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स्मार्ट यूनिफॉर्म के लिए बच्चों को करना पड़ेगा इंतजार, अब इस कारण होगी देरी

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Published : May 20, 2019, 3:20 PM IST

प्रदेश के स्कूलों में वर्दी का इंतजार कर रहे छात्रों का इंतजार बढ़ता जा रहा है. शिक्षा विभाग इस वर्दी को स्कूल में बांटने से पहले उसके सैंपल दिल्ली लेबोरेटरी में टेस्टिंग के लिए भेजेगा और सैंपल पास होने की बाद ही ये वर्दी छात्रों को बांटी जाएगी.

कॉन्सेप्ट इमेज

शिमला: प्रदेश के स्कूलों में वर्दी का इंतजार कर रहे छात्रों का इंतजार बढ़ता जा रहा है. कंपनी ने ऑडर्र तैयार कर शिक्षा विभाग को भेज दिया है, लेकिन विभाग पहले वर्दी के सैंपल को दिल्ली की लेबोरेटरी में टेस्टिंग के लिए भेजेगा उसके बाद ही छात्रों को ये वर्दी बांटी जाएगी.

samples of school uniform sent for testing to delhi
कॉन्सेप्ट इमेज

बता दें कि जिस कंपनी को वर्दी तैयार करने का टेंडर दिया गया था, वो कंपनी प्रदेश में शिक्षा विभाग के 128 कलेक्शन सेंटर्स में वर्दी सप्लाई कर रही है. हालांकि, अभी तक वर्दी कुछ सेंटर्स तक नहीं पहुंच पाई है. वहीं, शिक्षा विभाग इस वर्दी को स्कूल में बांटने से पहले उसके सैंपल दिल्ली लेबोरेटरी में टेस्टिंग के लिए भेजेगा और सैंपल पास होने की बाद ही ये वर्दी छात्रों को बांटी जाएगी. स्कूलों में छात्रों को एक साथ ही दो वर्दियों का कपड़ा दे दिया जाएगा.

प्रारंभिक शिक्षा निदेशक रोहित जम्वाल ने कहा कि जिस कंपनी को टेंडर दिया गया था, उसने वर्दी कलेक्शन सेंटर को भेजी जा रही है. कलेक्शन सेंटर पर वर्दी आने के बाद इसकी लास्ट सैंपलिंग दिल्ली की कंपनी से करवाई जाएगी और अगर सैंपेल पास हुआ तो इसके बाद आचार संहिता समाप्त होने के बाद ही छात्रों को वर्दी दी जाएगी.

जानकारी देते प्रारंभिक शिक्षा निदेशक रोहित जम्वाल

गौरतलब है कि प्रदेश के स्कूलों में शिक्षा ग्रहण कर रहे 8 लाख 30 हजार 945 छात्र स्मार्ट वर्दी का इंतजार कर रहे हैं. बीते साल भी स्कूलों में छात्रों को वर्दी नहीं मिल पाई है. इस वर्ष भी सत्र की शुरुआत स्कूलों में हो चुकी है और छात्रों का वर्दी का इंतजार अब जून तक के लिए बढ़ गया है. वर्दी प्रक्रिया में टेंडर रद्द होने की वजह से वर्दी आबंटन में देरी हुई और इसके बाद फिर से टेंडर कर वर्दी तैयार करवाई गई है.

शिमला: प्रदेश के स्कूलों में वर्दी का इंतजार कर रहे छात्रों का इंतजार बढ़ता जा रहा है. कंपनी ने ऑडर्र तैयार कर शिक्षा विभाग को भेज दिया है, लेकिन विभाग पहले वर्दी के सैंपल को दिल्ली की लेबोरेटरी में टेस्टिंग के लिए भेजेगा उसके बाद ही छात्रों को ये वर्दी बांटी जाएगी.

samples of school uniform sent for testing to delhi
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बता दें कि जिस कंपनी को वर्दी तैयार करने का टेंडर दिया गया था, वो कंपनी प्रदेश में शिक्षा विभाग के 128 कलेक्शन सेंटर्स में वर्दी सप्लाई कर रही है. हालांकि, अभी तक वर्दी कुछ सेंटर्स तक नहीं पहुंच पाई है. वहीं, शिक्षा विभाग इस वर्दी को स्कूल में बांटने से पहले उसके सैंपल दिल्ली लेबोरेटरी में टेस्टिंग के लिए भेजेगा और सैंपल पास होने की बाद ही ये वर्दी छात्रों को बांटी जाएगी. स्कूलों में छात्रों को एक साथ ही दो वर्दियों का कपड़ा दे दिया जाएगा.

