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शिमला में SFI का शिक्षा निदेशालय के बाहर धरना प्रदर्शन, की ये मांग

यूजी के अंतिम सेमेस्टर और पीजी की परिक्षाओं को कराने को लेकर एसएफआई ने शिक्षा निदेशालय के बाहर धरना प्रदर्शन किया. एसएफआई ने इस दौरान अधिकारियों को ज्ञापन सौंपा. जिसमें कोरोना संकट में परीक्षाओं को नहीं करवाने की मांग की गई. एसएफआई का कहना है कि परीक्षाएं करवा कर सरकार छात्रों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ कर रही है.

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Published : Jul 18, 2020, 3:34 PM IST

SFI staged protest
परीक्षाएं नहीं कराने की मांग

शिमला : प्रदेश सरकार की तरफ से यूजी के अंतिम सेमेस्टर के छात्रों की परीक्षाएं करवाने के साथ ही पीजी की परीक्षाएं भी करवाई जा रही है. छात्र संगठन लगातार यह मांग कर रहे है कि कोविड के संकट के बीच इन परीक्षाओं को न करवाया जाए.

इसी मांग को लेकर शनिवार को एसएफआई ने शिक्षा निदेशालय के बाहर धरना प्रदर्शन किया. यूजीसी की गाइडलाइंस का एसएफआई ने विरोध जताया. इसके साथ ही सरकार और विश्वविद्यालय प्रशासन और शिक्षा विभाग के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.

वीडियो.

एसएफआई ने मांग की है कि कोविड संकट के बीच में जो प्रदेश में लगातार कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं तो ऐसे में परीक्षाएं नहीं करवाई जानी चाहिए. परीक्षाएं करवा कर सरकार छात्रों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ कर रही है.

एसएफआई राज्य अध्यक्ष विक्रम ने कहा कि यूजीसी की ओर से जो गाइडलाइंस जारी की गई, उसमें कहा गया है कि छात्रों की परीक्षाएं करवाई जाए, लेकिन इस संकट के बीच में परीक्षाओं को करवाना किसी भी तरह से सही नहीं. छात्रों को उनकी पिछली परफॉर्मेंस के आधार पर ही सरकार को प्रमोट करना चाहिए.

उन्होंने कहा कि इस समय अगर परीक्षाएं होगीं तो परीक्षाएं देने वाले छात्रों के साथ ही जो कर्मचारी भी एग्जामिनेशन में अपनी ड्यूटी देंगे उनके संक्रमित होने का भी खतरा बना रहेगा. एसएफआई ने अपनी मांगों को लेकर ज्ञापन भी शिक्षा निदेशालय में अधिकारियों को सौंपा.

इस ज्ञापन के माध्यम से उन्होंने मांग की कि परीक्षाएं न करवाई जाएं. छात्रों को आगामी कक्षाओं में प्रमोट किया जाए. इसके साथ ही फीस पर लगाए गए अतिरिक्त 18 फीसदी जीएसटी के फैसले को वापिस लिया जाए. जीएसटी लगाकर छात्रों पर अतिरिक्त बोझ डाला जा रहा है.

विक्रम ने कहा कि इस फैसले से छात्रों को पढ़ाई से वंचित करने का काम किया जा रहा है जो सरासर गलत है. एसएफआई ने चेताया है कि अगर उनकी मांगे नहीं मानी जाती हैं तो एसएफआई अपने प्रदर्शन को तेज करेगी.

ये भी पढ़ें : शिमला में ट्रक ड्राइवर निकला कोरोना पॉजिटिव, एक्टिव केस हुए 25

शिमला : प्रदेश सरकार की तरफ से यूजी के अंतिम सेमेस्टर के छात्रों की परीक्षाएं करवाने के साथ ही पीजी की परीक्षाएं भी करवाई जा रही है. छात्र संगठन लगातार यह मांग कर रहे है कि कोविड के संकट के बीच इन परीक्षाओं को न करवाया जाए.

इसी मांग को लेकर शनिवार को एसएफआई ने शिक्षा निदेशालय के बाहर धरना प्रदर्शन किया. यूजीसी की गाइडलाइंस का एसएफआई ने विरोध जताया. इसके साथ ही सरकार और विश्वविद्यालय प्रशासन और शिक्षा विभाग के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.

वीडियो.

एसएफआई ने मांग की है कि कोविड संकट के बीच में जो प्रदेश में लगातार कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं तो ऐसे में परीक्षाएं नहीं करवाई जानी चाहिए. परीक्षाएं करवा कर सरकार छात्रों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ कर रही है.

एसएफआई राज्य अध्यक्ष विक्रम ने कहा कि यूजीसी की ओर से जो गाइडलाइंस जारी की गई, उसमें कहा गया है कि छात्रों की परीक्षाएं करवाई जाए, लेकिन इस संकट के बीच में परीक्षाओं को करवाना किसी भी तरह से सही नहीं. छात्रों को उनकी पिछली परफॉर्मेंस के आधार पर ही सरकार को प्रमोट करना चाहिए.

उन्होंने कहा कि इस समय अगर परीक्षाएं होगीं तो परीक्षाएं देने वाले छात्रों के साथ ही जो कर्मचारी भी एग्जामिनेशन में अपनी ड्यूटी देंगे उनके संक्रमित होने का भी खतरा बना रहेगा. एसएफआई ने अपनी मांगों को लेकर ज्ञापन भी शिक्षा निदेशालय में अधिकारियों को सौंपा.

इस ज्ञापन के माध्यम से उन्होंने मांग की कि परीक्षाएं न करवाई जाएं. छात्रों को आगामी कक्षाओं में प्रमोट किया जाए. इसके साथ ही फीस पर लगाए गए अतिरिक्त 18 फीसदी जीएसटी के फैसले को वापिस लिया जाए. जीएसटी लगाकर छात्रों पर अतिरिक्त बोझ डाला जा रहा है.

विक्रम ने कहा कि इस फैसले से छात्रों को पढ़ाई से वंचित करने का काम किया जा रहा है जो सरासर गलत है. एसएफआई ने चेताया है कि अगर उनकी मांगे नहीं मानी जाती हैं तो एसएफआई अपने प्रदर्शन को तेज करेगी.

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