ETV Bharat / state

MC Shimla Election 2023 शहर की सरकार बनाने की सुक्खू सरकार के सामने चुनौती, 10 सालों से कांग्रेस का कब्जा नहीं

शिमला नगर निगम चुनाव 2 मई को होगा, लेकिन सत्ता पर काबिज होने के महज 4 महीने बाद सुखविंदर सरकार के सामने चुनाव जीतना बड़ी चुनौती होगी. हालांकि ,सीएम खुद यहां से पार्षद रह चुके हैं,और वो शहर की सरकार बनाने के सारे दांव-पेच जानते हैं. 4 मई को जब नतीजे आएंगे तभी पूरी तस्वीर साफ होगी कि सुखविंदर सरकार सफल रही या एक बार फिर मेयर बनाने में नाकामयाब रही.

Shimla Municipal Corporation Election 2023
Shimla Municipal Corporation Election 2023
author img

By

Published : Apr 11, 2023, 8:31 AM IST

Updated : Apr 11, 2023, 10:28 AM IST

शिमला: हिमाचल में सत्ता में आने के बाद राज्य की सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार पहली बार अग्नि परीक्षा से गुजरेगी. सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार की पहली अग्नि परीक्षा शिमला नगर निगम शिमला के चुनावों में होगी. सरकार के सामने नगर निगम के चुनाव जीतने की एक बड़ी चुनौती है. यह तब है ,जबकि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू शिमला नगर निगम के पार्षद रह चुके हैं.

सरकार बनने के चार माह बाद पहली परीक्षा: राज्य में सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार के सामने यह पहली परीक्षा है. सरकार बने हुए करीब चार माह हुए हैं और पहला चुनाव सरकार के सामने शिमला नगर निगम का है. शिमला हिमाचल की राजधानी है और यहां हुए चुनावों का मतलब एक तरह से जनादेश ही माना जाता है. हालांकि, सरकार को बने हुए ज्यादा समय नहीं हुआ और ऐसे में सरकार के खिलाफ नाराजगी जैसी बात अभी नहीं है, लेकिन शिमला शहर की जनता जागरूक है और यहां पर एक बड़ा तबका कर्मचारियों और छात्रों का है जो कि सोच समझकर वोट देता है. ऐसे में सुखविंदर सिंह सरकार की यह पहली परीक्षा होगी, जिसके लिए सरकार ने भी पूरी कमर कस ली है.

सुखविंदर सिंह सुक्खू खुद रह चुके हैं पार्षद: शिमला नगर निगम के पार्षद सुखविंदर सुक्खू भी रह चुके हैं. जाहिर तौर पर शिमला नगर निगम चुनावों की राजनीति और इसके दांव -पेच से वह पहले से भली भांति परिचित है. यही वजह है कि मुख्यमंत्री भी इन चुनावों पर फोकस कर रहे हैं. यही नहीं कांग्रेस पार्टी भी इन चुनावों को गंभीरता से ले रही है. चुनावों के लिए कांग्रेस ने रणनीति तैयार कर ली है. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू इन चुनावों पर खुद नजर रख रहे हैं और यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि सरकार और संगठन के बीच तालमेल बना रहे.

सीएम का प्रतिभा सिंह के साथ मंथन: यही वजह है कि बीते दिनों मुख्यमंत्री ने कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष प्रतिभा सिंह के साथ लंबी मंत्रणा इन चुनावों को लेकर की थी. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू पार्टी की प्रदेशाध्यक्ष के साथ चुनावों की लेकर भी मंथन कर रहे हैं ,ताकि कोई भी कमी किसी भी स्तर पर न हो.नगर निगम चुनाव को लेकर सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार के कैबिनेट मंत्रियों को भी इससे संबंधित जिम्मेदारी दी गई हैं. पार्टी प्रत्याशियों का चयन करने की स्क्रीनिंग कमेटी में कैबिनेट मंत्रियों को लिया गया है. इसी तरह मेनिफेस्टो कमेटी में भी सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार के मंत्री शामिल किए गए हैं. पार्टी अब चुनावों में भी सरकार के मंत्रियों को उतारेगी.

मंत्रियों को उतारा मैदान में: नगर निगम शिमला के तहत आने कसुम्पटी विधानसभा क्षेत्र के भी कुछ वार्ड शामिल हैं, जिसका प्रतिनिधित्व ग्रामीण विकास एवं पंचायत राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह कर रहे हैं. इसी तरह शिमला ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र के भी वार्ड शिमला शहर में शामिल है, जहां से पीडब्ल्यूडी मंत्री विक्रमादित्य सिंह हैं. दोनों मंत्री इन चुनावों को लेकर कार्यकर्ताओं के साथ बैठकें भी कर रहे हैं. शहर के विधायक हरीश जनारथा भी सक्रिय होकर लगातार शहर में लोगों के साथ बैठकें कर रहे हैं, इस तरह कैबिनेट मंत्रियों को तैनात कर सरकार भी यहां पार्टी की जीत सुनिश्चित करना चाह रही है.

