शिमला: हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव के लिए कुल 7881 मतदान केंद्र बनाए गए हैं. इन मतदान केंद्रों में 7,235 मतदान केंद्र ग्रामीण क्षेत्रों में हैं, जबकि 646 शहरी क्षेत्रों हैं. सबसे अधिक 1625 मतदान केंद्र कांगड़ा जिला में हैं, जबकि सबसे कम 92 लाहौल-स्पीति जिला में हैं.
चुनाव के लिए राज्य में तीन सहायक मतदान केंद्र बनाए गए हैं, जिनमें धर्मशाला का 66(क)सिद्धबाड़ी, बैजनाथ का 99(क) बड़ा भंगाल और कसौली का 99(क)ढिल्लों शामिल हैं. कांगड़ा जिला के धर्मशाला विधानसभा क्षेत्र के अन्तर्गत सिद्धबाड़ी मतदान केंद्र में सर्वाधिक 1511 मतदाता हैं, जबकि किन्नौर जिला के 6-का मतदान केंद्र में न्यूनतम 16 मतदाता हैं. राज्य में ऐसे दूरस्थ मतदान केंद्र भी हैं, जहां पहुंचने के लिए अधिकतम 14 किलोमीटर का सफर पैदल करना पड़ता है.
चम्बा जिला में डलहौजी विधानसभा सीट के अन्तर्गत 89- मनोला (1) मतदान केंद्र में सबसे अधिक 1,459 मतदाता हैं, जबकि भरमौर विधानसभा क्षेत्र के 144-क्यूनर में मात्र 84 मतदाता हैं. जनजातीय विधानसभा क्षेत्र भरमौर का 26-चस्क भटोरी एक ऐसा मतदान केन्द्र हैं, जहां पोलिंग पार्टी को पहुंचने के लिए 14 किलोमीटर का सफर पैदल तय करना पड़ता है.
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प्रदेश के सबसे अधिक 15 विधानसभा क्षेत्रों वाले कांगड़ा जिला में धर्मशाला विधानसभा क्षेत्र के अन्तर्गत सबसे अधिक 1,511 मतदाता 66-सिद्धबाड़ी में हैं, जबकि सबसे कम मतदाता वाला केंद्र नूरपूर विधानसभा क्षेत्र का 19-कलांगण हैं, जहां मात्र 75 मतदाता हैं. सबसे दूरस्थ मतदान केंद्र शाहपुर विधानसभा का 23-मांच है, जहां पोलिंग पार्टी को 7 किलोमीटर तक पैदल चलना पड़ता है.
जनजातीय जिला लाहौल-स्पीति के अन्तर्गत 76-काजा में 811 जबकि 33-लिंगर मतदान केंद्र में मात्र 38 मतदाता हैं. कुल्लू जिला के 22-मनाली विधानसभा क्षेत्र के अन्तर्गत सबसे अधिक मतदाता वाला 12-चिचोंगा मतदान केंद्र हैं, जहां 1305 मतदाता हैं, जबकि इसी जिला के बंजार विधानसभा क्षेत्र के 71-तिलगा में सबसे कम 89 मतदाता हैं. कुल्लू का 129-रसोल और बंजार का 58-शाकटी दूरस्थ मतदान केंद्र हैं, जहां पोलिंग पार्टियों को 10 किलोमीटर तक पैदल चलना पड़ता है.
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विधानसभा क्षेत्रों की संख्या की दृष्टि से हिमाचल प्रदेश का दूसरा बड़ा जिला मंडी है, जिसमें 10 विधानसभा क्षेत्र आते हैं. जिला के सुन्दरनगर विधानसभा क्षेत्र के 25-चौगान में सबसे अधिक 1403 जबकि सबसे कम 75-जारठू मतदान केंद्र पर मात्र 95 मतदाता हैं. इसी विधानसभा क्षेत्र का 93-मंझागण दूरस्थ मतदान केंद्र है, जहां पहुंचने के लिए पोलिंग पार्टी को 10 किलोमीटर की दूरी पैदल तय करनी पड़ती है.
हमीरपुर जिला के अन्तर्गत हमीरपुर विधानसभा क्षेत्र के 52-स्वाहल मतदान केंद्र पर सबसे अधिक 1283 जबकि बड़सर विधानसभा क्षेत्र के 59-बल्ह ढटवालियां मतदान केंद्र पर सबसे कम 105 मतदाता हैं. जिला ऊना के ऊना विधानसभा क्षेत्र के अन्तर्गत 20-ऊना (14) मतदान केंद्र पर सबसे अधिक 1404 मतदाता हैं, जबकि सबसे कम चिन्तपूर्णी विधानभा क्षेत्र के 58-सूरी (2) में औसतन 246 मतदाता हैं.
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बिलासपुर जिला के श्रीनैणादेवी जी विधानसभा क्षेत्र के 65-बैहल (3) में सबसे अधिक 1,281 मतदाता हैं, जबकि बिलासपुर विधानसभा क्षेत्र का 27-धाड़त केंद्र अपेक्षाकृत सबसे कम 835 मतदाता वाला केंद्र है. सोलन जिला का दून विधानसभा क्षेत्र जिसके अन्तर्गत 79-बद्दी मतदान केंद्र में 1385 और कसौली विधानसभा क्षेत्र के 28-गलयाणा में सबसे कम 105 मतदाता हैं.
सिरमौर जिला के पांवटा साहिब विधानसभा क्षेत्र के 48-पांवटा (देवीनगर-5) में सबसे अधिक 1,423 जबकि इसी विधानसभा क्षेत्र के 87-नागली मतदान केंद्र में सबसे कम 112 मतदाता हैं. यहां के शिलाई विधानसभा क्षेत्र के 36-बोबड़ी मतदान केंद्र तक पोलिंग पार्टी को पहुंचने के लिए पांच किलोमीटर का पैदल मार्ग तय करना पड़ता है.
8 विधानसभा क्षेत्रों वाला शिमला जिला के चौपाल विधानसभा क्षेत्र में 114-चरोली मतदान केंद्र में सबसे अधिक 1298 मतदाता हैं, जबकि शिमला (शहरी) विधानसभा क्षेत्र के 2-समरहिल मतदान केंद्र में केवल 33 मतदाता हैं. जिला के रोहड़ू विधानसभा क्षेत्र के 123-पंडार मतदान केंद्र पर पहुंचने के लिए पोलिंग पार्टी को 7 किलोमीटर का सफर पैदल तय करना पड़ता है.