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शिमला पहुंचे 9 देशों के 40 NRI छात्र, चायल में चखेगा हिमाचली धाम का स्वाद - जाखू मंदिर सहित चायल पेलेस का भ्रमण

विदेश मंत्रालय द्वारा आयोजित 57वें भारत को जानो कार्यक्रम के तहत नौ देशों के भारतीय मूल के विद्यार्थियों के 40 प्रतिनिधि शिमला पहुंचकर भारत में अपने पूर्वजों की सांस्कृतिक परम्पराओं का ज्ञान ले रहें हैं. विद्यार्थियों को ऐतिहासिक स्मारकों, धार्मिक स्थलों, विश्वविद्यालयों और पर्यटन स्थलों के साथ-साथ हिमाचली धाम भी परोसी जाएगी.

team of bharat ko janno arrived at shimla
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Published : Nov 13, 2019, 9:50 PM IST

शिमलाः भारत सरकार के विदेश मंत्रालय द्वारा आयोजित 57वें 'भारत को जानो' कार्यक्रम के तहत नौ देशों से भारतीय मूल के 40 विद्यार्थी शिमला पहुंचे हैं. इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य भारतीय मूल के विद्यार्थियों को प्रदेश व देश की सांस्कृतिक परम्पराओं से अवगत करवाना है. 'भारत को जानो' कार्यक्रम में आए ज्यादातर ऐसे विद्यार्थी हैं जिनके पूर्वज भारत से सम्बंध रखते हैं.

सरकार के 9 दिनों तक चलने वाले इस कार्यक्रम के पहले चरण में विद्यार्थियों को ऐतिहासिक स्मारकों, धार्मिक स्थलों, विश्वविद्यालयों और पर्यटन स्थलों का भ्रमण करवाया जाएगा. कार्यक्रम के दूसरे चरण में विद्यार्थियों ने हिमाचल प्रदेश और जाखू मंदिर, हाटू मंदिर, नालदेहरा, कूफरी और तारादेवी मंदिर का भ्रमण करवाया जाएगा.

वीडियो रिपोर्ट.

भारत को जानने के लिए आए नौ देशों की सूची में सूरीनाम, गयाना, मॉरीशस, म्यांमार, त्रिनीदाद व टोबैगा, फिजी, दक्षिण अफ्रीका, श्रीलंका और ईजरायल के 40 विद्यार्थियों शामिल है. बुधवार को इस प्रतिनिधि मंडल को शिमला के नालदेहरा ,नारकंडा, एडवांस स्टडी सहित शिमला की ऎतिहासिक भवनों के बारे में जानकारी दी गई.

इसके अलावा हिमाचली धाम का स्वाद भी ये प्रतिनिधिमंडल चखेगा और हिमाचल की संस्कृति से भी रुबरु करवाया जाएगा. वीरवार को सभी सदस्य जाखू मंदिर सहित चायल पेलेस का भ्रमण करेंगे. चायल में इन्हें हिमाचली धाम परोसी जाएगी.

प्रतिनिधि मंडल में शामिल म्यांमार की संजना का कहना है कि हमारे पूर्वज भारत से थे. हम यहां अपने देश को जानने यहां पहुंचे है. यहां का रहन सहन बहुत अलग है. यहां बिलकुल अलग परिस्थितियां हैं और पहाड़ों की सुंदरता देखने को मिली है.

दक्षिण अफ्रीका के अक्षय राम प्रसाद का कहना है कि केंद्र सरकार के कार्यक्रम के तहत भारत को जानने यहां पहुंचे है और एक सप्ताह से यहां अलग अलग जगहों पर घूम रहे हैं और यहां काफी अच्छा लग रहा है.

शिमलाः भारत सरकार के विदेश मंत्रालय द्वारा आयोजित 57वें 'भारत को जानो' कार्यक्रम के तहत नौ देशों से भारतीय मूल के 40 विद्यार्थी शिमला पहुंचे हैं. इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य भारतीय मूल के विद्यार्थियों को प्रदेश व देश की सांस्कृतिक परम्पराओं से अवगत करवाना है. 'भारत को जानो' कार्यक्रम में आए ज्यादातर ऐसे विद्यार्थी हैं जिनके पूर्वज भारत से सम्बंध रखते हैं.

सरकार के 9 दिनों तक चलने वाले इस कार्यक्रम के पहले चरण में विद्यार्थियों को ऐतिहासिक स्मारकों, धार्मिक स्थलों, विश्वविद्यालयों और पर्यटन स्थलों का भ्रमण करवाया जाएगा. कार्यक्रम के दूसरे चरण में विद्यार्थियों ने हिमाचल प्रदेश और जाखू मंदिर, हाटू मंदिर, नालदेहरा, कूफरी और तारादेवी मंदिर का भ्रमण करवाया जाएगा.

वीडियो रिपोर्ट.

