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स्कूलों में जल्द शुरू होंगे वर्चुअल क्लास रूम, इस जिला से होगी शुरुआत

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Published : Oct 12, 2019, 9:01 PM IST

स्कूलों में टीचर्स की कमी को दूर करने के लिए शिक्षा विभाग जल्द वर्चुअल क्लास रूम शुरू करने जा रहा है. गर्ल्स स्कूल पोर्टमोर से इसकी शुरुआत की जाएगी.

कॉन्सेप्ट इमेज


शिमला: प्रदेश के जिन स्कूलों में टीचर्स की कमी है उन स्कूलों में जल्द ही वर्चुअल क्लास रूम की शुरुआत की जाएगी. कॉलेजों में वर्चुअल क्लास रूम का कॉन्सेप्ट सफल होने के बाद शिक्षा विभाग अब स्कूली स्तर पर इस कॉन्सेप्ट को शुरू करने जा रहा है.

वर्चुअल क्लास रूम की शुरुआत राजधानी शिमला के गर्ल्स स्कूल पोर्टमोर से की जा रही, जिससे शिमला के दूरदराज क्षेत्रों के 20 स्कूलों को जोड़ा जाएगा. इन स्कूलों में वो स्कूल शामिल हैं, जहां टीचर्स की कमी है. शिक्षा विभाग ने इसके लिए रिपोर्ट तैयार कर ली है.

वीडियो.

बता दें कि वर्चुअल क्लास के जरिए स्टूडेंट्स वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पढ़ाई कर सकते हैं. शिक्षा विभाग ने इन वर्चुअल क्लास रूम की शुरुआत मंडी जिला के आठ कॉलेजों से की थी. इसके सफल क्रियान्वयन के बाद अब स्कूली स्तर पर इसकी शुरुआत की जाएगी, जिसके लिए शिमला का चयन किया गया है.

कॉलेजों में वर्चुअल क्लासरूम के लिए मंडी को नोडल कॉलेज बनाया गया है, जिससे आसपास के आठ ऐसे कॉलेजों को जोड़ा गया है जहां शिक्षकों की कमी है. इन वर्चुअल क्लासों को हर रोज मॉनिटर किया जा रहा है. शिक्षा विभाग के निदेशक डॉ.अमरजीत कुमार शर्मा ने कहा कि प्रदेश के कॉलेज और स्कूलों में जहां शिक्षकों की कमी है वहां वर्चुअल क्लास रूम बेहद फायदेमंद साबित होगी.


शिमला: प्रदेश के जिन स्कूलों में टीचर्स की कमी है उन स्कूलों में जल्द ही वर्चुअल क्लास रूम की शुरुआत की जाएगी. कॉलेजों में वर्चुअल क्लास रूम का कॉन्सेप्ट सफल होने के बाद शिक्षा विभाग अब स्कूली स्तर पर इस कॉन्सेप्ट को शुरू करने जा रहा है.

वर्चुअल क्लास रूम की शुरुआत राजधानी शिमला के गर्ल्स स्कूल पोर्टमोर से की जा रही, जिससे शिमला के दूरदराज क्षेत्रों के 20 स्कूलों को जोड़ा जाएगा. इन स्कूलों में वो स्कूल शामिल हैं, जहां टीचर्स की कमी है. शिक्षा विभाग ने इसके लिए रिपोर्ट तैयार कर ली है.

वीडियो.

बता दें कि वर्चुअल क्लास के जरिए स्टूडेंट्स वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पढ़ाई कर सकते हैं. शिक्षा विभाग ने इन वर्चुअल क्लास रूम की शुरुआत मंडी जिला के आठ कॉलेजों से की थी. इसके सफल क्रियान्वयन के बाद अब स्कूली स्तर पर इसकी शुरुआत की जाएगी, जिसके लिए शिमला का चयन किया गया है.

कॉलेजों में वर्चुअल क्लासरूम के लिए मंडी को नोडल कॉलेज बनाया गया है, जिससे आसपास के आठ ऐसे कॉलेजों को जोड़ा गया है जहां शिक्षकों की कमी है. इन वर्चुअल क्लासों को हर रोज मॉनिटर किया जा रहा है. शिक्षा विभाग के निदेशक डॉ.अमरजीत कुमार शर्मा ने कहा कि प्रदेश के कॉलेज और स्कूलों में जहां शिक्षकों की कमी है वहां वर्चुअल क्लास रूम बेहद फायदेमंद साबित होगी.