2012 से कांग्रेस के नहीं बने मेयर व डिप्टी मेयर: नगर निगम शिमला में पिछले 2012 से कांग्रेस के मेयर और डिप्टी मेयर नहीं बन पाए हैं. 2012 के चुनाव में मेयर और डिप्टी मेयर पदों पर सीधे चुनाव करवाए गए थे और दोनों सीटों पर वामपंथी माकपा ने अपना कब्जा जमाया था. इसके बाद 2017 के चुनावों में कांग्रेस को नगर निगम में बहुमत नहीं मिल पाया. तब कांग्रेस को 34 में से मात्र 12 सीटें ही मिली. माकपा को 4 सीटें मिली थी. हालांकि ,भाजपा 18 को बहुमत से एक कम यानी 17 सीटें जीत पाई थी , लेकिन उसने निर्दलीय लड़े कांग्रेस के एक पूर्व पार्षद और अपने बागी निर्दलीय जीते पार्षद के सहारे नगर निगम पर कब्जा जमा लिया था, इस तरह कांग्रेस लगातार दूसरी बार नगर निगम में अपने मेयर और डिप्टी मेयर नहीं बना पाई थी.

सरकार होने का फैक्टर भुनाने की कोशिश कर रही कांग्रेस: कांग्रेस के लिए शिमला नगर निगम चुनाव एक चुनौती भी है और उसके लिए यह एक मौका भी है ,क्योंकि राज्य में उसकी सरकार है. हिमाचल में अपनी सरकार होने के फैक्टर को भुनाने की भी कांग्रेस कोशिश कर रही है. शिमला शहर में विकासात्मक कार्य करवाने के लिए कांग्रेस के नेता शिमला में अपनी स्थानीय सरकार का होना जरूरी बता रहे हैं. यही नहीं हाल ही में सरकार ने शिमला की सड़कों को ठीक करने के लिए भी 10 करोड़ की राशि जारी की थी.

लोकसभा चुनावों पर भी पडे़गा असर: हालांकि ,सरकार का होने का फायदा कांग्रेस को कितना मिलेगा यह तो समय ही बताएगा, लेकिन कांग्रेस सरकार इन चुनावों को जीतने की पूरी ताकत लगा रही है. नगर निगम चुनाव के इन नतीजों का आने वाले लोकसभा चुनाव पर भी असर देखने को मिलेगा. ऐसे में यह चुनाव अहम माने जा रहे हैं.

12 वार्डो में जन संपर्क कमेटी को मंजूरी: कांग्रेस अध्यक्ष सांसद प्रतिभा सिंह ने ब्लॉक कांग्रेस कमेटी कसुम्पटी से नगर निगम शिमला के 12 वार्डो के लिए जन संपर्क कमेटी के गठन को अपनी मंजूरी दे दी हैं.नगर निगम चुनाव प्रबंधन समिति के सदस्य सचिव अमित पाल सिंह ने बताया कि प्रदेश कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष मोहिंद्र चौहान, ब्लॉक कांग्रेस कमेटी कसुम्पटी के अध्यक्ष राम कृष्ण शांडिल,पूर्व अध्यक्ष भूपेंद्र कुमार के अतिरिक्त हरि कृष्ण सिंह ठाकुर, प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सचिव राकेश चौहान, पूर्व पार्षद संजय चौहान,प्रदेश महिला कांग्रेस की महासचिव शशि ठाकुर, ऋषि राठौर,राकेश,नरेंद्र ठाकुर,संदीप वर्मा,राजन ठाकुर,राजीव शर्मा,विकास कुमार,सुरेंद्र कुमार, दिनेश, बलवंत ठाकुर को शामिल किया गया है. इसके अतिरिक्त ब्लॉक कांग्रेस कमेटी कसुम्पटी के सभी अग्रिम संगठनों व विभागों के प्रमुख भी इस कमेटी के सदस्य बनाए गए हैं.

कांग्रेस भारी बहुमत से जीतेगी नगर निगम चुनाव: मुख्यमंत्री के प्रधान मीडिया सलाहकार नरेश चौहान ने कहा है कि कांग्रेस नगर निगम शिमला चुनाव भारी बहुमत से जीतेगी. उन्होंने कहा कि कांग्रेस जल्द ही इन चुनावों के लिए अपने उम्मीदवारों का ऐलान करेगी. भाजपा के फर्जी वोटरों के आरोपों पर नरेश चौहान ने कहा है कि भाजपा हार के डर से इस तरह के आरोप लगा रही है. उन्होंने कहा कि सभी को मतदान करने का हक है. ऐसे में उन लोगों के वोट बनाए गए हैं जो कि पहले किसी कारणवश नहीं बना पाए थे. वोटरों को जांचने का काम चुनाव आयोग का है.

