शिमला: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के हर पांच साल पर जारी होने वाले नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे में खुलासा हुआ है कि हिमाचल में हर तीसरा व्यक्ति शराब का सेवन करता है. रिपोर्ट में सामने आया है कि राज्य में औसतन हर तीसरा आदमी शराब और तंबाकू का सेवन करता है.
हेल्थ सर्वे के आंकड़ों के मुताबिक, हिमाचल में 15 साल से अधिक उम्र के तकरीबन 32 फीसदी लोग शराब पीते हैं. शहरी इलाकों में जहां यह प्रतिशत 30 फीसदी से ज्यादा है. ग्रामीण इलाकों में 32 फीसदी से ज्यादा लोग शराब का सेवन करते हैं.
हिमाचल में चार जिलों मंडी, कुल्लू, चंबा और शिमला में नशे का ज्यादा प्रयोग
इसी तरह पूरे प्रदेश में 32 फीसदी से ज्यादा लोग तंबाकू का सेवन करते हैं. हेल्थ सर्वे में सामने आया है. हालांकि, इनकी संख्या पुरुषों के मुकाबले न के बराबर है. पूरे प्रदेश में जहां 1.7 फीसदी महिलाएं तंबाकू खाती हैं. वहीं, महज 0.6 फीसदी महिलाएं ही शराब का सेवन करती हैं. रिपोर्ट के अनुसार, हिमाचल में चार जिलों मंडी, कुल्लू, चंबा और शिमला में नशे का ज्यादा प्रयोग हो रहा है.
ड्रग एब्यूज के मामले में भी हिमाचल राष्ट्रीय औसत से कहीं आगे निकल गया है. कुछ समय पहले दस मेडिकल कॉलेजों, पंद्रह गैर सरकारी संस्थाओं ने पूरे भारत में विस्तृत सर्वे किया है. सर्वे के आंकड़े चौंकाने वाले हैं. चिट्टे के चंगुल तो देवभूमि की जवानी फंसती ही जा रही है.
शराब के नशे में प्रदेश के यूजर राष्ट्रीय औसत से ज्यादा
तीन प्रकार के नशों जैसे अफीम से बने नशीले पदार्थ, भांग और शराब खासकर युवाओं की नसों में जहर घोल रही है. ओपिओयड (अफीम जैसे नशों चिट्टा, हेरोइन, ब्राउन शुगर, स्मैक) भांग, शराब के नशे में प्रदेश के यूजर राष्ट्रीय औसत से ज्यादा हैं.
देश में कुल आबादी में ओपिओयड के यूजर 0.70 फीसद हैं, जबकि हिमाचल में यह 1.70 फीसद हैं. इसी तरह से देश में शराब पीने वालों की तादाद करीब 16 करोड़ हैं. राष्ट्रीय औसत 14.7 फीसद हैं. इसकी तुलना में प्रदेश में 17. 6 फीसद पियक्कड़ हैं. भांग के यूजर देश में कुल जनसंख्या के 1.2 फीसद और राज्य में 3.2 फीसद हैं.