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करोड़पति हैं हिमाचल के 76 फीसदी माननीय, कर्ज में डूबी सरकार ने और लुटाई 4 लाख सालाना की मेहरबानी

हिमाचल में 68 में से 52 विधायक करोड़पति हैं. यानी कुल माननीयों में से 76 फीसदी करोड़पति हैं, फिर भी एक सुर में सभी ने निशुल्क यात्रा भत्ते का स्वागत किया है. विधानसभा के मानसून सत्र के अंतिम दिन सरकार ने सभी माननीयों का निशुल्क यात्रा भत्ता सालाना ढाई लाख रुपए से चार लाख रुपए कर दिया.

Himachal pradesh assembly
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Published : Sep 4, 2019, 7:31 PM IST

शिमला: राजनीति को बेशक जनसेवा का नाम दिया जाता है, लेकिन मौजूदा दौर में ये धन का खेल हो गई है. पचास हजार करोड़ रुपए से भी अधिक के कर्ज में डूबी हिमाचल सरकार ने माननीयों पर सालाना चार लाख निशुल्क यात्रा भत्ते की मेहरबानी की है

बड़ी बात ये है कि हिमाचल में 68 में से 52 विधायक करोड़पति हैं. यानी कुल माननीयों में से 76 फीसदी करोड़पति हैं, फिर भी एकसुर में सभी ने निशुल्क यात्रा भत्ते का स्वागत किया है. विधानसभा के मानसून सत्र के अंतिम दिन सरकार ने सभी माननीयों का निशुल्क यात्रा भत्ता सालाना ढाई लाख रुपए से चार लाख रुपए कर दिया. इससे खजाने पर 1.99 करोड़ रुपए का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा. जनता में सरकार के इस फैसले को लेकर भारी रोष है और ये गुस्सा सोशल मीडिया के माध्यम से फूट भी रहा है.

ऐसे मौके पर ये देखना जरूरी है कि हिमाचल के माननीय पहले से ही कितने अमीर हैं. प्रदेश विधानसभा में कुल 68 विधायक हैं. इनमें से 52 विधायक करोड़ों में खेल रहे हैं. बाकी 11 विधायक पचास लाख रुपए से अधिक की संपत्ति के मालिक हैं. कुल 5 विधायकों की संपत्ति पचास लाख रुए से कम है. सबसे अमीर विधायकों में शुमार हैं चौपाल के बलवीर सिंह वर्मा. वे बिल्डर भी हैं और उनकी कुल संपत्ति 90 करोड़ रुपए से अधिक है.

इसके अलावा पालमपुर से चुने गए कांग्रेस विधायक आशीष बुटेल के पास 21 करोड़ रुपए से अधिक की संपत्ति हैं. आशीष बुटेल के पिता और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष बृजबिहारी लाल बुटेल के पास 200 करोड़ रुपए से अधिक की संपत्ति थी. वे कई चाय बागानों के मालिक हैं. जोगेंद्रनगर के विधायक प्रकाश राणा के पास 20.87 करोड़, गगरेट के विधायक राजेश ठाकुर के पास 20.84 करोड़, कुल्लू के विधायक सुरेंद्र ठाकुर के पास 20.80 करोड़, कांग्रेस विधायक व पूर्व मंत्री सुजान सिंह पठानिया के पास 19.15 करोड़ रुपए की संपत्ति है. माकपा के विधायक राकेश सिंघा ने ऐलान किया कि वे बढ़ा हुआ यात्रा भत्ता नहीं लेंगे.

सिंघा भी अमीर विधायक हैं, लेकिन उन्होंने नैतिक साहस दिखाया. सिंघा के पास 18.15 करोड़ रुपए की संपत्ति है. विधायक अनिरुद्ध सिंह के पास 16.22 करोड़, कैबिनेट मंत्री महेंद्र सिंह के पास 15.38 करोड़, दून से विधायक परमजीत सिंह के पास 12.73 करोड़, शिलाई के एमएलए हर्ष वर्धन के पास 11.20 करोड़, ऊना के विधायक सत्तपाल रायजादा के पास 8.96 करोड़, राजीव बिंदल के पास 8.09 करोड़, हरोली के विधायक व नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री के पास 7.75 करोड़, कांगड़ा से पवन काजल के पास 7.57 करोड़, मनाली से गोविंद ठाकुर के पास 6.83 करोड़ की संपत्ति है.

