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सहकारी बैंकों की कार्य पद्धति में होगा सुधार, योजनाओं के लिए ऋण उपलब्ध करवाएगी सरकार: CM सुक्खू

सहकारी बैंकों की कार्य पद्धति को विस्तार देने के लिए सुखविंदर सरकार आने वाले दिनों में कई बड़े सुधार करने जा रही है. वहीं, विभिन्न योजनाओं को लागू करने के लिए सरकार सहकारी बैंकों से उदार ऋण भी उपलब्ध करवाएगी.

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सहकारी बैंकों की कार्य पद्धति में होगा सुधार
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Published : Jun 16, 2023, 10:04 AM IST

शिमला: मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा सरकार विभिन्न योजनाओं को लागू करने के लिए सहकारी बैंकों से उदार ऋण उपलब्ध कराएगी. मुख्यमंत्री ने कहा सहकारी बैंकों की कार्य पद्धति को विस्तार देने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा अगले छह माह में कई बड़े सुधार लागू किए जा रहे हैं. उन्होंने कहा प्रदेश के लोगों का इन बैंकों पर विश्वास बढ़ा है और आजीविका अर्जन के लिए बैंकिंग सुविधाओं का समुचित उपयोग कर रहे हैं.

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने समाज के विभिन्न वर्गों के कल्याण के लिए अनेक योजनाएं शुरू की हैं. राज्य सरकार ने निर्धन परिवार के छात्रों को उच्च शिक्षा के लिए 20 लाख रुपये तक का ऋण एक प्रतिशत ब्याज की दर से उपलब्ध करवाने का निर्णय लिया है, ताकि संसाधनों के अभाव में कोई भी शिक्षा से वंचित न रहे.

इसके अलावा आने वाले समय में टैक्सी आपरेटरों को ई-टैक्सी चलाने के लिए परमिट जारी किए जाएंगे. सरकार ई-टैक्सी, ई-बस और ई-ट्रक की खरीद पर 50 प्रतिशत अनुदान देगी. प्रदेश सरकार के इन प्रयासों को मूर्त रूप प्रदान करने में सहकारी बैंकों की प्रमुख भूमिका सुनिश्चित की जा रही है.

सीएम ने कहा राज्य सरकार 250 किलोवाट से 2 मेगावाट तक की सौर ऊर्जा परियोजनाओं की स्थापना के लिए 40 प्रतिशत वित्तीय सहायता प्रदान करेगी. साथ ही उत्पादित बिजली हिमाचल प्रदेश विद्युत बोर्ड लिमिटेड द्वारा खरीदी जाएगी. बैंक इन योजनाओं में उदारतापूर्वक ऋण प्रदान करेंगे. क्योंकि इन ऋणों की गारंटी राज्य सरकार द्वारा प्रदान की जाएगी. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने राज्य में सौर ऊर्जा परियोजनाओं की स्थापना के लिए सहकारी बैंक को प्रमुख बैंक बनाने का निर्णय लिया है.

इसके अतिरिक्त समाज के वंचित वर्गों का कल्याण सुनिश्चित करने के लिए शुरू की गई कल्याणकारी योजनाओं को सही व्यक्ति तक पहुंचाने में भी सहकारी बैंक महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकते हैं. राज्य की लगभग 90 प्रतिशत आबादी गांवों में रहती है. ग्रामीण क्षेत्रों के चहुंमुखी विकास के बिना प्रदेश के विकास की कल्पना नहीं की जा सकती है. ग्रामीण आबादी की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने के लिए सहकारी बैंकों को किसानों को उदार ऋण प्रदान करने के लिए कदम उठाने के निर्देश भी दिए गए हैं.

मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा राज्य सरकार प्रदेश में सहकारी बैंकों को हरसंभव सहायता प्रदान कर उन्हें सुदृढ़ करने के लिए भी प्रतिबद्ध है. ताकि वे उपभोक्ताओं को सर्वोत्तम बैंकिंग सेवाएं उपलब्ध करवा सकें. बैंकिंग क्षेत्र किसी भी देश की अर्थव्यवस्था के सुचारू संचालन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. यह क्षेत्र आमजन, किसानों, उद्यमियों, व्यापारियों इत्यादि को बैंकिंग की विभिन्न सेवाएं उपलब्ध करवाता है, जिससे विभिन्न क्षेत्रों का विकास निरंतर जारी रहता है.

