शिमला: कोरोना संक्रमण के बाद लगाए गए लॉकडाउन के चलते प्रभावित हुए रेहड़ी-फड़ी वालों को राहत देने के लिए केंद्र सरकार ने पीएम स्वनिधि योजना शुरू की है. इस योजना के तहत बिना किसी ग्रांटर के रेहड़ी-फड़ी वालों को दस हजार का लोन मुहैया करवाया जा रहा है.
स्ट्रीट वेंडर्स को कम ब्याज पर 10 हजार का लोन
राजधानी शिमला में इस योजना को लागू करने का जिम्मा नगर निगम को सौंपा गया है. नगर निगम शहरी विकास विभाग के साथ मिलकर रेहड़ी-फड़ी वालों को इस योजना के तहत कम ब्याज पर दस हजार का लोन मुहैया करवा रहा है. शिमला नगर निगम के क्षेत्र की बात करें तो यहां पर 716 स्ट्रीट वेंडर्स नगर निगम के पास पंजीकृत हैं. इसमें से 315 के करीब स्ट्रीट वेंडर्स ने पीएम स्वनिधि योजना के तहत लोन के लिए आवेदन किया था. इसमें से 290 लोगों को अब तक इस योजना के तहत कम ब्याज दरों पर लोन मुहैया करवाया जा चुका है. अभी भी हर रोज स्ट्रीट वेंडर लोन लेने के लिए आवेदन कर रहे हैं.
स्ट्रीट वेंडर्स को लोन के बारे में दी जा रही जानकारी
नगर निगम की ओर से स्ट्रीट वेंडर्स को इस योजना के बारे में जागरूक भी किया जा रहा है. लोन लेने के लिए स्ट्रीट वेंडर्स को दुकान का लाइसेंस और आधार कार्ड जमा करवाना पड़ता है. इसके बाद बैंक से उन्हें कम ब्याज पर लोन मुहैया करवाया जाता है. नगर निगम के आयुक्त आशीष कोहली का कहना है कि शहर में स्ट्रीट वेंडर्स 716 के करीब हैं. इनके लिए नगर निगम आजीविका भवन भी तैयार कर रहा है और पीएम स्वनिधि योजना के तहत उन्हें कम ब्याज दरों पर लोन भी मुहैया करवा रहा है. इन लोगों को दस हजार तक का लोन बिना गारंटी के दिया जा रहा है. इसमें केवल तीन फीसदी ब्याज ही इन्हें चुकाना पड़ेगा. उन्होंने कहा कि इस योजना के बारे में शहर के सभी वेंडर्स को अवगत कर दिया गया है.
कोरोना से हुए नुकसान के बीच वेंडर्स को थोड़ी राहत
शहर के स्ट्रीट वेंडर्स भी इस योजना के शुरू होने से थोड़ी राहत महसूस कर रहे हैं. शहर के रेहड़ी-फड़ी वालों का कहना है कि लॉकडाउन के चलते उनका कारोबार पूरी तरह से ठप हो गया था. कमरों के किराया देने और राशन तक के उनके पास पैसे नहीं थे. दोबारा से अपना कारोबार शुरू करने के लिए भी उनके पास पैसे नहीं बचे थे. अब पीएम स्वनिधि योजना शुरू हुई तो उन्हें ज्यादा तो नहीं लेकिन थोड़ी राहत मिली है. यहां से कम ब्याज दरों पर लोन मिल रहा है लेकिन लोन की राशि कम है. उन्होंने सरकार से लोन की राशि बढ़ाने की भी मांग की है ताकि वह अपने कारोबार को बढ़ा सकें.
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