भारत को जानने के लिए आए नौ देशों की सूची में सूरीनाम, गयाना, मॉरीशस, म्यांमार, त्रिनीदाद व टोबैगा, फिजी, दक्षिण अफ्रीका, श्रीलंका और ईजरायल के 40 विद्यार्थियों शामिल है. बुधवार को इस प्रतिनिधि मंडल को शिमला के नालदेहरा ,नारकंडा, एडवांस स्टडी सहित शिमला की ऎतिहासिक भवनों के बारे में जानकारी दी गई.

इसके अलावा हिमाचली धाम का स्वाद भी ये प्रतिनिधिमंडल चखेगा और हिमाचल की संस्कृति से भी रुबरु करवाया जाएगा. वीरवार को सभी सदस्य जाखू मंदिर सहित चायल पेलेस का भ्रमण करेंगे. चायल में इन्हें हिमाचली धाम परोसी जाएगी.

प्रतिनिधि मंडल में शामिल म्यांमार की संजना का कहना है कि हमारे पूर्वज भारत से थे. हम यहां अपने देश को जानने यहां पहुंचे है. यहां का रहन सहन बहुत अलग है. यहां बिलकुल अलग परिस्थितियां हैं और पहाड़ों की सुंदरता देखने को मिली है.

दक्षिण अफ्रीका के अक्षय राम प्रसाद का कहना है कि केंद्र सरकार के कार्यक्रम के तहत भारत को जानने यहां पहुंचे है और एक सप्ताह से यहां अलग अलग जगहों पर घूम रहे हैं और यहां काफी अच्छा लग रहा है.

Intro:
भारत सरकार के विदेश मंत्रालय द्वारा आयोजित 57वें ‘भारत को जानो कार्यक्रम’ के तहत नौ देशों के भारतीय मूल के विद्यार्थियों के 40 प्रतिनिधि शिमला पहुचे है । इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य भारतीय मूल के विद्यार्थियों को प्रदेश व देश की सांस्कृतिक परम्पराओं से अवगत करवाना है। कार्यक्रम के पहले चरण में विद्यार्थियों को ऐतिहासिक स्मारकों, धार्मिक स्थलों, विश्वविद्यालयों और पर्यटन स्थलों का भ्रमण कराया जाता है। कार्यक्रम के दूसरे चरण में विद्यार्थियों ने हिमाचल प्रदेश तथा जाखू मंदिर, हाटू मंदिर, नालदेहरा, कूफरी और तारादेवी मंदिर का भ्रमण किया।ये प्रतिनिधि 9 दिनों तक हिमाचल की संस्कृति और यहां के धरोहर के बारे में जानेंगे। नौ देशों सूरीनाम, गयाना, माॅरिशस, म्यांमार, त्रिनीदाद और टोबैगा, फिजी, दक्षिण अफ्रीका, श्रीलंका और ईज़रायल के 40 विद्यार्थियों शामिल है।

Body:प्रतिनिधि मंडल में साउथ अफ्रीका, वर्मा, गोवना, श्रीलंका सहित अन्य देशों के सदस्य शामिल है। ज्यादातर ऐसे सदस्य है जिसके पूर्वज भारत से सम्बंध रखते है। बुधवार को प्रतिनिधि मंडल को शिमला के नाल देरा ,नारकंडा, एडवांस स्टडी सहित शिमला की ऎतिहासिक भवनों के बारे में जानकारी दी गई।इसके अलावा हिमाचली धाम का स्वाद भी ये प्रतिनिधिमंडल चखेगा ओर हिमाचल की संस्कृति से भी रु ब रु करवाया जाएगा। वीरवार को सभी सदस्य जाखू मंदिर सहित चायल पेलेन्स का भृमण करेगे जहा चायल में इन्हें हिमाचली धाम परोसी जाएगी। प्रतिनिधि मंडल में शामिल मिमार से संजना का कहना है कि हमारे पूर्वज यहां से तो थे और काफी समय से वहां रह रहे है हम यहां अपने देश को जानने यहां पहुचे है। यहां का रहन सहन बहुत अलग है। यहां बिलकुल अलग परिस्थितियों है। और पहाड़ो की सुदरता देखने को मिली है। यहां का मौसम भी काफी ठंडा है जबकि वहाँ इतनी ठंड नही होती है। अक्षय राम प्रसाद का कहना है कि केंद्र सरकार के कार्यक्रम के तहत भारत को जानने यहां पहुचे है और एक सप्ताह से यहां अलग अलग जगहों पर घूम रहे है और यहां के संस्कृति से रु ब रु हो रहे है ओर यहां काफ़ी अच्छा लग रहा है। वही मोरियशयस के कृष्णनन का कहना है कि यहां की संस्कृति से रु ब रु होने का मौका है और उनके देश के अपेक्षा यहाँ का रहन सहन अलग है। यहां शिमला में काफी सफाई है जिसे देख कर उन्हें अच्छा है। यहां का मौसम भी काफी सुहावना है । उन्होंने कहा कि भारत सरकार का ये प्रोग्राम काफी अच्छा है भारत की संस्कृति और यहां के लोगो के रहन सहन से अवगत हो रहे है।



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