शिमला: हिमाचल सरकार में सीपीएस की नियुक्ति मामले में नया मोड़ आया है. सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व में कांग्रेस सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. राज्य सरकार ने एक पिटीशन दाखिल कर सुप्रीम कोर्ट से आग्रह किया है कि इस मामले को हाई कोर्ट से ट्रांसफर किया जाए. सीपीएस नियुक्ति मामले में याचिका दाखिल करने वाले भाजपा विधायक सतपाल सिंह सत्ती व अन्य का पक्ष अधिवक्ता सत्यपाल जैन रख रहे हैं. जैन के अनुसार सुप्रीम कोर्ट में ये केस शुक्रवार यानी तीन नवंबर को लिस्ट हुआ है.
पिटीशन में सुखविंदर सरकार का तर्क: उल्लेखनीय है कि इसी मामले में हिमाचल हाई कोर्ट ने भी चार नवंबर को सुनवाई की तारीख तय की हुई है. सुखविंदर सिंह सरकार की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई रिट पिटीशन के अनुसार पहले से ही सर्वोच्च न्यायालय में इस नेचर के केस सुनवाई के लिए मौजूद हैं. ऐसे में हिमाचल से जुड़ा केस भी सुना जाए. राज्य सरकार ने जो आवेदन सर्वोच्च न्यायालय में दाखिल किया है, उसमें अन्य राज्यों पंजाब, छत्तीसगढ़ व पश्चिमी बंगाल का जिक्र किया गया है.
डिप्टी सीएम ने HC में अलग से दिया आवेदन: वहीं, इस मामले में हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट ने राज्य सरकार से शनिवार चार नवंबर को जवाब दाखिल करने के आदेश दिए हुए हैं. हाई कोर्ट ने अपने आदेश में डिप्टी सीएम व सीपीएस की नियुक्ति से जुड़ी प्रक्रिया, उनके कार्यक्षेत्र, वेतन व अन्य सुविधाओं आदि की जानकारी तलब की है. वहीं, डिप्टी सीएम की तरफ से हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट में अलग से आवेदन दाखिल कर कहा गया है कि उन्हें इस मामले से अलग किया जाए. डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री के आवेदन में आग्रह किया गया है कि उनका नाम इस मामले से हटाया जाए. डिप्टी सीएम का तर्क है कि उनकी नियुक्ति कानून के दायरे में हुई है.
सुखविंदर सरकार में 6 सीपीएस: उल्लेखनीय है कि हिमाचल में राज्य सरकार ने छह सीपीएस नियुक्त किए हैं. उनमें सुंदर सिंह ठाकुर, राम कुमार चौधरी, संजय अवस्थी, किशोरी लाल, मोहन लाल ब्राक्टा व आशीष बुटेल का नाम शामिल है. भाजपा विधायक सतपाल सिंह सत्ती व अन्यों ने इन नियुक्तियों को चुनौती दी है. चुनौती से संबंधित याचिका में कहा गया है कि ये नियुक्तियां संविधान के प्रावधानों के अनुरूप नहीं है. हिमाचल हाई कोर्ट इस मामले में सुनवाई कर रहा है. इसी बीच, राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटा कर अन्य मामलों के साथ इसे भी सुने जाने का आग्रह किया है. इस मामले पर आज यानी शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट सुनवाई करेगी.
ये भी पढ़ें: डिप्टी सीएम व सीपीएस की नियुक्ति मामले में हिमाचल सरकार को झटका, हाई कोर्ट में अब मेरिट के आधार पर होगी सुनवाई