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राष्ट्रीय शिक्षा दिवस: हिमाचल में शिक्षा के उजाले से चमक रहा बेटियों का जीवन, लड़कों से अधिक कॉलेज गोइंग बेटियां

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Published : Nov 11, 2019, 3:21 PM IST

पूर्ण राज्य का दर्जा मिलने के बाद से ही हिमाचल ने शिक्षा में सफलता के आसमान चूमने शुरू कर दिए थे. अब नए दौर में बेटियों की पढऩे की ललक उन्हें आगे से आगे ले जा रही है. हिमाचल प्रदेश में बेटियों ने आगे बढ़ने की सुविधाओं का भरपूर लाभ उठाया है. इस समय प्रदेश में कॉलेज गोइंग लड़कियों की संख्या लड़कों से अधिक है.

हिमाचल में शिक्षा के उजाले से चमक रहा बेटियों का जीवन, लड़कों से अधिक कॉलेज गोइंग बेटियां

शिमला: नीति आयोग की रिपोर्ट बताती है कि बड़े राज्यों की श्रेणी में हिमाचल देश भर में नौवें नंबर पर है. वहीं, बड़े राज्यों में साक्षरता दर के मामले में भी हिमाचल का नंबर केरल के बाद दूसरा है. राष्ट्रीय शिक्षा दिवस के मौके पर हिमाचल गर्व के साथ ये कह सकता है कि उच्च शिक्षा के क्षेत्र में यहां की बेटियां लड़कों से आगे हैं.

अपने गठन और पूर्ण राज्य का दर्जा मिलने के बाद से ही हिमाचल ने शिक्षा में सफलता के आसमान चूमने शुरू कर दिए थे. अब नए दौर में बेटियों की पढऩे की ललक उन्हें आगे से आगे ले जा रही है. हिमाचल प्रदेश में बेटियों ने आगे बढ़ने की सुविधाओं का भरपूर लाभ उठाया है. इस समय प्रदेश में कॉलेज गोइंग लड़कियों की संख्या लड़कों से अधिक है.

सरकार ने लड़कियों को ने दी है सहूलियतें

प्रदेश में सरकार ने बेटियों की शिक्षा के लिए कई सहूलियतें दी हैं. यही कारण है कि लड़कियां उच्च शिक्षा के लिए आगे आई हैं. पिछले तीन साल के आंकड़ों पर नजर डाली जाए तो इस दौरान लड़कों की बजाय लड़कियों ने कॉलेज में शिक्षा के लिए अधिक उपस्थिति दर्ज करवाई.

वर्ष 2012-2013 में कॉलेज में लड़कियों के दाखिले का आंकड़ा 43 हजार, 683 रहा, जबकि लड़कों ने इसी अवधि में 24 हजार 385 की संख्या में दाखिला लिया. इसी तरह वर्ष 2013-2014 में 20 हजार 932 लड़कों के मुकाबले लड़कियों की संख्या 43 हजार, 806 रही. यही स्थिति अगले शैक्षणिक सत्र में रही. वर्ष 2014-2015 में 46 हजार, 023 लड़कियों ने कॉलेज में प्रवेश लिया. वहीं, इस अवधि में कॉलेज पहुंचने वाले लड़कों की संख्या 42 हजार, 220 रही.

वर्ष 2015-2016 में लड़कियों ने रिकार्ड तोड़ संख्या में कॉलेज में दाखिला लिया. इस साल कॉलेज गोइंग गर्ल्स का आंकड़ा 58 हजार, 805 रहा. इसी दौरान लड़कों की संख्या 39 हजार, 466 रही. शैक्षणिक सत्र 2016-17 में 67 हजार, 688 लड़कियों ने कॉलेज में दाखिला लिया, जबकि लड़कों की संख्या 47 हजार, 041 रही. इससे साफ संकेत है कि स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद लड़कियों में उच्च शिक्षा के प्रति आकर्षण बढ़ा है.

प्रदेश में 90 से अधिक सरकारी कॉलेजों की संख्या होने के कारण भी घर के समीप ही उच्च शिक्षा मिल रही है. साधनहीन परिवारों की बेटियों को निशुल्क उच्च शिक्षा मिल रही है. 2017- 2018 में 71 हजार 623 और 2018-19 में 76 हजार 592 बेटियों ने कॉलेज में एडमिशन ली.