प्रारंभिक शिक्षा निदेशक रोहित जम्वाल ने कहा कि जिस कंपनी को टेंडर दिया गया था, उसने वर्दी कलेक्शन सेंटर को भेजी जा रही है. कलेक्शन सेंटर पर वर्दी आने के बाद इसकी लास्ट सैंपलिंग दिल्ली की कंपनी से करवाई जाएगी और अगर सैंपेल पास हुआ तो इसके बाद आचार संहिता समाप्त होने के बाद ही छात्रों को वर्दी दी जाएगी.

जानकारी देते प्रारंभिक शिक्षा निदेशक रोहित जम्वाल

गौरतलब है कि प्रदेश के स्कूलों में शिक्षा ग्रहण कर रहे 8 लाख 30 हजार 945 छात्र स्मार्ट वर्दी का इंतजार कर रहे हैं. बीते साल भी स्कूलों में छात्रों को वर्दी नहीं मिल पाई है. इस वर्ष भी सत्र की शुरुआत स्कूलों में हो चुकी है और छात्रों का वर्दी का इंतजार अब जून तक के लिए बढ़ गया है. वर्दी प्रक्रिया में टेंडर रद्द होने की वजह से वर्दी आबंटन में देरी हुई और इसके बाद फिर से टेंडर कर वर्दी तैयार करवाई गई है.

Intro:प्रदेश के स्कूलों में वर्दी का इंतजार कर रहे हजारों छात्रों को इंतजार बढ़ता ही जा रहा है। जिस कंपनी को वर्दी तैयार करने का टेंडड दिया गया है उसने वर्दी तैयार कर शिक्षा विभाग के कलेक्शन सेंटरों को भेजनी भी शुरू कर दी है लेकिन अब विभाग इस इस तैयार की गई वर्दी की भी सैंपलिंग टेस्टिंग करवाएगा। यानी स्कूलों में छात्रों को वर्दी बांटने से पहले उसका संपेल ले कर दिल्ली की लेबोरेट्री में टेस्टिंग के लिए जाएगा और संपेल पास होने के बाद ही छात्रों को यह वर्दी बांटी जाएगी। ऐसे में यह तय है कि जिस प्रक्रिया को विभाग आचार संहिता के बीच ही पूरा करना चाहता था वो अब आचार संहिता के बाद ही पूरी होगी।


Body:बता दे कि शिक्षा विभाग के प्रदेश में 128 कलेक्शन सेंटरों में इस वर्दी को सप्लाई किया जा रहा है लेकिन अभी तक वर्दी कुछ एक सेंटरों तक पहुंच नहीं पाई है । ऐसे में अब शिक्षा विभाग इस वर्दी को छात्रों को देने के लिए आचार संहिता समाप्त होने की ही बात कर रहा है। अभी कुछ एक कलेक्शन सेंटरों तक वर्दी भी नहीं पहुंची है ऐसे में चुनाव आचार सहिंता के समाप्त होने तक ही वर्दी सभी सेंटरों तक पहुंच जाएगी जिसके बाद इसे स्कूलों में बच्चों को बांटा जाएगा। बता दे कि जिस कंपनी को वर्दी सप्लाई का टेंडर दिया गया है उसकी संपेल ओर सप्लाई की जाने वर्दी मैच हो गई है इसके बाद ही वर्दियां शिक्षा विभाग के कलेक्शन सेंटरों तक भेजी जा रही है। स्कूलों में छात्रों को अलग-अलग वर्दी ना दे कर दो वर्दियों का कपड़ा एक साथ दिया जाएगा।


Conclusion:प्रदेश के स्कूलों में शिक्षा ग्रहण कर रहे 8 लाख 30 हजार 945 छात्र स्मार्ट वर्दी का इंतजार कर रहे है। बीते साल भी स्कूलों में छात्रों को वर्दी नहीं मिल पाई है। इस वर्ष भी सत्र की शुरुआत स्कूलों में हो चुकी है और छात्र वर्दी का इंतजार कर रहे है लेकिन उनका यह इंतजार अब जून माह तक के लिए बढ़ गया है। प्रारंभिक शिक्षा निदेशक रोहित जम्वाल ने कहा कि जिस कंपनी को टेंडर दिया गया था उसने वर्दी कलेक्शन सेंटर को भेजी जा रही है। कलेक्शन सेंटर पर वर्दी आने के बाद इसकी लास्ट संपेलिंग दिल्ली की कंपनी से करवाई जाएगी अगर संपेल पास हुआ तो इसके बाद आचार संहिता समाप्त होने के बाद ही छात्रों को वर्दी दी जाएगी ।बता दे कि वर्दी प्रक्रिया में टेंडर रद्द होने की वजह से वर्दी आबंटन में देरी हुई और इसके बाद फिर से टेंडर कर वर्दी तैयार करवाई गई है।
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