शिमला: प्रदेश हाई कोर्ट ने युग के कंकाल को उसके पिता को सौंपने के आदेश जारी कर दिए हैं. कार्यवाहक मुख्यन्यायाधीश धर्मचंद चौधरी और न्यायाधीश संदीप शर्मा की खंडपीठ में यह आदेश जारी किए.
इस मामले में दोषियों को सुनाई सजा-ए-मौत के पुष्टिकरण वाले मामले पर सुनवाई नए रोस्टर के मुताबिक दूसरी खंडपीठ के समक्ष होगी. मामला सत्र न्यायाधीश की ओर से रेफरेंस के तौर पर हाईकोर्ट के समक्ष रखा गया है. इस मामले में तीनों ने भी अपील के माध्यम से सत्र न्यायाधीश के फैसले को चुनौती दी है.
उल्लेखनीय है कि तीन दोषियों को फिरौती के लिए चार साल के मासूम युग की अपहरण के बाद निर्मम हत्या करने पर जिला एवं सत्र न्यायाधीश शिमला की अदालत ने फांसी की सजा सुनाई है. 6 सितंबर को दोषी चंद शर्मा, तेंजिंद्र पाल और विक्रांत बशी को सजा सुनाते हुए न्यायाधीश वीरेंद्र सिंह की अदालत ने इस अपराध को दुर्लभ में दुर्लभ श्रेणी के दायरे में पाया था. तीनों दोषियों ने 14 जून, 2014 को शिमला के राम बाजार से फिरौती के लिए युग का अपहरण किया था. अपहरण के दो साल बाद अगस्त 2016 में भराड़ी पेयजल टैंक से युग का कंकाल बरामद किया गया था. तीनों ने युग के शरीर पर पत्थर बांध कर उसे पानी से भरे टैंक में फेंक दिया था.
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