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Himachal: बादल फटने की घटनाओं से सरकार चिंतित, विज्ञान, पर्यावरण व तकनीकी विभाग करेगा अध्ययन

हिमाचल प्रदेश में पिछले कई दिनों से बादल फटने की घटना सामने आ रही हैं. जिसको लेकर प्रदेश सरकार काफी चिंतित है. सोमवार को सीएम सुक्खू ने हिमाचल की हालातों को लेकर अधिकारियों के साथ बैठक की. जिसमें प्रकृति की बदलती प्रवृति पर अध्ययन करने का फैसला लिया गया है. हिमाचल प्रदेश साइंस, एनवार्यन्मेंट एंड टेक्नोलॉजी विभाग राज्य में बादल फटने की घटनाओं का अध्ययन करेगा. (Cloudburst in Himachal)(Sukhu government concerned about cloudburst)(CM sukhu on Cloudburst)(Weather Report).

Himachal pradesh disaster
बादल फटने की घटनाओं से सरकार चिंतित, विज्ञान
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Published : Aug 15, 2023, 8:38 AM IST

शिमला: इस मानसून सीजन में हिमाचल प्रदेश में बादल फटने से भारी तबाही हुई है. बीते 24 घंटों में राज्य में 54 लोगों की मौत हुई है. बादल फटने के कारण अचानक पानी के तेज बहाव में पेड़ जड़ से उखड़ रहे हैं और भारी चट्टानें खिसक कर नुकसान कर रही हैं. राज्य सरकार इन घटनाओं से चिंता में है. जुलाई महीने में भी 9 से 11 तारीख के बीच हिमाचल में भयावह तबाही हुई थी. अब 14 अगस्त को हिमाचल ने प्रकृति के तांडव को देखा है.

14 अगस्त को बादल फटने के कारण शिमला के समरहिल में शिव मंदिर ध्वस्त हो गया. हादसे में 8 लोग मारे जा चुके हैं. अभी भी मलबे के नीचे कितने लोग हैं, इसका पता नहीं चल पा रहा है. इसी तरह सोलन जिला में ममलीग के एक गांव में एक ही परिवार के सात सदस्य मौत का शिकार हुए हैं. ये घटना भी बादल फटने का परिणाम है. इससे पहले सिरमौर जिला के ताल गांव में एक ही परिवार के पांच सदस्य काल का ग्रास बने. उससे पहले रोहड़ू के लैला इलाके में दादा-दादी व पोते की मौत हुई. ये हादसा भी बादल फटने के कारण हुआ है.

इसके अलावा हिमाचल प्रदेश के विभिन्न जिलों में बादल फटने के बाद भारी मात्रा में पानी आने से भयानक तबाही हो चुकी है. ऐसे में सरकार चिंता में है और प्रकृति की बदलती प्रवृति पर अध्ययन करने का फैसला लिया गया है. हिमाचल प्रदेश साइंस, एनवार्यन्मेंट एंड टेक्नोलॉजी विभाग राज्य में बादल फटने की घटनाओं का अध्ययन करेगा. इन घटनाओं के कारण और प्रभावों को लेकर विस्तार से रिपोर्ट बनाई जाएगी.

सोमवार को आपदा की स्थितियों का आकलन करने के लिए देर शाम सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने अफसरों की मीटिंग बुलाई थी. इस मीटिंग में निर्णय लिया गया कि बादल फटने की बढ़ रही घटनाओं का अध्ययन करना जरूरी है. सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आपात स्थितियों का सामना करने के लिए थानों में तैनात पुलिस कर्मियों को भी बचाव कार्य की ट्रेनिंग देना सुनिश्चित करने के आदेश दिए हैं. इसके अलावा राज्य आपदा बल को भी मजबूत करने के लिए निर्देश दिए गए हैं.

सीएम ने चिंता जताई कि शिमला में एक ही दिन में इतने हादसे हो गए. प्रदेश में 24 घंटे के भीतर 200 पेड़ गिरे हैं. सीएम आवास के करीब भी तीन पेड़ गिर गए. मिस्ट चेंबर शिमला में कल एक पल में सात देवदार के पेड़ धराशायी हो गए. राज्य पथ परिवहन निगम को एक ही दिन में एक करोड़ रुपए का नुकसान हो गया. विभिन्न स्थानों पर निगम की 400 बसें फंसी हुई हैं.

