शिमला: हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में शीतकालीन अवकाश समाप्त होने के बाद भी हॉस्टल्स की मैस नहीं खोली गई है. एसएफआई ने विश्वविद्यालय प्रशासन से हॉस्टल्स की मैस को जल्द से जल्द शुरू करने की मांग की है.
एसएफआई बुधवार को हॉस्टल मैस जल्द शुरू करने, गार्गी हॉस्टल की रेनोवेशन का काम जल्द पूरा करने और इरावती, गिरीगंगा और विपाशा हॉस्टलों की रेनोवेशन की मांग के साथ ही हॉस्टल मैस को आउटसोर्स न करने की मांग को लेकर चीफ वार्डन प्रो. नयन सिंह का घेराव किया गया.
एसएफआई ने कहा कि सर्दियों में छात्रों की मांग के कारण 17 फरवरी तक एक कॉमन मैस चलाई जा रही थी. 17 फरवरी के बाद सभी मैसें खुल जानी थी, लेकिन अभी तक हॉस्टल की मैस न खुलने से छात्र बाहर खाना खाने के लिए मजबूर हैं. इससे छात्रों की जेब पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ पड़ रहा है. इसके साथ ही होस्टल्स की रेनोवेशन का काम भी बड़ी ही धीमी ही गति से चल रहा है.
होस्टल के कमरों की हालत खस्ताहाल है जिनकी रेनोवेशन जल्द से जल्द प्रशासन को करनी चाहिए. एसएफआई विवि इकाई उपाध्यक्ष हेमराज ठाकुर ने कहा कि विश्वविद्यालय हॉस्टल की मैस को आउटसोर्स किया जा रहा है. 2013-14 में भी हॉस्टल की मैस को आउटसोर्स किया गया था, जिसका परिणाम यह रहा था कि डाइट रेट दोगुना हो गया था और छात्र आंदोलन के चलते इसे वापिस लिया गया, लेकिन अभी फिर प्रशासन इस तरह का छात्र विरोधी निर्णय लागू करने की कोशिश कर रहा है.
आउटसोर्सिंग का एजेंडा विश्वविद्यालय में बड़े लंबे समय से चल रहा है पहले नॉन टीचिंग स्टाफ में आउटसोर्सिंग की गई थी. छात्रों ने इसका भरपूर विरोध किया था, लेकिन फिर भी विश्वविद्यालय प्रशासन इस तरह के फरमान निकलकर अपने चहेतों को फायदा पहुंचाने की कोशिश कर रहा है.
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