शिमला: हर बार रिकॉर्ड मतदान के लिए चर्चित छोटा पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव में कई अनोखे रिकॉर्ड बनाने के लिए भी विख्यात रहा है. इस बार भी राज्य के मतदाताओं ने बंपर मतदान का रिकॉर्ड बनाया है. इसके साथ ही हिमाचल में ये जिज्ञासा भी हो रही है कि इस बार कौन सा नेता सबसे अधिक मतों के साथ जीत दर्ज करेगा. पिछले चुनाव में ये सेहरा नाचन के विधायक विनोद कुमार के सिर पर बंधा था. (Virbhadra Singh has a unique record in Himachal)
5 बार रिकॉर्ड मतों से जीते वीरभद्र: वैसे इतिहास की बात की जाए तो हिमाचल की राजनीति के किंग वीरभद्र सिंह के नाम एक अनूठा रिकॉर्ड है. वे अपने सियासी जीवन में अलग-अलग विधानसभा क्षेत्रों से चुनाव लड़े और पांच बार रिकॉर्ड मत हासिल कर अपने समर्थकों द्वारा जन-जन के नेता कहे गए. भाजपा के वरिष्ठ नेता और दो बार के सीएम प्रेम कुमार धूमल भी राज्य के कद्दावर नेताओं में शुमार हैं. वे भी रिकॉर्ड मतों से जीत हासिल कर चुके हैं. (Virbhadra Singh won the election five times)
24 हजार 626 वोटों से जीते चुनाव: नब्बे के दशक की बात है. हिमाचल में विधानसभा चुनाव थे. उस समय शांता कुमार राज्य के सीएम बने थे. तब वीरभद्र सिंह रोहड़ू से चुनाव लड़ते थे. वर्ष 1990 के चुनाव में वीरभद्र सिंह ने 24 हजार 626 वोटों से जीत हासिल की. शांता कुमार की सरकार केवल ढाई वर्ष ही चली. उसके बाद वर्ष 1993 में विधानसभा चुनाव हुए और कांग्रेस ने सत्ता में वापसी की. तब फिर से वीरभद्र सिंह ने रिकॉर्ड मतों से जीत हासिल की. वर्ष 1993 के चुनाव में वीरभद्र सिंह ने 19 हजार 946 मतों के अंतर विजयश्री का वरण किया.
हिमाचल विकास कांग्रेस का नाम उभरा: वर्ष 1998 में हिमाचल की राजनीति में हिमाचल विकास कांग्रेस का नाम उभरा. पंडित सुखराम के नेतृत्व में पार्टी ने पांच सीटें जीत ली तब बेशक कांग्रेस सत्ता से बाहर हो गई, लेकिन वीरभद्र सिंह का जलवा बरकरार रहा. वीरभद्र सिंह ने 1998 में रिकॉर्ड 26 हजार 148 मतों से रोहड़ू विधानसभा क्षेत्र से चुनाव जीता. ये अब तक का रिकॉर्ड है. दिलचस्प बात ये रही कि 1998 के चुनाव में मंडी से सुखराम ने भी भारी मतों से जीत हासिल की. पंडित सुखराम ने मंडी सदर से 18 हजार 989 मतों से रिकॉर्ड जीत हासिल की. हिमाचल के पूर्व सीएम व दिग्गज कांग्रेस नेता रामलाल ठाकुर ने तब 18 हजार, 034 मतों से चुनाव जीता था. यानी तीनों बड़े नेताओं ने रिकॉर्ड जीत हासिल की.
नई सदी में भी वीरभद्र का जलवा कायम:नई सदी में भी वीरभद्र सिंह का जलवा कायम रहा. वर्ष 2003 में हिमाचल में फिर से विधानसभा चुनाव हुए. वीरभद्र सिंह रोहड़ू से चुनाव मैदान में उतरे. रोहड़ू उनका पसंदीदा निर्वाचन क्षेत्र रहा है. इस चुनाव में भी उन्होंने 17 हजार, 289 वोटों से जीत हासिल की. पहली बार सीएम बने प्रेम कुमार धूमल ने 2003 का चुनाव हमीरपुर से बमसन से लड़ा था और वे भी शानदार जीत हासिल कर चर्चा में रहे. तब बेशक सत्ता चली गई, लेकिन प्रेम कुमार धूमल 15 हजार 698 मतों की जीत के साथ तीसरे नंबर पर रहे. दूसरे नंबर पर रामपुर से कांग्रेस के सिंघीराम थे. फिर आया वर्ष 2007 का चुनाव और सत्ता का ताज भाजपा को मिला. (bumper voting in himachl)
प्रेम कुमार धूमल का गोल्डन टाइम: इस बार प्रेम कुमार धूमल का गोल्डन टाइम था. बमसन सीट से चुनाव लड़े धूमल ने 26007 वोटों से जीत हासिल की. ये रिकॉर्ड जीत थी, लेकिन वीरभद्र सिंह से कुछ कम थी. मतों के अंतर में इस चुनाव में वीरभद्र सिंह चौथे नंबर पर थे. उन्होंने 14 हजार 137 वोटों से जीत हासिल की. बाद में डी-लिमिटेशन का दौर आया. रोहड़ू निर्वाचन क्षेत्र आरक्षित हो गया। वर्ष 2012 में रोहड़ू से कांग्रेस की टिकट पर मोहन लाल ब्राक्टा लड़े और रिकॉर्ड बनाया. उन्होंने वीरभद्र सिंह के रिकॉर्ड को भी मात दे दी और रोहड़ू से 28 हजार 415 मतों से जीत हासिल की. वीरभद्र सिंह ने शिमला ग्रामीण सीट को अपना ठिकाना बनाया और 20 हजार मतों से जीत गए. (golden time of prem kumar dhumal)
2017 में विनोद कुमार 15 हजार 896 मतों से जीते: पिछले चुनाव में नाचन से भाजपा प्रत्याशी विनोद कुमार 15 हजार 896 मतों के साथ जीत हासिल करने में कामयाब रहे. ये वर्ष 2017 की सबसे बड़ी जीत थी. अब 2022 के चुनाव में रिकॉर्ड तोड़ मतदान हुआ है. देखना है कि इस बार कोई प्रत्याशी 20 हजार से अधिक मतों से जीत हासिल कर पाता है या नहीं. वैसे हिमाचल में कम से कम 20 सीटों पर हर चुनाव में जीत का अधिकतम आंकड़ा 2000 मतों का रहा है. यहां सौ से कम मतों से भी जीत होती आई है. पांच सौ मतों से लेकर दो हजार मतों से जीत आम है. ऐसे में रिकॉर्डतोड़ मतों से जीत का सेहरा किसके सिर पर बंधेगा, ये जिज्ञासा सभी के मन में है.(Vinod Kumar won by 15 thousand votes in 2017) (himachal assembly election 2022)
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