कुल्लू: हिमाचल के पहाड़ी इलाकों में बर्फबारी अब लोगों के लिए मुसीबत बनती जा रही है. प्रदेश के अन्य जिलों के मुकाबले लाहौल-स्पीति में ठंड के प्रकोप ने लोगों का जीना दुश्वार कर दिया है. कड़ाके की ठंड में स्कूली बच्चों को सबसे ज्यादा परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. केलांग में अभी भी रास्तों पर छह फीट बर्फ जमी है. ऐसे में स्कूली बच्चे बर्फीले रास्तों पर ठंड के बीच पैदल सफर कर स्कूल पहुंच रहे हैं. बर्फीले रास्तों पर सफर करने से बच्चों के फिसलने का खतरा बना रहता है.
भारी बर्फबारी के कारण लोग कई तरह की दिक्कतें झेल रहे हैं. केलांग में तापमान शून्य से 11 डिग्री नीचे पहुंच गया है. ऐसे में लोगों का घरों से बाहर निकलना भी मुश्किल हो गया है.बता दें कि बीते दिनों प्रदेश के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में हुई बर्फबारी से जनजीवन पूरी तरह से अस्त-व्यस्त हो गया है. जनजातीय क्षेत्र लाहौल-स्पीति में रिकॉर्ड तोड़ बर्फबारी दर्ज की गई है. अपने नीजि कार्यों के लिए घर से बाहर जा रहे लोग कड़ाके की ठंड के कारण सड़कों पर आग सेकते हुए नजर आ रहे हैं. ठंड की वजह से जिले के पानी के लगभग सभी जल स्त्रोत भी जम कर पत्थर हो गए हैं. जिस कारण लोगों को पानी की समस्या से भी जूझना पड़ रहा है.
गौर रहे कि प्रदेश में बर्फबारी थमने के बाद जिला किन्नौर, लाहौल-स्पीति में ग्लेशियर गिरने का खतरा भी बना हुआ है. सोमवार को किन्नौर के रिब्बा कंडे में पहाड़ो से ग्लेशियर गिरने के कारण स्थानीय लोगों की संपत्ति को भारी नुकसान पहुंचा है. वहीं, मौसम विभाग के निदेशक मनमोहन सिंह ने कहा कि बीते 24 घंटों के दौरान प्रदेश में मौसम साफ बना हुआ है, लेकिन प्रदेश में मौसम करवट बदल सकता है. इसके चलते प्रदेश के कई हिस्सों में बारिश और बर्फबारी हो सकती है. उन्होंने कहा कि प्रदेश में 22 जनवरी तक मौसम खराब बना रहेगा, जबकि 23 से 26 जनवरी तक मौसम बिल्कुल साफ रहेगा.
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