द्रंग से भाजपा विधायक जवाहर ठाकुर के पास 5.90 करोड़, नालागढ़ से लखविंद्र सिंह राणा के पास 5.72 करोड़, सुखविंद्र सिंह सुक्खू के पास 5.04 करोड़, देहरा से होशियार सिंह के पास 4.84 करोड़, चिंतपूर्णी से बलवीर सिंह के पास 4.55 करोड़, डलहौजी से आशा कुमारी के पास 4.53 करोड़, बड़सर से इंद्रदत्त लखनपाल के पास 4.40 करोड़, शाहपुर से सरवीण चौधरी के पास 4.19 करोड़, ज्वाली से विधायक अर्जुन सिंह के पास 3.88 करोड़, कोटखाई से नरेंद्र बरागटा के पास 3.67 करोड़़, श्री नैनादेवी से रामलाल ठाकुर के पास 3.59 करोड़ की संपत्ति के मालिक हैं.

नूरपूर से राकेश पठानिया के पास 3.47 करोड़ रुपए से अधिक की संपत्ति है. इसी तरह कुटलैहड़ से वीरेंद्र कंवर 3.39 करोड़, चंबा से पवन नैय्यर 3.34 करोड़, श्रीरेणुकाजी से विनय कुमार 3.31 करोड़, सीएम जयराम ठाकुर 3.27 करोड़, रामपुर से नंदलाल 3.06 करोड़, किन्नौर से जगत सिंह नेगी 3.04 करोड़, सरकाघाट से इंद्र सिंह 2.79 करोड़, घुमारवी से राजेंद्र गर्ग 2.70 करोड़, आनी से किशोरी लाल 2.52 करोड़, पावंटा साहिब से सुखराम 2.38 करोड़, हमीरपुर से नरेंद्र ठाकुर 2.33 करोड़, सुंदरनगर से राकेश जम्वाल 2.06 करोड़, बिलासपुर से सुभाष ठाकुर 1.84 करोड़, रोहड़ू से मोहनलाल ब्राक्टा 1.83 करोड़ की सपंत्ति है.

पूर्व आईएएस व झंडूता से विधायक जीत राम कटवाल 1.70 करोड़, सुलह से विपिन सिंह परमार 1.45 करोड़, बल्ह से इंद्र सिंह गांधी 1.11 करोड़ तथा सोलन से धनी राम शांडिल 1.08 करोड़ की चल व अचल संपति के मालिक हैं. एडीआर संस्था नियमित अंतराल पर इस तरह की रिपोर्ट जारी करती है. संस्था की रिपोर्ट के अनुसार 2017 का विधानसभा चुनाव फिर से लडऩे वाले 60 विधायकों की संपत्ति में 2012 से 2017 के दरम्यान अस्सी फीसदी बढ़ोतरी हुई. विधानसभा का फिर से चुनाव लडऩे वाले साठ विधायकों की औसतन संपत्ति 2012 में पांच करोड़ रुपए से अधिक थी, जो 2017 में बढक़र नौ करोड़ रुपए से अधिक की हो गई.

ये हैं सबसे अमीर विधायक
हिमाचल के सबसे अमीर विधायकों में टॉप पर चौपाल के बलवीर सिंह वर्मा हैं. उनके पास सबसे अधिक 90.73 करोड़ की चल एवं अचल संपति है. फिर शिमला ग्रामीण के विधायक व पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह के बेटे विक्रमादित्य सिंह का नाम आता है. उनके पास 84.32 करोड़, मंडी सदर के विधायक अनिल शर्मा के पास 40.25 करोड़, पूर्व सीएम व अर्की से चुने गए वीरभद्र सिंह के पास 30.52 करोड़ और प्रेम कुमार धूमल को पराजित करने वाले राजेंद्र सिंह राणा के पास 26 करोड़ रुपए से अधिक की चल व अचल संपत्ति है.

