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स्कूलों के माइक्रो प्लान तैयार, छात्रों के आने-जाने का समय अलग, लंच ब्रेक में भी रहेगा अंतर

प्रदेश में 1 फरवरी से ग्रीष्मकालीन स्कूल छात्रों की कक्षाओं के लिए खोले आ रहे हैं. स्कूलों ने अपना पूरा माइक्रो प्लान तैयार कर शिक्षा विभाग को भेज दिया है. माइक्रो प्लान में हर एक स्कूल ने अपने स्कूल के छात्रों की संख्या के हिसाब से पूरे प्लान को तैयार किया है कि किस तरह से सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए छात्रों की कक्षाएं स्कूलों में लगाए जाएंगी.

Education Directorate ready for micro plan of schools
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Published : Jan 30, 2021, 9:40 AM IST

Updated : Jan 30, 2021, 3:00 PM IST

शिमला: प्रदेश में 1 फरवरी से ग्रीष्मकालीन स्कूल छात्रों की कक्षाओं के लिए खोले आ रहे हैं. स्कूलों ने अपना पूरा माइक्रो प्लान तैयार कर शिक्षा विभाग को भेज दिया है. माइक्रो प्लान में हर एक स्कूल ने अपने स्कूल के छात्रों की संख्या के हिसाब से पूरे प्लान को तैयार किया है कि किस तरह से सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए छात्रों की कक्षाएं स्कूलों में लगाए जाएंगी.

शिक्षा विभाग के पास प्रदेश के कई स्कूलों का माइक्रोप्लान पहुंच चुका है. हर स्कूल ने अपना प्लान अलग तरीके से तैयार किया है. स्कूलों के पास सबसे बड़ी चुनौती लंच ब्रेक में छात्रों सोशल डिस्टेंसिंग को बनाए रखना है, ऐसे में स्कूलों ने तय किया है कि सभी कक्षाओं का लंच ब्रेक एक साथ ना कर यह ब्रेक अलग-अलग समय में करवाई जाएगी.

छात्रों के स्कूल के प्रवेश के समय रखा कुछ मिनटों का अंतर

छात्रों के स्कूल आने और जाने का समय भी अलग-अलग रखा है जिसमें कुछ मिनटों का अंतर होगा. पहले एक क्लास को स्कूल में प्रवेश दिया जाएगा उसके कुछ मिनटों के अंतराल के बाद दूसरी क्लास के विद्यार्थियों को स्कूल में प्रवेश दिया जाएगा जिससे कि सोशल डिस्टेंसिंग का पूरी तरह से पालन हो सके.

वहीं, जिन स्कूलों में छात्रों की संख्या अधिक है वहां पर 9वीं और 11वीं कक्षा के छात्रों की वैकल्पिक कक्षाएं लगाई जाएंगी. इन कक्षाओं के छात्रों को एक दिन छोड़कर स्कूल बुलाने की योजना भी बनाई गई है. शिक्षा विभाग के पास स्कूलों के जो माइक्रोप्लान पहुंचे हैं उन्हीं के अनुसार व्यवस्था को जारी रखने के निर्देश शिक्षा विभाग की ओर से दिए गए हैं.

कोरोना प्रोटोकॉल का रखा जाएगा पूरा ध्यान

उच्च शिक्षा विभाग के निदेशक डॉ. अमरजीत कुमार शर्मा ने बताया है कि कई जिलों से माइक्रो प्लान शिक्षा निदेशालय पहुंच चुके हैं. अधिकतर माइक्रोप्लान में सोशल डिस्टेंसिंग कायम रखने के लिए स्कूलों ने जहां लंच ब्रेक का समय अलग-अलग किया है, तो वहीं छात्रों के स्कूल आने और जाने के समय में भी अंतर रखा गया है.

उन्होंने स्पष्ट किया कि तय एसओपी के आधार पर स्कूलों में ना तो प्रार्थना सभा होगी और ना ही किसी तरह का कोई आयोजन होगा. सभी शिक्षकों छात्रों और कर्मचारियों को कोरोना प्रोटोकॉल का पूरा ध्यान रखाना होगा, जिसमें मास्क पहनना अनिवार्य होगा. थर्मल स्कैनिंग और हाथ सैनिटाइज करने के बाद ही स्कूल परिसर में प्रवेश दिया जाएगा.

