शिमला: हिमाचल प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल आईजीएमसी शिमला में प्रदेश सरकार ने एल-1 ट्रॉमा सेंटर स्थापित करने का फैसला लिया है. जिसे सुचारू रूप से चलाने के लिए प्रदेश मंत्रिमंडल द्वारा नर्सिंग व पैरा-मेडिकल स्टाफ के 136 पद भरने को मंजूरी दी गई है. राज्य सरकार द्वारा प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं को सुदृढ़ करने के लिए यह फैसला लिया गया है.
24 घंटे खुला रहेगा एल-1 ट्रॉमा सेंटर: इस बारे में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि मूल्यवान मानव जीवन की रक्षा करना और जरूरतमंद लोगों की सहायता करना राज्य सरकार का सबसे बड़ी जिम्मेदारी है. उन्होंने कहा कि आईजीएमसी शिमला में ट्रॉमा सेंटर की स्थापना से प्रदेश में इमरजेंसी स्थिती में मिलने वाली स्वास्थ्य सुविधाओं को मजबूती मिलेगी. आईजीएमसी शिमला में प्रस्तावित एल-1 ट्रॉमा सेंटर 24 घंटे मरीजों के लिए खुला रहेगा. इसमें न्यूरोसर्जरी, रेडियोलॉजी, प्लास्टिक सर्जरी, एनेस्थीसिया, ऑर्थोपेडिक्स और जनरल सर्जरी में तीन शिफ्ट में काम किया जाएगा. इसके अलावा इस सेंटर में नर्सिंग और सहायक कर्मचारियों की एक टीम भी मौजूद रहेगी.
ट्रॉमा सेंटर में 3 शिफ्ट में होगा काम: मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि ट्रॉमा सेंटर में तीन शिफ्ट में काम डिवाइड होने से न सिर्फ डॉक्टर और पैरा-मेडिकल कर्मचारियों पर काम का बोझ कम होगा, बल्कि उनके लिए काम करना और भी आसान हो जाएगा. सीएम ने कहा कि इस पहल का मोटिव यह तय करना है कि मरीजों को सही समय पर सही और पूरा इलाज मिले. इसके अलावा इससे निजी अस्पतालों में ज्यादा लागत में मिलने वाली स्वास्थ्य सुविधाओं जैसी समस्याओं का भी हल होगा. जिससे आम जनता को बेहतर और क्वालिटी हेल्थ सर्विस मिलेगी.
'मेडिकल कॉलेजों में शुरू होगी रोबोटिक सर्जरी': जानकारी के अनुसार प्रदेश सरकार द्वारा हेल्थ केयर सिस्टम में अत्याधुनिक तकनीक शामिल की जा रही है. प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेजों में जल्द ही रोबोटिक सर्जरी शुरू की जाएगी. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग इसके लिए एक बुनियादी ढांचा तैयार कर रहा है और इसके साथ-साथ कर्मचारियों को ट्रेनिंग भी दे रहा है. हाई लेवल हेल्थ केयर सिस्टम बनाना और इन स्वास्थ्य सेवाओं को सस्ती दरों पर लोगों को उपलब्ध करवाना सरकार की प्राथमिकता है.
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