2.10 लाख वेतन है अभी एक विधायक का
वर्तमान में एक विधायक का मासिक वेतन 2.10 लाख है. इसमें 55000 बेसिक सैलरी, 90000 चुनाव क्षेत्र भत्ता, 5000 कंप्यूटर भत्ता, 15000 टेलीफोन भत्ता, 30000 आफिस भत्ता और 15000 डाटा एंट्री आपरेटर अलाउंस है. विधानसभा कमेटी बैठकों का टीए अलग है. अब यात्रा भत्ता भी ढाई लाख से 4 लाख रुपए सालाना हो गया है.

ये भी पढ़ें: माननीयों के लिए HPU परिसर में SFI ने जुटाया चंदा, बोले- गरीब हो गए हैं विधायक

शिमला: राजनीति को बेशक जनसेवा का नाम दिया जाता है, लेकिन मौजूदा दौर में ये धन का खेल हो गई है. पचास हजार करोड़ रुपए से भी अधिक के कर्ज में डूबी हिमाचल सरकार ने माननीयों पर सालाना चार लाख निशुल्क यात्रा भत्ते की मेहरबानी की है

बड़ी बात ये है कि हिमाचल में 68 में से 52 विधायक करोड़पति हैं. यानी कुल माननीयों में से 76 फीसदी करोड़पति हैं, फिर भी एकसुर में सभी ने निशुल्क यात्रा भत्ते का स्वागत किया है. विधानसभा के मानसून सत्र के अंतिम दिन सरकार ने सभी माननीयों का निशुल्क यात्रा भत्ता सालाना ढाई लाख रुपए से चार लाख रुपए कर दिया. इससे खजाने पर 1.99 करोड़ रुपए का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा. जनता में सरकार के इस फैसले को लेकर भारी रोष है और ये गुस्सा सोशल मीडिया के माध्यम से फूट भी रहा है.

ऐसे मौके पर ये देखना जरूरी है कि हिमाचल के माननीय पहले से ही कितने अमीर हैं. प्रदेश विधानसभा में कुल 68 विधायक हैं. इनमें से 52 विधायक करोड़ों में खेल रहे हैं. बाकी 11 विधायक पचास लाख रुपए से अधिक की संपत्ति के मालिक हैं. कुल 5 विधायकों की संपत्ति पचास लाख रुए से कम है. सबसे अमीर विधायकों में शुमार हैं चौपाल के बलवीर सिंह वर्मा. वे बिल्डर भी हैं और उनकी कुल संपत्ति 90 करोड़ रुपए से अधिक है.

इसके अलावा पालमपुर से चुने गए कांग्रेस विधायक आशीष बुटेल के पास 21 करोड़ रुपए से अधिक की संपत्ति हैं. आशीष बुटेल के पिता और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष बृजबिहारी लाल बुटेल के पास 200 करोड़ रुपए से अधिक की संपत्ति थी. वे कई चाय बागानों के मालिक हैं. जोगेंद्रनगर के विधायक प्रकाश राणा के पास 20.87 करोड़, गगरेट के विधायक राजेश ठाकुर के पास 20.84 करोड़, कुल्लू के विधायक सुरेंद्र ठाकुर के पास 20.80 करोड़, कांग्रेस विधायक व पूर्व मंत्री सुजान सिंह पठानिया के पास 19.15 करोड़ रुपए की संपत्ति है. माकपा के विधायक राकेश सिंघा ने ऐलान किया कि वे बढ़ा हुआ यात्रा भत्ता नहीं लेंगे.

