैं. (Govt Employees in Himachal) (HP Govt Employees News)
ओपीएस पर कांग्रेस फ्रंटफुट पर बीजेपी बैकफुट पर- कांग्रेस ने हिमाचल विधानसभा चुनाव में ओपीएस को सबसे बड़ा मुद्दा बनाया है. कांग्रेस राजस्थान और छत्तीसगढ़ में पुरानी पेंशन की बहाली का हवाला दे रही है, इन दोनों राज्यों में कांग्रेस की सरकार है. राहुल गांधी से लेकर पार्टी के कई बड़े नेता ओपीएस को अपना रुख साफ कर चुके हैं. वहीं ओल्ड पेंशन को लेकर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर कह चुके हैं कि ओपीएस मुद्दा है लेकिन ये केंद्र सरकार की मदद के बगैर मुमकिन नहीं है.
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