शिमला: प्रदेश के स्कूलों में वर्दी का इंतजार कर रहे छात्रों का इंतजार बढ़ता जा रहा है. कंपनी ने ऑडर्र तैयार कर शिक्षा विभाग को भेज दिया है, लेकिन विभाग पहले वर्दी के सैंपल को दिल्ली की लेबोरेटरी में टेस्टिंग के लिए भेजेगा उसके बाद ही छात्रों को ये वर्दी बांटी जाएगी.
बता दें कि जिस कंपनी को वर्दी तैयार करने का टेंडर दिया गया था, वो कंपनी प्रदेश में शिक्षा विभाग के 128 कलेक्शन सेंटर्स में वर्दी सप्लाई कर रही है. हालांकि, अभी तक वर्दी कुछ सेंटर्स तक नहीं पहुंच पाई है. वहीं, शिक्षा विभाग इस वर्दी को स्कूल में बांटने से पहले उसके सैंपल दिल्ली लेबोरेटरी में टेस्टिंग के लिए भेजेगा और सैंपल पास होने की बाद ही ये वर्दी छात्रों को बांटी जाएगी. स्कूलों में छात्रों को एक साथ ही दो वर्दियों का कपड़ा दे दिया जाएगा.
प्रारंभिक शिक्षा निदेशक रोहित जम्वाल ने कहा कि जिस कंपनी को टेंडर दिया गया था, उसने वर्दी कलेक्शन सेंटर को भेजी जा रही है. कलेक्शन सेंटर पर वर्दी आने के बाद इसकी लास्ट सैंपलिंग दिल्ली की कंपनी से करवाई जाएगी और अगर सैंपेल पास हुआ तो इसके बाद आचार संहिता समाप्त होने के बाद ही छात्रों को वर्दी दी जाएगी.
गौरतलब है कि प्रदेश के स्कूलों में शिक्षा ग्रहण कर रहे 8 लाख 30 हजार 945 छात्र स्मार्ट वर्दी का इंतजार कर रहे हैं. बीते साल भी स्कूलों में छात्रों को वर्दी नहीं मिल पाई है. इस वर्ष भी सत्र की शुरुआत स्कूलों में हो चुकी है और छात्रों का वर्दी का इंतजार अब जून तक के लिए बढ़ गया है. वर्दी प्रक्रिया में टेंडर रद्द होने की वजह से वर्दी आबंटन में देरी हुई और इसके बाद फिर से टेंडर कर वर्दी तैयार करवाई गई है.