सिंघा भी अमीर विधायक हैं, लेकिन उन्होंने नैतिक साहस दिखाया. सिंघा के पास 18.15 करोड़ रुपए की संपत्ति है. विधायक अनिरुद्ध सिंह के पास 16.22 करोड़, कैबिनेट मंत्री महेंद्र सिंह के पास 15.38 करोड़, दून से विधायक परमजीत सिंह के पास 12.73 करोड़, शिलाई के एमएलए हर्ष वर्धन के पास 11.20 करोड़, ऊना के विधायक सत्तपाल रायजादा के पास 8.96 करोड़, राजीव बिंदल के पास 8.09 करोड़, हरोली के विधायक व नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री के पास 7.75 करोड़, कांगड़ा से पवन काजल के पास 7.57 करोड़, मनाली से गोविंद ठाकुर के पास 6.83 करोड़ की संपत्ति है.

द्रंग से भाजपा विधायक जवाहर ठाकुर के पास 5.90 करोड़, नालागढ़ से लखविंद्र सिंह राणा के पास 5.72 करोड़, सुखविंद्र सिंह सुक्खू के पास 5.04 करोड़, देहरा से होशियार सिंह के पास 4.84 करोड़, चिंतपूर्णी से बलवीर सिंह के पास 4.55 करोड़, डलहौजी से आशा कुमारी के पास 4.53 करोड़, बड़सर से इंद्रदत्त लखनपाल के पास 4.40 करोड़, शाहपुर से सरवीण चौधरी के पास 4.19 करोड़, ज्वाली से विधायक अर्जुन सिंह के पास 3.88 करोड़, कोटखाई से नरेंद्र बरागटा के पास 3.67 करोड़़, श्री नैनादेवी से रामलाल ठाकुर के पास 3.59 करोड़ की संपत्ति के मालिक हैं.

नूरपूर से राकेश पठानिया के पास 3.47 करोड़ रुपए से अधिक की संपत्ति है. इसी तरह कुटलैहड़ से वीरेंद्र कंवर 3.39 करोड़, चंबा से पवन नैय्यर 3.34 करोड़, श्रीरेणुकाजी से विनय कुमार 3.31 करोड़, सीएम जयराम ठाकुर 3.27 करोड़, रामपुर से नंदलाल 3.06 करोड़, किन्नौर से जगत सिंह नेगी 3.04 करोड़, सरकाघाट से इंद्र सिंह 2.79 करोड़, घुमारवी से राजेंद्र गर्ग 2.70 करोड़, आनी से किशोरी लाल 2.52 करोड़, पावंटा साहिब से सुखराम 2.38 करोड़, हमीरपुर से नरेंद्र ठाकुर 2.33 करोड़, सुंदरनगर से राकेश जम्वाल 2.06 करोड़, बिलासपुर से सुभाष ठाकुर 1.84 करोड़, रोहड़ू से मोहनलाल ब्राक्टा 1.83 करोड़ की सपंत्ति है.

पूर्व आईएएस व झंडूता से विधायक जीत राम कटवाल 1.70 करोड़, सुलह से विपिन सिंह परमार 1.45 करोड़, बल्ह से इंद्र सिंह गांधी 1.11 करोड़ तथा सोलन से धनी राम शांडिल 1.08 करोड़ की चल व अचल संपति के मालिक हैं. एडीआर संस्था नियमित अंतराल पर इस तरह की रिपोर्ट जारी करती है. संस्था की रिपोर्ट के अनुसार 2017 का विधानसभा चुनाव फिर से लडऩे वाले 60 विधायकों की संपत्ति में 2012 से 2017 के दरम्यान अस्सी फीसदी बढ़ोतरी हुई. विधानसभा का फिर से चुनाव लडऩे वाले साठ विधायकों की औसतन संपत्ति 2012 में पांच करोड़ रुपए से अधिक थी, जो 2017 में बढक़र नौ करोड़ रुपए से अधिक की हो गई.

