शिमला: जिला के आईजीएमसी अस्पताल में हेपेटाइटिस सी के दो मामले सामने आए हैं. इसमें से एक मामला जिला सोलन और दूसरा जिला शिमला के चौपाल इलाके का है. दोनों मामले सामने आने के बाद आईजीएमसी प्रशासन हरकत में आ गया है.
मरीजों के साथ परिवार के सभी सदस्यों को भी टेस्ट के लिए बुला लिया गया है. दोनों मरीजों की काउंसलिंग भी की जा रही है. हेपेटाइटिस सी वायरस संक्रमित खून से फैलता है. हेपेटाइटिस सी असुरक्षित सेक्स, निडल्स व ड्रग्स के लिए इंजेक्शन शेयर करने, मां से बच्चे को हो सकता है. इसके लिए मरीजों को 12 हफ्तों की डोज दी जाती है. इसका इलाज का खर्चा करीब 2 लाख रुपये है.
बता दें कि कुछ समय पहले तक हेपेटाइटिस सी के इलाज के लिए मरीजों को हर सप्ताह इंजेक्शन लगवाना पड़ता था और दवाइयां भी लेनी पड़ती थी. कई मरीज इसे नहीं ले पाते थे, क्योंकि इंजेक्शन में मौजूद तत्व से उन्हें अन्य स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां हो जाती थी. हालांकि आईजीएमसी में यह दवा फ्री में उपलब्ध करवाई जाती है.
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एमएस डॉ. राहुल गुप्ता ने बताया कि नेशनल वायरल हेपेटाइटिस प्रोग्राम के तहत दोनों मरीजों को 12 हफ्ते की दवा दी गई है और मरीजों के परिवार के सभी सदस्यों को भी टेस्ट सेंपल देने के लिए बुला लिया गया है.