ये भी पढ़ेंः- हिमाचल में क्या रहेंगे पेट्रोल और डीजल के दाम, जानिए यहां

शिमला: प्रदेश में 1 फरवरी से ग्रीष्मकालीन स्कूल छात्रों की कक्षाओं के लिए खोले आ रहे हैं. स्कूलों ने अपना पूरा माइक्रो प्लान तैयार कर शिक्षा विभाग को भेज दिया है. माइक्रो प्लान में हर एक स्कूल ने अपने स्कूल के छात्रों की संख्या के हिसाब से पूरे प्लान को तैयार किया है कि किस तरह से सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए छात्रों की कक्षाएं स्कूलों में लगाए जाएंगी.

शिक्षा विभाग के पास प्रदेश के कई स्कूलों का माइक्रोप्लान पहुंच चुका है. हर स्कूल ने अपना प्लान अलग तरीके से तैयार किया है. स्कूलों के पास सबसे बड़ी चुनौती लंच ब्रेक में छात्रों सोशल डिस्टेंसिंग को बनाए रखना है, ऐसे में स्कूलों ने तय किया है कि सभी कक्षाओं का लंच ब्रेक एक साथ ना कर यह ब्रेक अलग-अलग समय में करवाई जाएगी.

छात्रों के स्कूल के प्रवेश के समय रखा कुछ मिनटों का अंतर

छात्रों के स्कूल आने और जाने का समय भी अलग-अलग रखा है जिसमें कुछ मिनटों का अंतर होगा. पहले एक क्लास को स्कूल में प्रवेश दिया जाएगा उसके कुछ मिनटों के अंतराल के बाद दूसरी क्लास के विद्यार्थियों को स्कूल में प्रवेश दिया जाएगा जिससे कि सोशल डिस्टेंसिंग का पूरी तरह से पालन हो सके.

वहीं, जिन स्कूलों में छात्रों की संख्या अधिक है वहां पर 9वीं और 11वीं कक्षा के छात्रों की वैकल्पिक कक्षाएं लगाई जाएंगी. इन कक्षाओं के छात्रों को एक दिन छोड़कर स्कूल बुलाने की योजना भी बनाई गई है. शिक्षा विभाग के पास स्कूलों के जो माइक्रोप्लान पहुंचे हैं उन्हीं के अनुसार व्यवस्था को जारी रखने के निर्देश शिक्षा विभाग की ओर से दिए गए हैं.

कोरोना प्रोटोकॉल का रखा जाएगा पूरा ध्यान

उच्च शिक्षा विभाग के निदेशक डॉ. अमरजीत कुमार शर्मा ने बताया है कि कई जिलों से माइक्रो प्लान शिक्षा निदेशालय पहुंच चुके हैं. अधिकतर माइक्रोप्लान में सोशल डिस्टेंसिंग कायम रखने के लिए स्कूलों ने जहां लंच ब्रेक का समय अलग-अलग किया है, तो वहीं छात्रों के स्कूल आने और जाने के समय में भी अंतर रखा गया है.

उन्होंने स्पष्ट किया कि तय एसओपी के आधार पर स्कूलों में ना तो प्रार्थना सभा होगी और ना ही किसी तरह का कोई आयोजन होगा. सभी शिक्षकों छात्रों और कर्मचारियों को कोरोना प्रोटोकॉल का पूरा ध्यान रखाना होगा, जिसमें मास्क पहनना अनिवार्य होगा. थर्मल स्कैनिंग और हाथ सैनिटाइज करने के बाद ही स्कूल परिसर में प्रवेश दिया जाएगा.

ये भी पढ़ेंः- हिमाचल में क्या रहेंगे पेट्रोल और डीजल के दाम, जानिए यहां

Last Updated : Jan 30, 2021, 3:00 PM IST
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