शिमला: प्रदेश में 4 हजार से अधिक प्राइमरी और मिडल स्कूलों में आधार नंबर वाली बायोमीट्रिक मशीनें लगाने पर विवाद खड़ा हो गया है. प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय की ओर से जारी किए निर्देशों के तहत स्कूलों में लगाई जाने वाली बायॉमेट्रिक मशीनों के लिए शिक्षकों को अपने नाम पर 4जी सिम कार्ड खरीदने होंगे. शिक्षकों ने विभाग के इस फैसले का विरोध किया है.
बता दें कि मामला तूल पकड़ता हुआ अब शिक्षा निदेशालय जा पहुंचा है. शिक्षा निदेशक रोहित जमवाल का कहना है कि शिक्षकों को अपने ही नाम पर 4 जी सिम लेनी होगी. स्कूल प्रबंधन एसएमसी के नाम पर भी वह इस सिम कार्ड को खरीद सकते हैं.
वहीं, प्रदेश राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ ने मांग की है कि बायोमेट्रिक मशीनों के लिए 4जी सिम कार्ड का प्रावधान शिक्षा निदेशालय अपने स्तर पर ही करे. शिक्षकों का तर्क है कि उनकी ट्रांसफर अलग-अलग स्कूलों में होती रहती है. ऐसे में यह फैसला बिल्कुल भी सही नहीं होगा.
इतना ही नहीं शिक्षक संघ ने 4जी सिम के फैसले के साथ-साथ स्कूलों में बायॉमेट्रिक मशीनें लगाने का भी विरोध जताया है. शिक्षक संघ का मानना है कि प्रदेश के दूरदराज के क्षेत्रों के शिक्षकों की कमी है. वहां शिक्षकों से एक साथ कई काम लिए जा रहे हैं. ऐसे में स्कूलों में यह बायॉमेट्रिक मशीनें लगाने से कोई लाभ नहीं है.