ये भी पढ़ें: हिमाचल के कुल्लू से है 'राम जन्मभूमि' का अटूट रिश्ता, ये है पूरी कहानी

आंकड़ों की नजर से देखा जाए तो हिमाचल में 10,714 प्राथमिक पाठशालाएं, 2,102 माध्यमिक पाठशालाएं, 929 उच्च पाठशालाएं, 1,841 वरिष्ठ माध्यमिक पाठशालाएं और 138 महाविद्यालय हैं. इसके अलावा आईआईटी, आईआईएम, ट्रिपल आईटी, मेडिकल यूनिवर्सिटी, लॉ यूनिवर्सिटी सहित कई उच्च शिक्षा संस्थान हैं.

ये भी पढ़ें: हिमाचल में इस दिन से खराब होगा मौसम, ठंड बरसाएगी अपना 'कहर'

शिमला: नीति आयोग की रिपोर्ट बताती है कि बड़े राज्यों की श्रेणी में हिमाचल देश भर में नौवें नंबर पर है. वहीं, बड़े राज्यों में साक्षरता दर के मामले में भी हिमाचल का नंबर केरल के बाद दूसरा है. राष्ट्रीय शिक्षा दिवस के मौके पर हिमाचल गर्व के साथ ये कह सकता है कि उच्च शिक्षा के क्षेत्र में यहां की बेटियां लड़कों से आगे हैं.

अपने गठन और पूर्ण राज्य का दर्जा मिलने के बाद से ही हिमाचल ने शिक्षा में सफलता के आसमान चूमने शुरू कर दिए थे. अब नए दौर में बेटियों की पढऩे की ललक उन्हें आगे से आगे ले जा रही है. हिमाचल प्रदेश में बेटियों ने आगे बढ़ने की सुविधाओं का भरपूर लाभ उठाया है. इस समय प्रदेश में कॉलेज गोइंग लड़कियों की संख्या लड़कों से अधिक है.

सरकार ने लड़कियों को ने दी है सहूलियतें

प्रदेश में सरकार ने बेटियों की शिक्षा के लिए कई सहूलियतें दी हैं. यही कारण है कि लड़कियां उच्च शिक्षा के लिए आगे आई हैं. पिछले तीन साल के आंकड़ों पर नजर डाली जाए तो इस दौरान लड़कों की बजाय लड़कियों ने कॉलेज में शिक्षा के लिए अधिक उपस्थिति दर्ज करवाई.

वर्ष 2012-2013 में कॉलेज में लड़कियों के दाखिले का आंकड़ा 43 हजार, 683 रहा, जबकि लड़कों ने इसी अवधि में 24 हजार 385 की संख्या में दाखिला लिया. इसी तरह वर्ष 2013-2014 में 20 हजार 932 लड़कों के मुकाबले लड़कियों की संख्या 43 हजार, 806 रही. यही स्थिति अगले शैक्षणिक सत्र में रही. वर्ष 2014-2015 में 46 हजार, 023 लड़कियों ने कॉलेज में प्रवेश लिया. वहीं, इस अवधि में कॉलेज पहुंचने वाले लड़कों की संख्या 42 हजार, 220 रही.

वर्ष 2015-2016 में लड़कियों ने रिकार्ड तोड़ संख्या में कॉलेज में दाखिला लिया. इस साल कॉलेज गोइंग गर्ल्स का आंकड़ा 58 हजार, 805 रहा. इसी दौरान लड़कों की संख्या 39 हजार, 466 रही. शैक्षणिक सत्र 2016-17 में 67 हजार, 688 लड़कियों ने कॉलेज में दाखिला लिया, जबकि लड़कों की संख्या 47 हजार, 041 रही. इससे साफ संकेत है कि स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद लड़कियों में उच्च शिक्षा के प्रति आकर्षण बढ़ा है.

प्रदेश में 90 से अधिक सरकारी कॉलेजों की संख्या होने के कारण भी घर के समीप ही उच्च शिक्षा मिल रही है. साधनहीन परिवारों की बेटियों को निशुल्क उच्च शिक्षा मिल रही है. 2017- 2018 में 71 हजार 623 और 2018-19 में 76 हजार 592 बेटियों ने कॉलेज में एडमिशन ली.

ये भी पढ़ें: हिमाचल के कुल्लू से है 'राम जन्मभूमि' का अटूट रिश्ता, ये है पूरी कहानी

आंकड़ों की नजर से देखा जाए तो हिमाचल में 10,714 प्राथमिक पाठशालाएं, 2,102 माध्यमिक पाठशालाएं, 929 उच्च पाठशालाएं, 1,841 वरिष्ठ माध्यमिक पाठशालाएं और 138 महाविद्यालय हैं. इसके अलावा आईआईटी, आईआईएम, ट्रिपल आईटी, मेडिकल यूनिवर्सिटी, लॉ यूनिवर्सिटी सहित कई उच्च शिक्षा संस्थान हैं.