Intro:प्रदेश के जिन स्कूलों में शिक्षकों की कमी है वहां छात्रों की पढ़ाई अब बाधित नहीं होगी। स्कूल में जिस विषय का शिक्षक नहीं है उस विषय की कक्षाएं भी स्कूलों में सुचारू रूप से चलेगी ओर इस व्यवस्था को शिक्षा विभाग डॉ सीवी रमन वर्चुअल क्लास रूम से संभव करने जा रहा है। कॉलेजों में वर्चुअल क्लासरूम का कॉन्सेप्ट सफल होने के बाद अब शिक्षा विभाग की ओर से स्कूली स्तर पर भी इसकी शुरुआत की जा रही है। स्कूलों में इन वर्चुअल क्लास रूम की शुरुआत राजधानी शिमला के स्कूलों से ही की जा रही है जिसके लिए नोडल स्कूल राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला पोर्टमोर को बनाया जाएगा।


Body:पोर्टमोर स्कूल से वर्चुअल क्लासरूम की शुरुआत की जा रही है जिससे शिमला के दूरदराज के क्षेत्रों के 20 स्कूलों को जोड़ा जाएगा। इन 20 स्कूलों में वह स्कूल शामिल जहां शिक्षकों की कमी है। जिन स्कूलों को वर्चुअल क्लास रूम से जोड़ा जाना है उनकी सूची भी शिक्षा विभाग की ओर से तैयार कर ली गई है। एक माह के अंदर इस वर्चुअल क्लास रूम से लेक्चर देना शुरू कर दिया जाएगा। वर्चुअल क्लास रूम का फायदा यह होगा कि शिमला म पोर्टमोर स्कूल से जिन स्कूलों को जोड़ा जाएगा उन स्कूलों में जिन विषयों के शिक्षक नहीं है उन्हें पोर्टमोर स्कूल से ही शिक्षक उस विषय की पढ़ाई ऑनलाइन वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से करवाएंगे। यानी विषय से संबंधित लेक्चर पोर्टमोर स्कूल में दिया जाएगा ओर जिन स्कूलों को वर्चुअल क्लास रूम से जोड़ा गया है उसमें आसानी से छात्र इस लेक्चर को ऑनलाइन ही सुन सकेंगे।


Conclusion:शिक्षा विभाग ने इन वर्चुअल क्लासरूम की पायलट बेस पर शुरुआत मंडी जिला के आठ कॉलेजों में की है। इसके सफल क्रियान्वयन होने के बाद अब स्कूली स्तर पर इसकी शुरुआत की जा रही है जिसके लिए शिमला का चयन किया गया है। मंडी में वर्चुअल क्लासरूम के लिए मंडी कॉलेज को नोडल कॉलेज बनाया गया है जिससे आसपास के आठ ऐसे कॉलेजों को जोड़ा गया है जहां शिक्षकों की कमी है। इन वर्चुअल क्लासिस को हररोज मॉनिटर किया जा रहा है। शिक्षा विभाग के निदेशक डॉ.अमरजीत कुमार शर्मा ने कहा कि प्रदेश के कॉलेज और स्कूलों में जहां शिक्षकों की कमी है वहां शिक्षकों की कमी को दूर करने के लिए वर्चुअल क्लास रूम बेहद फायदेमंद साबित हो रहे हैं। मंडी कॉलेज में वर्चुअल क्लास रूम का पायलट पोजेक्ट सफल होने के बाद अब स्कूली स्तर पर इसकी शुरुआत शिमला से की जा रही है। शिक्षा निदेशक ने माना की प्रदेश के स्कूलों में शिक्षकों की कमी है ऐसे में शिक्षा विभाग ने विकल्प के तौर पर वर्चुअल क्लास रूम की शुरुवात की है जिसमें उस कॉलेज और स्कूल को नोडल स्कूल ओर कॉलेज बनाया जाता है जहां शिक्षकों की संख्या अधिक होती है। इससे नोडल स्कूल ओर कॉलेज के शिक्षक अलग-अलग विषयों के लेक्चर देते है जिसे शिक्षण संस्थानों में छात्र ऑनलाइन वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुन सकेंगे।
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