शिमला: कोरोना संकट की मार झेल रहे निजी बस ऑपरेटरों की उम्मीद अब 25 जून को होने वाली कैबिनेट की बैठक पर टिकी हुई है. सरकार के आश्वासन के बाद सोमवार से निजी बस ऑपरेटरों ने लंबे रुटों की बस चलानी शुरू कर दी हैं. निजी बस ऑपरेटरों को उम्मीद है कि कैबिनेट की बैठक में सरकार उनके हित में जरूर कोई फैसला लेगी.
निजी बस ऑपरेटर के महासचिव रमेश कमल ने कहा कि उन्होंने पहले से ही अपनी मांग लिखित में सरकार को दे दी है और साथ ही मंगलवार को भी 6 सूत्रीय मांग पत्र सरकार को सौंपा है. उन्होंने कहा कि किराए में 50 फीसदी की बढ़ोतरी करना उनकी मुख्य मांग है. इसमें पहले 5 किलोमीटर तक 10 रुपये बढ़ाया जाना है.
रमेश कमल ने बताया कि लॉकडाउन के कारण निजी बस ऑपरेटर का व्यवसाय बिल्कुल खत्म हो गया है. इस व्यवस्था को फिर से शुरू करना पड़ेगा. इसके लिए बस ऑपरेटरों को बैंकों में बिना ब्याज या कम ब्याज में ऋण उपलब्ध करवाया जाए. उन्होंने कहा कि बसों में 60 फीसदी क्षमता से चलना है. ऐसे में इंश्योरेंस का 100 फीसदी प्रीमियम देना तर्क संगत नहीं है न ही न्याय संगत है.
इसलिए प्रदेश सरकार से आग्रह है कि इस मामले को केंद्र में उठाना चाहिए और साथ ही केंद्र इंश्योरेंस कंपनियों को स्थिति सामान्य होने तक इंश्योरेंस में 60 फीसदी सीट का ही प्रीमियम लेने के आदेश दिए जाएं.
रमेश कमल ने कहा कि कई जगह 10 से 15 फीसदी सवारी भी नहीं मिलती है, जबकि कई जगह 60 फीसदी से अधिक सवारी मिलती है. ऐसे में अधिक सवारी बिठाने पर पुलिस उनका चालान काट देती है. उन्होंने कहा कि उन्हें सरकार ने आश्वासन दिया है कि उनकी मांगे मानी जाएंगी. उन्होंने कहा कि सरकार के कैबिनेट बैठक में कोई फैसला ना लेने पर निजी बस ऑपरेटर बैठक कर अगली रणनीति तय करेंगे.
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