ये भी पढ़ें : MC Shimla Election: नगर निगम चुनाव के लिए कांग्रेस ने बनाई घोषणा पत्र कमेटी, तीन कैबिनेट मंत्री सहित आठ सदस्य बनाए

शिमला: हिमाचल में सत्ता में आने के बाद राज्य की सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार पहली बार अग्नि परीक्षा से गुजरेगी. सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार की पहली अग्नि परीक्षा शिमला नगर निगम शिमला के चुनावों में होगी. सरकार के सामने नगर निगम के चुनाव जीतने की एक बड़ी चुनौती है. यह तब है ,जबकि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू शिमला नगर निगम के पार्षद रह चुके हैं.

सरकार बनने के चार माह बाद पहली परीक्षा: राज्य में सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार के सामने यह पहली परीक्षा है. सरकार बने हुए करीब चार माह हुए हैं और पहला चुनाव सरकार के सामने शिमला नगर निगम का है. शिमला हिमाचल की राजधानी है और यहां हुए चुनावों का मतलब एक तरह से जनादेश ही माना जाता है. हालांकि, सरकार को बने हुए ज्यादा समय नहीं हुआ और ऐसे में सरकार के खिलाफ नाराजगी जैसी बात अभी नहीं है, लेकिन शिमला शहर की जनता जागरूक है और यहां पर एक बड़ा तबका कर्मचारियों और छात्रों का है जो कि सोच समझकर वोट देता है. ऐसे में सुखविंदर सिंह सरकार की यह पहली परीक्षा होगी, जिसके लिए सरकार ने भी पूरी कमर कस ली है.

सुखविंदर सिंह सुक्खू खुद रह चुके हैं पार्षद: शिमला नगर निगम के पार्षद सुखविंदर सुक्खू भी रह चुके हैं. जाहिर तौर पर शिमला नगर निगम चुनावों की राजनीति और इसके दांव -पेच से वह पहले से भली भांति परिचित है. यही वजह है कि मुख्यमंत्री भी इन चुनावों पर फोकस कर रहे हैं. यही नहीं कांग्रेस पार्टी भी इन चुनावों को गंभीरता से ले रही है. चुनावों के लिए कांग्रेस ने रणनीति तैयार कर ली है. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू इन चुनावों पर खुद नजर रख रहे हैं और यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि सरकार और संगठन के बीच तालमेल बना रहे.

सीएम का प्रतिभा सिंह के साथ मंथन: यही वजह है कि बीते दिनों मुख्यमंत्री ने कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष प्रतिभा सिंह के साथ लंबी मंत्रणा इन चुनावों को लेकर की थी. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू पार्टी की प्रदेशाध्यक्ष के साथ चुनावों की लेकर भी मंथन कर रहे हैं ,ताकि कोई भी कमी किसी भी स्तर पर न हो.नगर निगम चुनाव को लेकर सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार के कैबिनेट मंत्रियों को भी इससे संबंधित जिम्मेदारी दी गई हैं. पार्टी प्रत्याशियों का चयन करने की स्क्रीनिंग कमेटी में कैबिनेट मंत्रियों को लिया गया है. इसी तरह मेनिफेस्टो कमेटी में भी सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार के मंत्री शामिल किए गए हैं. पार्टी अब चुनावों में भी सरकार के मंत्रियों को उतारेगी.

मंत्रियों को उतारा मैदान में: नगर निगम शिमला के तहत आने कसुम्पटी विधानसभा क्षेत्र के भी कुछ वार्ड शामिल हैं, जिसका प्रतिनिधित्व ग्रामीण विकास एवं पंचायत राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह कर रहे हैं. इसी तरह शिमला ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र के भी वार्ड शिमला शहर में शामिल है, जहां से पीडब्ल्यूडी मंत्री विक्रमादित्य सिंह हैं. दोनों मंत्री इन चुनावों को लेकर कार्यकर्ताओं के साथ बैठकें भी कर रहे हैं. शहर के विधायक हरीश जनारथा भी सक्रिय होकर लगातार शहर में लोगों के साथ बैठकें कर रहे हैं, इस तरह कैबिनेट मंत्रियों को तैनात कर सरकार भी यहां पार्टी की जीत सुनिश्चित करना चाह रही है.

