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युग हत्याकांड मामला...पिता को सौंपा जाए मासूम युग का कंकाल: HC

प्रदेश हाई कोर्ट ने युग के कंकाल को उसके पिता को सौंपने के आदेश जारी कर दिए हैं. इस मामले में दोषियों को सुनाई सजा-ए-मौत के पुष्टिकरण वाले मामले पर सुनवाई नए रोस्टर के मुताबिक  दूसरी खंडपीठ के समक्ष होगी

shimla yug murder case
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Published : Sep 27, 2019, 9:19 PM IST

शिमला: प्रदेश हाई कोर्ट ने युग के कंकाल को उसके पिता को सौंपने के आदेश जारी कर दिए हैं. कार्यवाहक मुख्यन्यायाधीश धर्मचंद चौधरी और न्यायाधीश संदीप शर्मा की खंडपीठ में यह आदेश जारी किए.

इस मामले में दोषियों को सुनाई सजा-ए-मौत के पुष्टिकरण वाले मामले पर सुनवाई नए रोस्टर के मुताबिक दूसरी खंडपीठ के समक्ष होगी. मामला सत्र न्यायाधीश की ओर से रेफरेंस के तौर पर हाईकोर्ट के समक्ष रखा गया है. इस मामले में तीनों ने भी अपील के माध्यम से सत्र न्यायाधीश के फैसले को चुनौती दी है.

उल्लेखनीय है कि तीन दोषियों को फिरौती के लिए चार साल के मासूम युग की अपहरण के बाद निर्मम हत्या करने पर जिला एवं सत्र न्यायाधीश शिमला की अदालत ने फांसी की सजा सुनाई है. 6 सितंबर को दोषी चंद शर्मा, तेंजिंद्र पाल और विक्रांत बशी को सजा सुनाते हुए न्यायाधीश वीरेंद्र सिंह की अदालत ने इस अपराध को दुर्लभ में दुर्लभ श्रेणी के दायरे में पाया था. तीनों दोषियों ने 14 जून, 2014 को शिमला के राम बाजार से फिरौती के लिए युग का अपहरण किया था. अपहरण के दो साल बाद अगस्त 2016 में भराड़ी पेयजल टैंक से युग का कंकाल बरामद किया गया था. तीनों ने युग के शरीर पर पत्थर बांध कर उसे पानी से भरे टैंक में फेंक दिया था.

ये भी पढ़ें: अंग्रेजों के समय शिमला में खुली थी पहली टूर एंड ट्रेवल कंपनी, अब दिवालिया होने के चलते हो गई है बंद

शिमला: प्रदेश हाई कोर्ट ने युग के कंकाल को उसके पिता को सौंपने के आदेश जारी कर दिए हैं. कार्यवाहक मुख्यन्यायाधीश धर्मचंद चौधरी और न्यायाधीश संदीप शर्मा की खंडपीठ में यह आदेश जारी किए.

इस मामले में दोषियों को सुनाई सजा-ए-मौत के पुष्टिकरण वाले मामले पर सुनवाई नए रोस्टर के मुताबिक दूसरी खंडपीठ के समक्ष होगी. मामला सत्र न्यायाधीश की ओर से रेफरेंस के तौर पर हाईकोर्ट के समक्ष रखा गया है. इस मामले में तीनों ने भी अपील के माध्यम से सत्र न्यायाधीश के फैसले को चुनौती दी है.

उल्लेखनीय है कि तीन दोषियों को फिरौती के लिए चार साल के मासूम युग की अपहरण के बाद निर्मम हत्या करने पर जिला एवं सत्र न्यायाधीश शिमला की अदालत ने फांसी की सजा सुनाई है. 6 सितंबर को दोषी चंद शर्मा, तेंजिंद्र पाल और विक्रांत बशी को सजा सुनाते हुए न्यायाधीश वीरेंद्र सिंह की अदालत ने इस अपराध को दुर्लभ में दुर्लभ श्रेणी के दायरे में पाया था. तीनों दोषियों ने 14 जून, 2014 को शिमला के राम बाजार से फिरौती के लिए युग का अपहरण किया था. अपहरण के दो साल बाद अगस्त 2016 में भराड़ी पेयजल टैंक से युग का कंकाल बरामद किया गया था. तीनों ने युग के शरीर पर पत्थर बांध कर उसे पानी से भरे टैंक में फेंक दिया था.

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पिता को सौंपा जाए मासूम युग का कंकाल

उच्च न्यायालय ने बहुचर्चित युग हत्याकांड में दिए निर्देश

दोषियों की सजा--मौत के पुष्टिकरण की सुनवाई करेगी दूसरी खंडपीठ

शिमला, 27 सितंबर (): प्रदेश हाई कोर्ट ने युग के कंकाल को उसके पिता को सौंपने के आदेश जारी कर दिए हैं। कार्यवाहक मु  न्यायाधीश धर्मचंद चौधरी  न्यायाधीश संदीप शर्मा की खंडपीठ में यह आदेश पारित किए। इस मामले में दोषियों को सुनाई सजा--मौत के पुष्टिकरण वाले मामले पर सुनवाई नए रोस्टर के मुताबिक दूसरी खंडपीठ के समक्ष होगी। मामला सत्र न्यायाधीश की ओर से रेफरेंस के तौर पर हाई कोर्ट के समक्ष रखा गया है। इस मामले में तीनों दोषियों ने भी अपील के माध्यम से सत्र न्यायाधीश के फैसले को चुनौती दी है। उल्लेखनीय है कि तीन दोषियों को फिरौती के लिए चार साल के मासूम युग की अपहरण के बाद निर्मम हत्या करने पर जिला एवं सत्र न्यायाधीश शिमला की अदालत ने फांसी की सजा सुनाई है। 6 सित बर को दोषी चंद्र शर्मातेजिंद्र पाल और विक्रांत  शी को सजा सुनाते हुए न्यायाधीश वीरेंद्र सिंह की अदालत ने इस अपराध को दुर्लभ में दुर्लभतम श्रेणी के दायरे में पाया था। तीनों दोषियों ने 14 जून, 2014 को शिमला के रामबाजार से फिरौती के लिए युग का अपहरण किया था। अपहरण के दो साल बाद अगस्त 2016 में भराड़ी पेयजल टैंक से युग का कंकाल बरामद किया गया था। तीनों ने मासूम के शरीर में पत्थर बांध कर उसे जिंदा पानी से भरे टैंक में फेंक दिया था।

 

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