शिमला: प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल आईजीएमसी में ऑक्सीजन की सबसे ज्यादा जरूरत है. यहां मरीजाें की संख्या इतनी बढ़ चुकी है कि यहां पर ऑक्सीजन की कई बार किल्लत हुई है. मगर इसी किल्लत काे दूर करने के लिए अब आईजीएमसी अस्पताल में एक और ऑक्सीजन प्लांट (Oxygen Plant) लगाने की तैयारी की जा रही है. इसके लिए सामान पहुंच चुका है.
आईजीएमसी की कैंटीन के समीप पार्किंग में स्ट्रक्चर भी तैयार कर लिया गया है. इसमें यह प्लांट शुरू किया जाएगा. यहां से काेराेना वार्डाें के साथ-साथ अन्य वार्डाें काे भी सीधी सप्लाई जाेड़ी जाएगी. दावा किया जा रहा है कि सितंबर माह में यह प्लांट शुरू कर दिया जाएगा.
आईजीएमसी में लगने वाला ऑक्सीजन प्लांट प्रति मिनट 1000 लीटर ऑक्सीजन तैयार करेगा. जबकि अभी तक यहां पर 3600 क्यूबिक लीटर की क्षमता वाला प्लांट पहले ही चल रहा है. इसी तरह लिक्विड प्लांट की क्षमता 20 किलाेलीटर है. ऐसे में तीन ऑक्सीजन प्लांट हाेने से यहां पर ऑक्सीजन की कमी नहीं रहेगी. मरीजाें काे जरूरत पड़ने पर ऑक्सीजन पर्याप्त मात्रा में दी जाएगी. वहीं, जिस जगह यह ऑक्सीजन प्लांट लगाया जा रहा है, वहां से काेविड वार्ड सबसे नजदीक है. ऐसे में यहां से ऑक्सीजन सिलेंडर काे तुरंत रिफिल करवाया जा सकेगा और इसमें ज्यादा समय भी नहीं लगेगा.
ऑक्सीजन प्लांट लगने से आईजीएमसी में अब राेजाना करीब 5 से 6 हजार लीटर मीट्रिक टन ऑक्सीजन राेजाना पैदा हाेगी. पहले यहां पर 3600 लीटर मीट्रिक टन ऑक्सीजन राेजाना पैदा हाे रही थी. अब यहां पर राेजाना 400 से ज्यादा मरीजाें काे ऑक्सीजन दी जा सकेगी. इसके अलावा केएनएच समेत अन्य अस्पतालाें काे भी आसानी से सप्लाई दी जाएगी. तीसरी लहर में अगर बच्चे संक्रमित हाेते हैं ताे उनके लिए ऑक्सीजन की कमी नहीं रहेगी क्याेंकि यहां पर पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन तैयार हाे सकेगी.
इस संबंध में आईजीएमसी के प्रशासनिक अधिकारी डॉ. राहुल गुप्ता ने बताया कि केंद्र और प्रदेश सरकार के प्रयासाें से आईजीएमसी में एक नया ऑक्सीजन प्लांट लगाया जा रहा है. इसके लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं. सामान भी पहुंच चुका है. काेशिश की जा रही है कि सितंबर माह से प्लांट काे शुरू कर दिया जाएगा. यह प्लांट प्रति मिनट 1000 लीटर ऑक्सीजन तैयार करेगा. इससे अब अस्पताल में मरीजाें काे ऑक्सीजन की कमी नहीं रहेगी. तीसरी लहर में मरीजाें के लिए आईजीएमसी में पर्याप्त ऑक्सीजन मिलेगी.
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