ये भी पढ़ें: हिमाचल में इस दिन से खराब होगा मौसम, ठंड बरसाएगी अपना 'कहर'

हिमाचल में शिक्षा के उजाले से चमक रहा बेटियों का जीवन, लड़कों से अधिक कॉलेज गोइंग बेटियां
शिमला। नीती आयोग की रिपोर्ट बताती है कि बड़े राज्यों की श्रेणी में हिमाचल देश भर में नौवें नंबर पर है। वहीं बड़े राज्यों में साक्षरता दर के मामले में भी हिमाचल के नंबर केरल के बाद दूसरा है। राष्ट्रीय शिक्षा दिवस के मौके पर हिमाचल गर्व के साथ ये कह सकता है कि उच्च शिक्षा के क्षेत्र में यहां की बेटियां लड़कों से आगे हैं। अपने गठन औऱ पूर्ण राज्य का दर्जा मिलने केे बाद से ही हिमाचल ने शिक्षा में सफलता के आसमान चूमने शुरू कर दिए थे। अब नए दौर में बेटियों की पढऩे की ललक उन्हें आगे से आगे ले जा रही है। हिमाचल प्रदेश में बेटियों ने आगे बढऩे की सुविधाओं का भरपूर लाभ उठाया है। इस समय प्रदेश में कॉलेज गोइंग लड़कियों की संख्या लड़कों से अधिक है। 
 प्रदेश में सरकार ने बेटियों की शिक्षा के लिए कई सहूलियतें दी हैं। यही कारण है कि लड़कियां उच्च शिक्षा के लिए आगे आई हैं। विगत तीन साल के आंकड़ों पर नजर डाली जाए तो इस दौरान लडक़ों की बजाय लड़कियों ने कॉलेज में शिक्षा के लिए अधिक उपस्थिति दर्ज करवाई। वर्ष 2012-2013 में कॉलेज में लड़कियों के दाखिले का आंकड़ा 43 हजार, 683 रहा, जबकि लडक़ों ने इसी अवधि में 24 हजार 385 की संख्या में दाखिला लिया। इसी तरह वर्ष 2013-2014 में 20 हजार 932 लडक़ों के मुकाबले लड़कियों की संख्या 43 हजार, 806 रही। यही स्थिति अगले शैक्षणिक सत्र में रही। वर्ष 2014-2015 में 46 हजार, 023 लड़कियों ने कॉलेज में प्रवेश लिया। वहीं, इस अवधि में कॉलेज पहुंचने वाले लडक़ों की संख्या 42 हजार, 220 रही। वर्ष 2015-2016 में लड़कियों ने रिकार्ड तोड़ संख्या में कॉलेज में दाखिला लिया। इस साल कॉलेज गोईंग गल्र्स का आंकड़ा 58 हजार, 805 रहा। इसी दौरान लडक़ों की संख्या 39 हजार, 466 रही। शैक्षणिक सत्र 2016-17 में 67 हजार, 688 लड़कियों ने कॉलेज में दाखिला लिया, जबकि लडक़ों की संख्या 47 हजार, 041 रही। इससे साफ संकेत है कि स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद लड़कियों में उच्च शिक्षा के प्रति आकर्षण बढ़ा है। प्रदेश में नब्बे से अधिक सरकारी कॉलेजों की संख्या होने के कारण भी घर के समीप ही उच्च शिक्षा मिल रही है। साधनहीन परिवारों की बेटियों को निशुल्क उच्च शिक्षा मिल रही है। 2017- 2018 में 71 हजार 623 और 2018-19 में 76 हजार 592 बेटियों ने कॉलेज में एडमिशन ली।








आंकड़ों की नजर से देखा जाए तो हिमाचल में 10,714 प्राथमिक पाठशालाएं, 2,102 माध्यमिक पाठशालाएं, 929 उच्च पाठशालाए, 1,841 वरिष्ठ माध्यमिक पाठशालाएं तथा 138 महाविद्यालय हैं। इसके अलावा iit, iim, ट्रिपल iit, मेडिकल यूनिवर्सिटी, लॉ यूनिवर्सिटी सहित कई उच्च शिक्षा संस्थान हैं।
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