रामपुर: सेब में तेजी से फैल रही बीमारियों को लेकर बागवान काफी चिंतित हैं. आए दिन शिमला जिला के सेब बाहुल्य क्षेत्रों में सेब के बाग बीमारियों से ग्रस्त हो रहे हैं. उद्यान विभाग को सेब के हर रोग की दवाइयां देने का दावा कर रहा है, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही नजर आ रही है. इस बारे में जब ईटीवी भारत की संवाददाता ने उद्यान विभाग रामपुर के मुख्य कार्यालय में जाकर पड़ताल की, तो वहां पर दवाइयों का स्टोर खाली मिला.
ईटीवी संवाददाता ने अपनी पड़ताल में पाया कि उद्यान विभाग रामपुर के मुख्य कार्यालय में जो भी बागवान दवाइयां लेने के लिए आ रहे थे, उन्हें खाली हाथ वापिस जाना पड़ रहा था. दवाइयां लेने पहुंचे क्षेत्र के बागवानों का कहना है कि बगीचों में कोई ना कोई बीमारियां लग रही हैं. सेब के पत्तों के पीला पड़ने, स्कैब, वूलन कीट जैसी बीमारियों से बागवान चिंतित हैं और अपने बगीचे में स्प्रे करने करना चाहते हैं, लेकिन जब वह उद्यान विभाग के कार्यालय रामपुर में पहुंच रहे हैं तो उन्हें यहां से खाली हाथ वापिस जाना पड़ रहा है.
बागवानों को कार्यालय में सेब के रोगों की कोई भी दवाइयां नहीं मिल रही है. बागवानों का कहना है कि उन्हें बाजार से महंगे दामों पर दवाइयां लेनी पड़ रही है. कार्यालय में सिर्फ कीटनाशक, फफूंद नाशक दवाइंया ही मिल रही है.
ईटीवी संवाददाता ने इस बारे में एसएमएस रामपुर उद्यान विभाग अधिकारी केएल कटोच से बातचीत की. केएल कटोच ने सेब की दवाइयों की कमी को खारिज करते हुए कहा कि रामपुर के सभी सेंटरों में बागवानों के लिए दवाइयां भेजी गई है. दवाइयों की कमी होने पर कुछ दिनों में उसे भी पूरा किया जाता है.