2012 से कांग्रेस के नहीं बने मेयर व डिप्टी मेयर: नगर निगम शिमला में पिछले 2012 से कांग्रेस के मेयर और डिप्टी मेयर नहीं बन पाए हैं. 2012 के चुनाव में मेयर और डिप्टी मेयर पदों पर सीधे चुनाव करवाए गए थे और दोनों सीटों पर वामपंथी माकपा ने अपना कब्जा जमाया था. इसके बाद 2017 के चुनावों में कांग्रेस को नगर निगम में बहुमत नहीं मिल पाया. तब कांग्रेस को 34 में से मात्र 12 सीटें ही मिली. माकपा को 4 सीटें मिली थी. हालांकि ,भाजपा 18 को बहुमत से एक कम यानी 17 सीटें जीत पाई थी , लेकिन उसने निर्दलीय लड़े कांग्रेस के एक पूर्व पार्षद और अपने बागी निर्दलीय जीते पार्षद के सहारे नगर निगम पर कब्जा जमा लिया था, इस तरह कांग्रेस लगातार दूसरी बार नगर निगम में अपने मेयर और डिप्टी मेयर नहीं बना पाई थी.

सरकार होने का फैक्टर भुनाने की कोशिश कर रही कांग्रेस: कांग्रेस के लिए शिमला नगर निगम चुनाव एक चुनौती भी है और उसके लिए यह एक मौका भी है ,क्योंकि राज्य में उसकी सरकार है. हिमाचल में अपनी सरकार होने के फैक्टर को भुनाने की भी कांग्रेस कोशिश कर रही है. शिमला शहर में विकासात्मक कार्य करवाने के लिए कांग्रेस के नेता शिमला में अपनी स्थानीय सरकार का होना जरूरी बता रहे हैं. यही नहीं हाल ही में सरकार ने शिमला की सड़कों को ठीक करने के लिए भी 10 करोड़ की राशि जारी की थी.

लोकसभा चुनावों पर भी पडे़गा असर: हालांकि ,सरकार का होने का फायदा कांग्रेस को कितना मिलेगा यह तो समय ही बताएगा, लेकिन कांग्रेस सरकार इन चुनावों को जीतने की पूरी ताकत लगा रही है. नगर निगम चुनाव के इन नतीजों का आने वाले लोकसभा चुनाव पर भी असर देखने को मिलेगा. ऐसे में यह चुनाव अहम माने जा रहे हैं.

12 वार्डो में जन संपर्क कमेटी को मंजूरी: कांग्रेस अध्यक्ष सांसद प्रतिभा सिंह ने ब्लॉक कांग्रेस कमेटी कसुम्पटी से नगर निगम शिमला के 12 वार्डो के लिए जन संपर्क कमेटी के गठन को अपनी मंजूरी दे दी हैं.नगर निगम चुनाव प्रबंधन समिति के सदस्य सचिव अमित पाल सिंह ने बताया कि प्रदेश कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष मोहिंद्र चौहान, ब्लॉक कांग्रेस कमेटी कसुम्पटी के अध्यक्ष राम कृष्ण शांडिल,पूर्व अध्यक्ष भूपेंद्र कुमार के अतिरिक्त हरि कृष्ण सिंह ठाकुर, प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सचिव राकेश चौहान, पूर्व पार्षद संजय चौहान,प्रदेश महिला कांग्रेस की महासचिव शशि ठाकुर, ऋषि राठौर,राकेश,नरेंद्र ठाकुर,संदीप वर्मा,राजन ठाकुर,राजीव शर्मा,विकास कुमार,सुरेंद्र कुमार, दिनेश, बलवंत ठाकुर को शामिल किया गया है. इसके अतिरिक्त ब्लॉक कांग्रेस कमेटी कसुम्पटी के सभी अग्रिम संगठनों व विभागों के प्रमुख भी इस कमेटी के सदस्य बनाए गए हैं.

कांग्रेस भारी बहुमत से जीतेगी नगर निगम चुनाव: मुख्यमंत्री के प्रधान मीडिया सलाहकार नरेश चौहान ने कहा है कि कांग्रेस नगर निगम शिमला चुनाव भारी बहुमत से जीतेगी. उन्होंने कहा कि कांग्रेस जल्द ही इन चुनावों के लिए अपने उम्मीदवारों का ऐलान करेगी. भाजपा के फर्जी वोटरों के आरोपों पर नरेश चौहान ने कहा है कि भाजपा हार के डर से इस तरह के आरोप लगा रही है. उन्होंने कहा कि सभी को मतदान करने का हक है. ऐसे में उन लोगों के वोट बनाए गए हैं जो कि पहले किसी कारणवश नहीं बना पाए थे. वोटरों को जांचने का काम चुनाव आयोग का है.

ये भी पढ़ें : MC Shimla Election: नगर निगम चुनाव के लिए कांग्रेस ने बनाई घोषणा पत्र कमेटी, तीन कैबिनेट मंत्री सहित आठ सदस्य बनाए

Last Updated : Apr 11, 2023, 10:28 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.