शिमला: राजधानी शिमला में हिमाचल अनुसूचित जाति महासंघ ने प्रेस कॉन्फ्रेंस पर सरकार पर निशाना साधा है. अनुसूचित जाति के लिए केंद्र सरकार द्वारा चलाई गई योजनाओं पर बजट खर्च न करने के चलते हिमाचल अनुसूचित जाति महासंघ मुखर हो गया है.
महासंघ ने सरकार पर योजनाओं को प्रभावी ढंग से लागू न करने और बजट खर्च न करने के आरोप लगाए हैं. महासंघ ने प्रदेश सरकार से अनुसूचित जाति के लिए 25 फीसदी बजट खर्च करने की मांग की है. हिमाचल में अनुसूचित जाति को हक दिलाने के लिए प्रदेश स्तर पर महासंघ का गठन किया गया है. इस मामले को महासंघ मुख्यमंत्री और राष्ट्रपति के समक्ष उठाएगा.
हिमाचल अनुसूचित जाति महासंघ के प्रवक्ता पीएम दरेक ने कहा कि प्रदेश में अनुसूचित जाति की जनंसख्या 25 फीसदी है लेकिन सरकार अनुसूचित जातियों पर नाम मात्र का बजट खर्च करती है. इस वजह से आज भी वह लोग पिछड़े हुए हैं. उन्होंने कहा कि सरकार को अनुसूचित जाति पर 25 फीसदी बजट खर्च करना चाहिए, लेकिन केवल 5 फीसदी बजट ही खर्च किया जा रहा है.
जिला स्तर पर योजनाओं के क्रियान्वन के लिए बैठकें तक नहीं हो रही है. उप योजनाओं का कुछ भाग लैप्स करवाकर उसे डाइवर्ट किया जाता है. नीति आयोग के लिखित निर्देशों का पालन करने के बजाय हिमाचल सरकार नई हिदायतें जारी करती आ रही हैं. हिमाचल में अनुसूचित जाति के लिए अलग से विशेष कार्यक्रम योजनाएं नहीं बनाई गई है. आंध्र, कर्नाटक, तेलंगाना, बंगाल जैसे राज्यो में विशेष योजनाएं चल रही हैं.
हिमाचल में उप योजनाओं को बनाने और लागू करने के लिए संस्थागत ढांचा तक नहीं है. उन्होंने कहा कि इसको लेकर राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा है और जल्द ही महासंघ मुख्यमंत्री से भी मिलने जा रहा है. इसके साथ ही राष्ट्रपति को भी ज्ञापन सौंपा जाएगा.
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