शिमला: प्रदेश में कोरोना संकट काल में होटल व्यवसाथ बंद है, लेकिन अब होटल खोलने की तैयारियां होटल संचालकों ने शुरू कर दी हैं. इसी के तहत कोरोना सावधानियों के चलते पहले चरण में राजधानी में होटल कारोबारियों के साथ ही कर्मचारियों के लिए प्रशिक्षण और जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया.
इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन टूरिज्म इंडस्ट्री स्टेक होल्डर्स एसोसिएशन और होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन के संयुक्त तत्वावधान में ओबेरॉय ग्रुप के सहयोग से ओबेरॉय सिसिल में शुरू किया गया. प्रशिक्षण कार्यक्रम में सौ से अधिक होटल संचालकों को प्रशिक्षित किया जाएगा. इसके लिए सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए शेड्यूल बनाया गया है.
सभी की होगी ट्रेनिंग
प्रशिक्षण कार्यक्रम में कोविड-19 के बीच शिमला देश का पहला पर्यटन स्थल है जहां सबसे पहले होटल कारोबारियों को सुरक्षित तरीके से होटल संचालन का प्रशिक्षण दिया जा रहा. जिससे कि प्रदेश के पर्यटन को पुनर्जीवित किया जा सके. प्रशिक्षण में यह बताया जा रहा किस तरह से होटल में आने वाले गेस्ट को सर्विस दी जानी है. हाउसकीपिंग किस तरह से सुविधा के साथ की जाए. अतिथियों का भी कोरोना से बचाव किस तरह किया जाए इसको लेकर मार्गदर्शन दिया जा रहा है.
एसोसिएशन के अध्यक्ष मोहिंद्र सेठ ने बताया प्रदेश में होटल खोलने से पहले ही होटल संचालकों की ट्रेनिंग करवाई जा रही. जिससे कि किस तरह से कोविड के दौरान सर्विसेज होटल में दी जाए. इसके बारे में जनाकारी मिल सके. उन्होंने कहा कि होटल खुलने के बाद भी प्राथमिकता रहेगी स्टाफ ओर गेस्ट सभी सुरक्षित रहे. इसी के मद्देनजर यह प्रशिक्षण कार्यक्रम टूरिज्म इंडस्ट्री स्टेक होल्डर्स एसोसिएशन की ओर से जिला प्रशासन और पर्यटन विभाग के सहयोग से करवाया जा रहा है. अभी यह ट्रेनिंग होटल मालिकों को करवाई जा रही. इसके बाद होटल मैनेजर, जनरल मैनेजर और फिर स्टाफ की भी यह ट्रेनिंग दी जाएगी.
डीसी भी रहे मौजूद
इस मौके पर डीसी अमित कश्यप भी मौजूद रहे. उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के बाद से होटल, पर्यटन इंडस्ट्री बुरी तरह से प्रभावित हुई. ट्रेनिंग का जो महत्वपूर्ण कदम उठाया गया यह पर्यटकों के लिए राज्य सीमाओं को फिर से खोलने के लिए आवश्यक था. प्रदेश में कोविड 19 की वजह से पर्यटन क्षेत्र से जुड़ी इकाइयों को भारी नुकसान उठाना पड़ा. जिस समर सीजन में सबसे ज्यादा पर्यटक प्रदेश में घूमने आते थे .वह इस बार नहीं आ सके. जिससे 5 हजार करोड़ रुपए का नुकसान उठाना पड़ा. प्रदेश में होटल कारोबार से जुड़े लगभग 5 हजार लोग बेरोजगार हो गए.
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