शिमला: शहर के मिडिल बाजार में हुआ रहस्यमई धमाका अब जांच एजेंसी के लिए पहेली बन गया है. अब शिमला पुलिस की कार्यप्रणाली भी सवालों के घेरे में आ गई है. जहां पहले पुलिस ने अपने स्तर पर ही इस मामले की जांच करने का दावा किया था, वहीं अब इसमें नेशनल एजेंसी एनएसजी के शामिल होने से कई सवाल उभर कर सामने आए हैं. लगातार दूसरे दिन भी एनएसजी के नेशनल बॉम डाटा सेंटर के विशेषज्ञ (एनबीडीसी) ने जांच की. इस दौरान पुलिस और कुछ स्थानीय लोगों के बयान भी दर्ज किए गए. अब सवाल उठ रहे हैं कि ऐसी कौन सी मजबूरी थी जो पुलिस को जांच के लिए इतने बड़े स्तर पर जांच एजेंसी को बुलाना पड़ा.
जल्द ही एसआईटी सौंपेगी रिपोर्ट: दरअसल, शिमला पुलिस की अपनी जांच में धमाके का कारण गैस का रिसाव होना माना जा रहा है, फिलहाल पुलिस की गठित एसआईटी इस मामले की जांच जारी रखेगी और एनएसजी को भी इस पर इनपुट प्रोवाइड कराती रहेगी. एनएसजी के नेशनल बॉम डाटा सेंटर के विशेषज्ञ (एनबीडीसी) फिलहाल अपने स्तर पर इसकी जांच कर रही है. एसपी शिमला संजीव गांधी का कहना है कि गठित एसआईटी अपने स्तर पर जांच करती रहेगी. जल्द ही एसआईटी अपनी रिपोर्ट सौंपेगी.
शिमला पुलिस ब्लास्ट को बोल रही सिंजिंग: शिमला पुलिस इस तरह के ब्लास्ट को सिंजिंग बोल रही है. बताया जा रहा है कि गैस भारी मात्रा में जब एक जगह इकट्ठा हो जाती है. गैस का भार किलोग्राम में हो जाता है और उसकी प्रॉपर निकासी नहीं हो पाती. उसे जब हल्की सी भी चिंगारी मिलती है तो इस तरह का ब्लास्ट हो जाता है. इस घटना में भी ऐसे ही हुआ. इसे वैज्ञानिक भाषा में सिंजिंग बोला जाता है. बताया जा रहा है कि सिलेंडर काफी देर से लीक हो रहा था, और गैस एक जगह इकट्ठा हो गई थी. हिमाचल रसोई रेस्टोरेंट में फ्रिज की ऑटो कट शुरू होते ही गैस को चिंगारी मिली और धमाका हो गया. पुलिस के मुताबिक जगह छोटी थी और गैस किलो के हिसाब से इकट्ठा हो गई थी इसलिए जोर का धमाका हुआ.
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