आलम ये है कि स्वतंत्रता दिवस समारोहों में सांस्कृतिक कार्यक्रम रद्द करने पड़े हैं. राज्य में बीते 24 घंटे में सामान्य से 357 फीसदी अधिक बारिश हो गई है. अभी दो दिन तक और अलर्ट जारी किया गया है. सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि राज्य सरकार सतर्क है और निरंतर स्थिति की समीक्षा की जा रही है. उन्होंने प्रदेश वासियों से अनावश्यक यात्रा न करने की सलाह दी है.

ये भी पढ़ें: हिमाचल में 24 घंटे में 55 मौतें, आज स्वतंत्रता दिवस पर नहीं होंगे सांस्कृतिक कार्यक्रम, सीएम बोले: इस तबाही से उबरने में लगेगा वक्त

शिमला: इस मानसून सीजन में हिमाचल प्रदेश में बादल फटने से भारी तबाही हुई है. बीते 24 घंटों में राज्य में 54 लोगों की मौत हुई है. बादल फटने के कारण अचानक पानी के तेज बहाव में पेड़ जड़ से उखड़ रहे हैं और भारी चट्टानें खिसक कर नुकसान कर रही हैं. राज्य सरकार इन घटनाओं से चिंता में है. जुलाई महीने में भी 9 से 11 तारीख के बीच हिमाचल में भयावह तबाही हुई थी. अब 14 अगस्त को हिमाचल ने प्रकृति के तांडव को देखा है.

14 अगस्त को बादल फटने के कारण शिमला के समरहिल में शिव मंदिर ध्वस्त हो गया. हादसे में 8 लोग मारे जा चुके हैं. अभी भी मलबे के नीचे कितने लोग हैं, इसका पता नहीं चल पा रहा है. इसी तरह सोलन जिला में ममलीग के एक गांव में एक ही परिवार के सात सदस्य मौत का शिकार हुए हैं. ये घटना भी बादल फटने का परिणाम है. इससे पहले सिरमौर जिला के ताल गांव में एक ही परिवार के पांच सदस्य काल का ग्रास बने. उससे पहले रोहड़ू के लैला इलाके में दादा-दादी व पोते की मौत हुई. ये हादसा भी बादल फटने के कारण हुआ है.

इसके अलावा हिमाचल प्रदेश के विभिन्न जिलों में बादल फटने के बाद भारी मात्रा में पानी आने से भयानक तबाही हो चुकी है. ऐसे में सरकार चिंता में है और प्रकृति की बदलती प्रवृति पर अध्ययन करने का फैसला लिया गया है. हिमाचल प्रदेश साइंस, एनवार्यन्मेंट एंड टेक्नोलॉजी विभाग राज्य में बादल फटने की घटनाओं का अध्ययन करेगा. इन घटनाओं के कारण और प्रभावों को लेकर विस्तार से रिपोर्ट बनाई जाएगी.

सोमवार को आपदा की स्थितियों का आकलन करने के लिए देर शाम सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने अफसरों की मीटिंग बुलाई थी. इस मीटिंग में निर्णय लिया गया कि बादल फटने की बढ़ रही घटनाओं का अध्ययन करना जरूरी है. सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आपात स्थितियों का सामना करने के लिए थानों में तैनात पुलिस कर्मियों को भी बचाव कार्य की ट्रेनिंग देना सुनिश्चित करने के आदेश दिए हैं. इसके अलावा राज्य आपदा बल को भी मजबूत करने के लिए निर्देश दिए गए हैं.

सीएम ने चिंता जताई कि शिमला में एक ही दिन में इतने हादसे हो गए. प्रदेश में 24 घंटे के भीतर 200 पेड़ गिरे हैं. सीएम आवास के करीब भी तीन पेड़ गिर गए. मिस्ट चेंबर शिमला में कल एक पल में सात देवदार के पेड़ धराशायी हो गए. राज्य पथ परिवहन निगम को एक ही दिन में एक करोड़ रुपए का नुकसान हो गया. विभिन्न स्थानों पर निगम की 400 बसें फंसी हुई हैं.

आलम ये है कि स्वतंत्रता दिवस समारोहों में सांस्कृतिक कार्यक्रम रद्द करने पड़े हैं. राज्य में बीते 24 घंटे में सामान्य से 357 फीसदी अधिक बारिश हो गई है. अभी दो दिन तक और अलर्ट जारी किया गया है. सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि राज्य सरकार सतर्क है और निरंतर स्थिति की समीक्षा की जा रही है. उन्होंने प्रदेश वासियों से अनावश्यक यात्रा न करने की सलाह दी है.

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