ये हैं सबसे अमीर विधायक
हिमाचल के सबसे अमीर विधायकों में टॉप पर चौपाल के बलवीर सिंह वर्मा हैं. उनके पास सबसे अधिक 90.73 करोड़ की चल एवं अचल संपति है. फिर शिमला ग्रामीण के विधायक व पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह के बेटे विक्रमादित्य सिंह का नाम आता है. उनके पास 84.32 करोड़, मंडी सदर के विधायक अनिल शर्मा के पास 40.25 करोड़, पूर्व सीएम व अर्की से चुने गए वीरभद्र सिंह के पास 30.52 करोड़ और प्रेम कुमार धूमल को पराजित करने वाले राजेंद्र सिंह राणा के पास 26 करोड़ रुपए से अधिक की चल व अचल संपत्ति है.

2.10 लाख वेतन है अभी एक विधायक का
वर्तमान में एक विधायक का मासिक वेतन 2.10 लाख है. इसमें 55000 बेसिक सैलरी, 90000 चुनाव क्षेत्र भत्ता, 5000 कंप्यूटर भत्ता, 15000 टेलीफोन भत्ता, 30000 आफिस भत्ता और 15000 डाटा एंट्री आपरेटर अलाउंस है. विधानसभा कमेटी बैठकों का टीए अलग है. अब यात्रा भत्ता भी ढाई लाख से 4 लाख रुपए सालाना हो गया है.

ये भी पढ़ें: माननीयों के लिए HPU परिसर में SFI ने जुटाया चंदा, बोले- गरीब हो गए हैं विधायक

Intro:चंबा का कांडी झुला पुल बनता जा रहा लोगों का सुसाइड पॉइंट ,पिछले पांच सालों में एक दर्जन से अधिक लोगों ने यहाँ से लगाई छलांग और मिली मौत ,

एक्सक्लूसिव रिपोर्ट

कहते हैं कुदरत ने इन्सान को सबसे खूबसूरत अगर कुछ दिया हैं तो वो हैं जिंदगी ,अगर इस जिंदगी को छोटी सी बात के लिए खत्म कर लेंगे तो ये जिंदगी शायद दोवारा नहीं मिलेगी ,आजकल चंबा जिला का कांडी झुला पुल उन लोगों की पहली पसनद बन रहा हैं जो लोग परिवार में लड़ते झगड़ते हैं और उन्हें कुछ नहीं सूझने पे वो कांडी पुल का सहारा लेकर वहां से छलांग लगा लेते हैं और अपनी जिंदगी को हमेशा हमेशा के लिए समाप्त कर लेते हैं ,भलेई और चंडी पंचायत को शोर्ट कट कांडी पुल से जाते हैं लेकिन अधिकतर इस पुल को अब मौत का पुल कहाजाता है ,इस पुल के नीचे चमेरा बाँध का पानी रुका होता हैं जिसकी उंचाई लगभग चालीस से पचास मीटर हैं ऐसे में अगर ऊपर से कुछ गिरे तो उसका बचन मुश्किल नही नहीं नामुमकिन हैं ,यहाँ से एक दर्जन से अधिक लोगों ने छलांग लगाकर अपनी जिंदगी को हमेशा के लिए अलविदा कहा हैं ,Body:कांडी पुल से छलांग लगाने वालों में अधिकतर महिलाएं और स्कूली बच्चो सहित नशे में धुत लोग ज्यादा है ऐसे में लोगों के दिमाग में क्या बेथ गया हैं की छोटी सी बात के लिए छलांग गा लेंगे ये समझ से परे हैं ,Conclusion:वहीँ दूसरी और यहाँ से गुजरे वाले लोगों का कहना है की यहाँ एक दर्जन से अधिक लोगों ने अपनी जिंदगी खत्म की हैं ऐसे में समाज और लोगों से आह्वान करते है की वो अपनी जिंदगी ना गवाएं क्यूंकि एक व्यक्ति के जाने से उसका पूरा परिवार बर्बाद हो जाता हैं ,ईटीवी भारत आप से गुजारिश करता है जिंदगी चुने ना की कांडी पुल का झुला जहाँ से जिंदगी जाती है आती नहीं ,
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