शिमला: स्वास्थ्य निदेशक के वॉयरल ऑडियो मामले में निलंबित हुए स्वास्थ्य निदेशक डॉ. अजय गुप्ता को गुरुवार को कोर्ट से जमानत नहीं मिली है. डॉ. अजय गुप्ता की जमानत अर्जी पर फैसला अब 30 मई को होगा. स्वास्थ्य निदेशक अजय गुप्ता को गुरुवार सुबह घूस कांड वायरल ऑडियो मामले में कोर्ट में पेश किया गया, जहां उनकी जमानत पर फैसला नहीं हो सका और सुनवाई 30 मई को रखी है. उसी दिन अजय गुप्ता का पुलिस रिमांड भी खत्म हो रहा है. अब 30 मई को ही पता लगेगा कि पुलिस रिमांड फिर मिलेगी या जमानत मिलेगी.
पुलिस रिमांड में भेजे जाने के बाद विजिलेंस निलंबित निदेशक से कड़ाई से पूछताछ कर रही है. विजिलेंस ये भी जानने का प्रयास करेगी कि अस्पताल में दाखिल होने के बाद अजय गुप्ता ने किस-किस के फोन से कहां-कहां बात की.
उल्लेखनीय है कि निलंबित स्वास्थ्य निदेशक को सोमवार को अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया था. ऑडियो वॉयरल होने के बाद करीब छह दिन पहले आधी रात को विजिलेंस ने डॉ. अजय गुप्ता को हिरासत में ले लिया था. पूछताछ के दौरान डॉ. गुप्ता ने जांच एजेंसी को गुमराह करने का प्रयास किया. कई सवालों का जवाब नहीं दिया और कई बार भूलने का बहाना किया. इसके बाद विजिलेंस ने डॉ. अजय गुप्ता को गिरफ्तार कर लिया.
डॉ. अजय गुप्ता के स्वास्थ्य खराब होने की शिकायत करने पर उन्हें आईजीएमसी अस्पताल में भर्ती किया गया. सोमवार को अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद विजिलेंस ने उन्हें सब जेल कैथू भेजा. वहीं, मंगलवार को अदालत में पेश करने पर उन्हें जज ने पांच दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया. दिलचस्प रहेगा कि पूछताछ में अजय गुप्ता क्या खुलासे करते हैं. इस घूसखोरी की घटना से प्रदेश सरकार में हलचल है. विपक्षी दल कांग्रेस इस मामले में सरकार को घेर रही है.
वहीं, बीजेपी के भीतर भी अपनी ही सरकार के खिलाफ अंगुलियां उठ रही हैं. प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष ने भी बीते बुधवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. उनका इस्तीफा स्वीकार भी कर लिया गया है.
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