सूचना प्रौद्योगिकी के इस युग में इन सेवाओं के इनवोटिव डिजिटल ट्रांसफार्मेशन से बड़ी संख्या में विशेषकर ग्रामीण क्षेत्र के उपभोक्ता लाभान्वित हुए हैं. डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर और ऑनलाइन बैंकिंग की सुगम सुविधा से लोगों के समय और पैसे दोनों की बचत हुई है.
ये भी पढ़ें: हिमाचल में नई पर्यटन नीति की तैयारी, 5 सालों में पर्यटकों की संख्या 5 करोड़ करने का लक्ष्य: CM सुक्खू

शिमला: मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा सरकार विभिन्न योजनाओं को लागू करने के लिए सहकारी बैंकों से उदार ऋण उपलब्ध कराएगी. मुख्यमंत्री ने कहा सहकारी बैंकों की कार्य पद्धति को विस्तार देने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा अगले छह माह में कई बड़े सुधार लागू किए जा रहे हैं. उन्होंने कहा प्रदेश के लोगों का इन बैंकों पर विश्वास बढ़ा है और आजीविका अर्जन के लिए बैंकिंग सुविधाओं का समुचित उपयोग कर रहे हैं.

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने समाज के विभिन्न वर्गों के कल्याण के लिए अनेक योजनाएं शुरू की हैं. राज्य सरकार ने निर्धन परिवार के छात्रों को उच्च शिक्षा के लिए 20 लाख रुपये तक का ऋण एक प्रतिशत ब्याज की दर से उपलब्ध करवाने का निर्णय लिया है, ताकि संसाधनों के अभाव में कोई भी शिक्षा से वंचित न रहे.

इसके अलावा आने वाले समय में टैक्सी आपरेटरों को ई-टैक्सी चलाने के लिए परमिट जारी किए जाएंगे. सरकार ई-टैक्सी, ई-बस और ई-ट्रक की खरीद पर 50 प्रतिशत अनुदान देगी. प्रदेश सरकार के इन प्रयासों को मूर्त रूप प्रदान करने में सहकारी बैंकों की प्रमुख भूमिका सुनिश्चित की जा रही है.

सीएम ने कहा राज्य सरकार 250 किलोवाट से 2 मेगावाट तक की सौर ऊर्जा परियोजनाओं की स्थापना के लिए 40 प्रतिशत वित्तीय सहायता प्रदान करेगी. साथ ही उत्पादित बिजली हिमाचल प्रदेश विद्युत बोर्ड लिमिटेड द्वारा खरीदी जाएगी. बैंक इन योजनाओं में उदारतापूर्वक ऋण प्रदान करेंगे. क्योंकि इन ऋणों की गारंटी राज्य सरकार द्वारा प्रदान की जाएगी. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने राज्य में सौर ऊर्जा परियोजनाओं की स्थापना के लिए सहकारी बैंक को प्रमुख बैंक बनाने का निर्णय लिया है.

इसके अतिरिक्त समाज के वंचित वर्गों का कल्याण सुनिश्चित करने के लिए शुरू की गई कल्याणकारी योजनाओं को सही व्यक्ति तक पहुंचाने में भी सहकारी बैंक महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकते हैं. राज्य की लगभग 90 प्रतिशत आबादी गांवों में रहती है. ग्रामीण क्षेत्रों के चहुंमुखी विकास के बिना प्रदेश के विकास की कल्पना नहीं की जा सकती है. ग्रामीण आबादी की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने के लिए सहकारी बैंकों को किसानों को उदार ऋण प्रदान करने के लिए कदम उठाने के निर्देश भी दिए गए हैं.

मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा राज्य सरकार प्रदेश में सहकारी बैंकों को हरसंभव सहायता प्रदान कर उन्हें सुदृढ़ करने के लिए भी प्रतिबद्ध है. ताकि वे उपभोक्ताओं को सर्वोत्तम बैंकिंग सेवाएं उपलब्ध करवा सकें. बैंकिंग क्षेत्र किसी भी देश की अर्थव्यवस्था के सुचारू संचालन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. यह क्षेत्र आमजन, किसानों, उद्यमियों, व्यापारियों इत्यादि को बैंकिंग की विभिन्न सेवाएं उपलब्ध करवाता है, जिससे विभिन्न क्षेत्रों का विकास निरंतर जारी रहता है.

सूचना प्रौद्योगिकी के इस युग में इन सेवाओं के इनवोटिव डिजिटल ट्रांसफार्मेशन से बड़ी संख्या में विशेषकर ग्रामीण क्षेत्र के उपभोक्ता लाभान्वित हुए हैं. डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर और ऑनलाइन बैंकिंग की सुगम सुविधा से लोगों के समय और पैसे दोनों की बचत हुई है.
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