शिमलाः भारत सरकार के विदेश मंत्रालय द्वारा आयोजित 57वें 'भारत को जानो' कार्यक्रम के तहत नौ देशों से भारतीय मूल के 40 विद्यार्थी शिमला पहुंचे हैं. इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य भारतीय मूल के विद्यार्थियों को प्रदेश व देश की सांस्कृतिक परम्पराओं से अवगत करवाना है. 'भारत को जानो' कार्यक्रम में आए ज्यादातर ऐसे विद्यार्थी हैं जिनके पूर्वज भारत से सम्बंध रखते हैं.
सरकार के 9 दिनों तक चलने वाले इस कार्यक्रम के पहले चरण में विद्यार्थियों को ऐतिहासिक स्मारकों, धार्मिक स्थलों, विश्वविद्यालयों और पर्यटन स्थलों का भ्रमण करवाया जाएगा. कार्यक्रम के दूसरे चरण में विद्यार्थियों ने हिमाचल प्रदेश और जाखू मंदिर, हाटू मंदिर, नालदेहरा, कूफरी और तारादेवी मंदिर का भ्रमण करवाया जाएगा.
भारत को जानने के लिए आए नौ देशों की सूची में सूरीनाम, गयाना, मॉरीशस, म्यांमार, त्रिनीदाद व टोबैगा, फिजी, दक्षिण अफ्रीका, श्रीलंका और ईजरायल के 40 विद्यार्थियों शामिल है. बुधवार को इस प्रतिनिधि मंडल को शिमला के नालदेहरा ,नारकंडा, एडवांस स्टडी सहित शिमला की ऎतिहासिक भवनों के बारे में जानकारी दी गई.
इसके अलावा हिमाचली धाम का स्वाद भी ये प्रतिनिधिमंडल चखेगा और हिमाचल की संस्कृति से भी रुबरु करवाया जाएगा. वीरवार को सभी सदस्य जाखू मंदिर सहित चायल पेलेस का भ्रमण करेंगे. चायल में इन्हें हिमाचली धाम परोसी जाएगी.
प्रतिनिधि मंडल में शामिल म्यांमार की संजना का कहना है कि हमारे पूर्वज भारत से थे. हम यहां अपने देश को जानने यहां पहुंचे है. यहां का रहन सहन बहुत अलग है. यहां बिलकुल अलग परिस्थितियां हैं और पहाड़ों की सुंदरता देखने को मिली है.
दक्षिण अफ्रीका के अक्षय राम प्रसाद का कहना है कि केंद्र सरकार के कार्यक्रम के तहत भारत को जानने यहां पहुंचे है और एक सप्ताह से यहां अलग अलग जगहों पर घूम रहे हैं और यहां काफी अच्छा लग रहा है.