शिमला: सिंचाई मंत्री ने कहा कि इस योजना में ये सुनिश्चित किया जाएगा कि पानी को इतना साफ किया जाए, ताकि इसे फिर से उपयोग में लाया जा सके. योजना के तहत साफ किए गए पानी को शिमला के साथ लगते क्षेत्रों में सिंचाई की जाएगी.
सिंचाई मंत्री ने कहा कि शिमला में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट लगाने की योजना से शिमला के साथ लगते सोलन जिला के क्षेत्रों की सिंचाई भी की जाएगी. परियोजना को अमल में लाने के लिए दोनों जिला के संबंधित अधिकारियों की टीम बनाई जा रही है.
कैबिनेट मंत्री ने कहा कि जलवायु परिवर्तन के वजह से विश्व पानी की कमी से जूझ रहा है. विश्व के कई शहरों में लोग पीने के पानी के लिए तरस रहे हैं. ऐसे में प्रदेश में पानी की कमी को पूरा करने और पानी की बर्बादी को रोकने के लिए प्रदेश सरकार ने कई योजनाएं तैयार की हैं.
मंत्री ने कहा कि जयराम सरकार इस क्षेत्र में कई बिंदुओं पर काम कर रही है. इन बिंदुओं में हर नाले, खड्ड और नदी को बाढ़ नियंत्रण का प्रावधान किया जाएगा, ताकि भू-जलस्तर को बढ़ाया जा सके और पानी की कमी वाले क्षेत्रों को सिंचाई का पानी भी उपलब्ध करवाया जा सकेगा. महेंद्र सिंह ने कहा कि प्रदेश सरकार वर्षा जल संग्रहण का प्रावधान भी कर रही है. इस प्रोजेक्ट के तहत रूफ टॉप हार्वेस्टिंग पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है. घर की छतों से वर्षा जल संग्रहण से एक ओर जहां व्यर्थ में बह रहे पानी को रोक जा सकेगा. वहीं, इस पानी से सब्जियों और खेतों की सिंचाई भी की जा सकेगी. इसके अलावा भू जलसंग्रहण भी किया जा सकेगा.