शिमला: शहर में गरीब परिवारों के लिए बनाए गए आवासों के लिए अब लोगों को और इंतजार करना पड़ेगा. गरीब परिवारों को आवास आवंटित करने को लेकर प्रस्ताव पर फैसला लेने के लिए मंगलवार को टाउनहॉल में उप महापौर की ओर से एक बैठक का आयोजन किया गया था.
सामाजिक न्याय समिति की बैठक में पार्षद सदस्य ही नहीं पहुचे जिसके चलते बैठक कोरम पूरा ना होने के कारण टल गई. उपमहापौर शैलेंद्र चौहान की अध्यक्षता में शुरू होने वाली इस बैठक में सिर्फ इंजनघर की पार्षद आरती चौहान ही पहुंची थी. अन्य सदस्य पार्षद किरण बावा, मीरा शर्मा और बिट्टू कुमार बैठक में नहीं पहुंचे थे.
निगम अफसरों की मौजूदगी में डिप्टी मेयर ने एक घंटे तक इनका इंतजार किया, लेकिन जब ये नहीं पहुंचे तो बैठक टाल दी गई. डिप्टी मेयर बनने के बाद शैलेंद्र चौहान ने पहली बार समिति की बैठक बुलाई थी, लेकिन कोरम पूरा नहीं हुआ.
शैलेंद्र चौहान ने कहा कि बैठक में सभी सदस्य नहीं पहुंच पाए हैं, जिससे ये बैठक पूरी नहीं हो पाई है. उन्होंने कहा कि जल्द ही बैठक के लिए नई तिथि तय की जाएगी जिसमें आवास आवंटन को लेकर फैसला लिया जाएगा.
बता दें कि बैठक में 19 परिवारों को आवास अलॉट करने पर फैसला होना था. 10 अन्य परिवारों को आवास सुविधा देने के लिए निगम ने एक जनवरी तक गरीब भूमिहीन परिवारों से आवेदन मांगे थे, लेकिन अंतिम तारीख तक सिर्फ 10 आवेदन मिले. आवेदन की तारीख बढ़ाने पर भी बैठक में फैसला लिया जाना था.
ढली में बने आशियानों में वर्तमान में दस परिवार ऐसे भी रह रहे हैं जो दूसरे राज्यों के हैं और अधूरे दस्तावेज दे रखे हैं. इन्हें दस्तावेज देने का आखिरी मौका देने को लेकर चर्चा होनी है. इसके अलावा एक महिला लाभार्थी की ओर से झूठे दस्तावेज देने पर कानूनी कार्रवाई करने और आवास से बाहर करने पर भी बैठक में फैसला होना था, लेकिन पार्षदों के ना आने से फैसले नहीं हो पाया है.
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