शिमला: कोरोना संक्रमण में मंदी की मार झेल रहे पर्यटन कारोबारियों को फिलहाल पानी के बिल में कोई राहत नही मिलेगी. सभी होटल ढाबा मालिकों को पानी के बिल चुकाने होंगे. जल प्रबधंन निगम की बुधवार को सचिवालय में हुई निदेशक मंडल की बैठक में फिलहाल होटल कारोबारियों को कोई राहत नही दी गई है.
होटल कारोबारी लगातार पानी के बिल माफ करने की मांग जल निगम से कर रहे थे और बैठक में नगर निगम की महापौर ने इस मांग को रखा भी, लेकिन बैठक में फिलहाल कोई राहत नहीं दी गई है, जबकि पानी की दरों में दस फीसदी वृद्धि न करने का फैसला बैठक में लिया गया.
पानी के बिल में राहत न मिलने से होटल कारोबारियों की परेशानी और भी बढ़ गई है. दो महीने से शहर के सभी होटल ढाबे रेस्तरां बंद पड़े हैं. पर्यटन कारोबार से जुड़े लोगों को सरकार की तरह से अभी तक कोई राहत नहीं मिली है, ऐसे में उन्हें जल निगम से पानी के बिल में राहत मिलने की उम्मीद थी, लेकिन बुधवार को सचिवालय में हुई मुख्य सचिव की अध्यक्षता में बैठक में इस पर कोई फैसला नहीं लिया गया है.
वहीं, बैठक में 2003 से पहले पानी के कनेक्शन को घरेलू कनेक्शन में करवाने के लिए नगर निगम से एनओसी लेकर जल निगम को देना अनिवार्य किया गया है. बैठक में लालपानी एसटीपी प्लांट को अपग्रेड करने का फैसला भी लिया गया और शहर में जल निगम के अन्य कार्यों को भी बैठक में मंजूरी दे दी गई है. वहीं, कोरोना का कहर हिमाचल में लगातार बढ़ता ही जा रहा है. अब प्रदेश में कोरोना मामलों का आंकड़ा 106 पहुंच गया है. साथ