शिमला: राजधानी शिमला के नारकंडा में विजिलेंस की टीम ने बड़ी कार्रवाई की है. दरअसल, निगरानी की टीम ने गुप्त सूचना के आधार पर एक पटवारी को रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया है. बताया जा रहा है कि शिमला जिले के नारकंडा में एक व्यक्ति का मकान गिर गया था. जिसके बाद सरकार की तरफ से पीड़ित व्यक्ति को 1.20 लाख रुपये की सहायता राशि जारी हुई थी. वहीं, जिस पटवारी पर पीड़ित परिवार तक सहायता राशि का पैसा पहुंचाने का जिम्मा था, उसने बदले में 20 हजार रुपये की रिश्वत मांग ली. जिसके बाद पीड़ित ने इस बात की शिकायत विजिलेंस में की थी.
दरअसल, पटवारी पर सहायता राशि देने के के बदले पैसा लेने का आरोप है. पीड़ित व्यक्ति द्वारा इस बात की शिकायत मिलने पर विजिलेंस की टीम ने जाल बिछाया और पटवारी को रंगे हाथों पकड़ लिया. रिश्वतखोर पटवारी को अदालत में पेश किया गया, वहां से उसे चार दिन की पुलिस रिमांड में दे दिया गया. अब पुलिस उससे पूछताछ करेगी. वहीं, इस घटना के सामने आने पर सोशल मीडिया में यूजर्स का गुस्सा फूट रहा है. लोगों का कहना है कि आपदा के समय में जब पीड़ित लोगों का दुख देखकर पत्थर भी पसीज जाए, पटवारी को उस वक्त भी रिश्वत सूझ रही है.
जानकारी के अनुसार, नारकंडा निवासी रामलाल का घर आपदा की चपेट में आ गया था. वहीं, घर को असुरक्षित घोषित कर खाली करवा लिया गया था. जिसके बाद रामलाल का परिवार बेघर हो गया. सिर छिपाने के लिए उसने रिश्तेदारों की शरण ली. इस बीच, सरकार की तरफ से रामलाल को 1.20 लाख रुपये की सहायता राशि जारी हुई. नारकंडा पटवार सर्किल के पटवारी राकेश कुमार शर्मा ने इस सहायता राशि को जारी करने से पहले 20 हजार रुपये रिश्वत की मांग कर डाली. पहले से परेशान रामलाल को पटवारी के इस व्यवहार ने हैरान कर दिया. उसने रिश्वत देने की बजाय विजिलेंस से शिकायत कर डाली. विजिलेंस ने इंस्पेक्टर चतर सिंह की अगुवाई में टीम का गठन कर पटवारी राकेश को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ लिया.