शिमला: शिमला शिव मंदिर लैंडस्लाइड हादसे में 5वें दिन भी शव बरामद हुआ है. दरअसल, शुक्रवार देर शाम तक चले सर्च ऑपरेशन में नाले में एक शव दिखा तभी रेस्क्यू टीम ने मौके पर जाकर शव को बाहर निकाला. जिसकी पहचान अविनाश नेगी बालूगंज स्कूल में पीटीआई के तौर पर हुई है. बताया जा रहा है कि जो शव सुबह मिला था वह इसका मामा था. मृतक अविनाश के दोस्त और बालूगंज स्कूल में अध्यापक दिग्विजय नेगी को घटना वाले दिन सुबह 9:00 बजे फोन करके बताया था कि वह यहां फंस गए हैं और उन्हें बचा लिया जाए, लेकिन जब तक दिग्विजय मौके पर पहुंचे उसका फोन बंद आ रहा था. 5 दिनों से दिग्विजय अपने साथी की तलाश में भटक रहे थे आज शाम को अविनाश का शव बरामद हुआ है. अब तक कुल 16 शव मिल चुके हैं. वहीं, शाम रात 8 बजे सर्च ऑपरेशन को बंद किया गया है. अब सुबह फिर से सर्च ऑपरेशन शुरू किया जाएगा.
नाले से ऊपर मंदिर की ओर मलबा खोदने का फैसला: दरअसल, NDRF और स्थानीय प्रशासन ने बीती शाम सर्च ऑपरेशन की रणनीति में बदलाव किया है. नाले से ऊपर यानी मंदिर की ओर मलबा खोदते हुए सर्च ऑपरेशन करने का निर्णय लिया है, क्योंकि मंदिर के पास ज्यादा कामयाबी नहीं मिल पा रही. वहीं, लापता लोगों के नहीं मिलने से इनके जिंदा होने की उम्मीदें टूटती जा रही हैं. तीन दिन में केवल तीन ही शव बरामद हुए हैं, जबकि घटनास्थल पर भारतीय सेना, NDRF, SDRM, पुलिस, होमगार्ड और लोकल लोग बड़ी संख्या में सर्च ऑपरेशन में जुटे हुए हैं.
ये लोग अभी भी लापता: मौके पर बड़ी संख्या में देवदार के पेड़, मलबा और रेलवे ट्रेक के आने से सर्च ऑपरेशन में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. इसमें सबसे बड़ी बाधा ढलानदार पहाड़ी का होना है, जहां नीचे नाले तक जेसीबी और दूसरी मशीनरी ले जाना संभव नहीं है. इससे नाले में टनों के हिसाब के इकट्ठे मलबे को हटाना आसान नहीं है. वहीं, पुलिस द्वारा जारी मिसिंग रिपोर्ट के अनुसार, दिवंगत प्रोफेसर पीएल शर्मा का बेटा, नीरज ठाकुर, शंकर नेगी, पवन और उनकी पोती हादसे के बाद से लापता हैं.
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