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अपात्र लोगों के अनुदानित सामग्री लेने का मामला, SDM करेंगे अपात्र राशन कार्ड की छानबीन

केंद्र व राज्य सरकार के द्वारा संचालित योजनाओं के अंतर्गत अनुदानित सामग्री प्राप्त कर रहे आयकर दाताओं के राशन कार्ड ब्लॉक करने का काम जारी है. अनुदाानित सामग्री प्राप्त कर रहे अपात्र लोगों के ऐसे मामले जिन क्षेत्रों में सामने आए हैं और भविष्य में आएंगे. उन क्षेत्रों में अपात्र लाभार्थियों के चयन के कारण व इस प्रक्रिया से जुड़े लोगों की भूमिका की छानबीन संबंधित उपमंडलाधिकारी करेंगे.

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Published : Sep 6, 2020, 8:10 PM IST

ration depot
उचित मूल्य की दुकान

शिमला: केंद्र व राज्य सरकार के द्वारा संचालित योजनाओं के अंतर्गत अनुदानित सामग्री प्राप्त कर रहे आयकर दाताओं के राशन कार्ड ब्लॉक करने का काम जारी है. अनुदाानित सामग्री प्राप्त कर रहे अपात्र लोगों के ऐसे मामले जिन क्षेत्रों में सामने आए हैं और भविष्य में आएंगे. उन क्षेत्रों में अपात्र लाभार्थियों के चयन के कारण व इस प्रक्रिया से जुड़े लोगों की भूमिका की छानबीन संबंधित उपमंडलाधिकारी करेंगे.

प्रदेश सरकार के एक प्रवक्ता ने बताया कि इन श्रेणियों में कोई भी आयकर दाता अथवा सरकारी कर्मचारी अनुदानित योजनाओं का लाभ लेने के लिए पात्र नहीं हैं. अभी तक आयकर दाताओं/सरकारी कर्मचारियों के 140 से अधिक राशन कार्ड पाए जा चुके हैं. चूंकि राशन कार्ड ब्लॉक करने का काम जारी है. इसलिए ऐसे अपात्र लाभार्थियों की संख्या बढ़ने की संभावना है.

प्रवक्ता ने बताया कि अनुदानित राशन के लिए अपात्र व्यक्तियों का चयन करने में लाभार्थी स्तर पर, उचित मूल्य दुकानधारक के स्तर पर और पंचायती राज एवं ग्रामीण विकास विभाग, शहरी विकास विभाग और खाद्य नागरिक आपूर्ति विभाग के कर्मचारियों या अधिकारियों की भूमिका हो सकती है. इस मामले की छानबीन करना जरूरी है, ताकि सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत अपात्र लाभार्थियों के चयन के कारणों का पता चल सके. साथ ही उन लोगों की जिम्मेदारी तय हो सके, जिनके कारण अपात्र लोगों को अनदानित राशन की सूची में शामिल किया गया.

प्रवक्ता ने कहा कि ऐसे राशन कार्ड धारकों के अनुदानित राशन लेने से सरकार को वित्तीय नुकसान हुआ है. इसके लेकर अपात्र राशन कार्ड धारकों से उसकी भरपाई करने के लिए भी विभाग ने कार्रवाई शुरू कर दी है. उन्होंने कहा कि जिन क्षेत्रों में ऐसे मामले सामने आए हैं और भविष्य में आएंगे. उन क्षेत्रों में अपात्र लाभार्थियों के चयन के कारण व इस प्रक्रिया से जुड़े लोगों की भूमिका की छानबीन संबंधित उपमंडलाधिकारी करेंगे.

ऐसे लोगों का नाम, व्यवसाय व उससे संबंधित अन्य सूचना, उचित मूल्य की दुकान का नाम, प्राप्त किए गए राशन का ब्यौरा आदि संबंधित जिला नियंत्रक व उनके अधिनस्थ कर्मचारियों द्वारा एसडीएम को उपलब्ध करवाई जाएगी.

ये भी पढ़ें: शिमला में कोरोना के बीच NDA परीक्षा का आयोजन, सभी दिशा निर्देशों का किया गया पालन

शिमला: केंद्र व राज्य सरकार के द्वारा संचालित योजनाओं के अंतर्गत अनुदानित सामग्री प्राप्त कर रहे आयकर दाताओं के राशन कार्ड ब्लॉक करने का काम जारी है. अनुदाानित सामग्री प्राप्त कर रहे अपात्र लोगों के ऐसे मामले जिन क्षेत्रों में सामने आए हैं और भविष्य में आएंगे. उन क्षेत्रों में अपात्र लाभार्थियों के चयन के कारण व इस प्रक्रिया से जुड़े लोगों की भूमिका की छानबीन संबंधित उपमंडलाधिकारी करेंगे.

प्रदेश सरकार के एक प्रवक्ता ने बताया कि इन श्रेणियों में कोई भी आयकर दाता अथवा सरकारी कर्मचारी अनुदानित योजनाओं का लाभ लेने के लिए पात्र नहीं हैं. अभी तक आयकर दाताओं/सरकारी कर्मचारियों के 140 से अधिक राशन कार्ड पाए जा चुके हैं. चूंकि राशन कार्ड ब्लॉक करने का काम जारी है. इसलिए ऐसे अपात्र लाभार्थियों की संख्या बढ़ने की संभावना है.

प्रवक्ता ने बताया कि अनुदानित राशन के लिए अपात्र व्यक्तियों का चयन करने में लाभार्थी स्तर पर, उचित मूल्य दुकानधारक के स्तर पर और पंचायती राज एवं ग्रामीण विकास विभाग, शहरी विकास विभाग और खाद्य नागरिक आपूर्ति विभाग के कर्मचारियों या अधिकारियों की भूमिका हो सकती है. इस मामले की छानबीन करना जरूरी है, ताकि सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत अपात्र लाभार्थियों के चयन के कारणों का पता चल सके. साथ ही उन लोगों की जिम्मेदारी तय हो सके, जिनके कारण अपात्र लोगों को अनदानित राशन की सूची में शामिल किया गया.

प्रवक्ता ने कहा कि ऐसे राशन कार्ड धारकों के अनुदानित राशन लेने से सरकार को वित्तीय नुकसान हुआ है. इसके लेकर अपात्र राशन कार्ड धारकों से उसकी भरपाई करने के लिए भी विभाग ने कार्रवाई शुरू कर दी है. उन्होंने कहा कि जिन क्षेत्रों में ऐसे मामले सामने आए हैं और भविष्य में आएंगे. उन क्षेत्रों में अपात्र लाभार्थियों के चयन के कारण व इस प्रक्रिया से जुड़े लोगों की भूमिका की छानबीन संबंधित उपमंडलाधिकारी करेंगे.

ऐसे लोगों का नाम, व्यवसाय व उससे संबंधित अन्य सूचना, उचित मूल्य की दुकान का नाम, प्राप्त किए गए राशन का ब्यौरा आदि संबंधित जिला नियंत्रक व उनके अधिनस्थ कर्मचारियों द्वारा एसडीएम को उपलब्ध करवाई जाएगी.

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