शिमलाः शहर को निगम द्वारा गार्बेज फ्री सिटी घोषित करने के बाद भी शहर में कूड़ा खुले में बिखरा रहता है. ये हाल शिमला के पॉश इलाकों का है. सचिवालय के पिछली तरफ कूड़े के अंबार लगे हैं. वहां से गुजरने वाले लोग भी नजर बचा कर कूड़ा सड़क किनारे फेंक देते हैं. यही नहीं, शहर के अन्य वार्डों में भी यही हाल है. सबसे भीड़भाड़ वाला उपनगर संजौली में भी कूड़े के ढेर जगह-जगह देखे जा सकते हैं. संजौली चलौंठी निवासी जय चंद ने बताया कि निगम ने शहर को गार्बेज फ्री किस आधार पर घोषित किया है. यहां तो कूड़े के ढेर लगे रहते हैं. जय चंद ने बताया कि चलौंठी में डंपर नहीं होने के कारण लोग कूड़ा नजर बचा कर सड़क किनारे फेंक जाते हैं.
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जिसे दिन में जानवर इधर-उधर फैला देते हैं. उन्होंने कहा आलम यह है कि लोग एक दूसरे के घरों के सामने कूड़ा फेंक देते हैं. जिससे उन्हें दूर ना जाना पड़े. सड़क पर बिखरे कूड़े से लोगों को आने-जाने में परेशानी का सामना करना पड़ता है.
स्थानीय निवासी व रविदास सभा के अध्यक्ष करमचंद भाटिया ने बताया कि निगम ने जल्द बाजी में बिना कूड़े को ठिकाने लगाने की जगह तलाश बगैर फ्री गार्बेज सिटी घोषित कर दिया है. उन्होंने कहा की निगम जिस जगह को गार्बेज फ्री कहता है. इस सम्ब्नध में महापौर ने कहा की शहर को फ्री गार्बेज सिटी घोषित किया गया है. इसमें वार्ड पार्षद और स्थानीय लोगों से भी अपील है कि वो सफाई व्यवस्था पर ध्यान दें.