शिमला: ''हिमाचल सरकार हाटी समुदाय को जनजातीय दर्जा देने के लिए प्रतिबद्ध है एवं इसे अविलंब लागू करने के लिए प्रयासरत है''. ये हूबहू वो शब्द हैं, जो राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी की तरफ से सदन में लिखित जवाब में सामने आए हैं. दरअसल, पांवटा साहिब के विधायक सुखराम चौधरी ने विधानसभा के शीतकालीन सत्र में इस संदर्भ में सवाल लगाया था. सुखराम चौधरी ने सवाल किया है कि केंद्र सरकार ने हाटी समुदाय को एसटी का दर्जा दे दिया है, अब राज्य सरकार इसे कब तक लागू करने का विचार रखती है? इस पर राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी की तरफ से लिखित जवाब में बताया गया है कि सरकार इसे लागू करने के लिए प्रयासरत है.
विधानसभा में बताया गया कि केंद्र सरकार ने 4 अगस्त को गिरिपार इलाके से हाटी समुदाय को एसटी का दर्जा दिया है. राजस्व मंत्री के जवाब में बताया गया है कि राज्य सरकार गंभीरता से प्रयास कर रही है कि हाटी समुदाय को ये दर्जा मिले, ताकि इस समुदाय को लाभ मिल सके. मंत्री ने बताया कि राज्य सरकार गंभीर है, लेकिन केंद्र सरकार की अधिसूचना में कुछ अस्पष्टाओं के कारण केंद्र सरकार से पत्राचार किया गया है. राज्य सरकार की ओर से बताया गया है कि विधि विभाग से सलाह के बाद राज्य सरकार ने केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्रालय को 23 सितंबर को एक पत्र भेजा है.
बताया गया है कि उसके बाद 3 नवंबर को रिमाइंडर भी दिया गया है. राजस्व मंत्री के अनुसार भविष्य में इसे लागू करने में कोई कानूनी अथवा प्रशासनिक अड़चन न आए, इसके लिए कट ऑफ डेट के स्पष्टीकरण के लिए 6 नवंबर को एक अन्य पत्र भी केंद्र को भेजा गया है. मंत्री ने बताया कि जैसे ही केंद्र सरकार से अपेक्षित स्पष्टीकरण आ जाएंगे, हाटी समुदाय का हक दे दिया जाएगा. राजस्व मंत्री जगत नेगी के लिखित जवाब में बताया गया है कि मौजूदा समय में ये मामले केंद्र सरकार के स्तर पर लंबित है. उल्लेखनीय है कि हाटी समुदाय को जनजातीय दर्जा दिए जाने की अधिसूचना को लागू करने के लिए आंदोलन चल रहा है और मामला हाई कोर्ट में भी है. राज्य सरकार ने विधानसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में अपनी स्थिति स्पष्ट की है.
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