शिमला: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वोकल फॉर लोकल अभियान के तहत हिमाचल प्रदेश के स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा दिया जाएगा. यह बात बुधवार को शिमला में नाबार्ड के स्टेट क्रेडिट सम्मेलन में राज्य के मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना ने ये बात कही. प्रबोध सक्सेना ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में अप्रैल व मई माह में आयोजित होने वाली जी-20 की बैठक में राज्य के विभिन्न जिलों के स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा दिया जाएगा. नाबार्ड के सम्मेलन में मुख्य सचिव ने हिमाचल के सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू के डेयरी किसानों की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने से जुड़े सपने को पूरा करने के लिए सक्रियता से काम करने की अपील की.
जोखिम उठाने से मिल सकती सफलता: मुख्य सचिव ने कहा कि हिमाचल के युवाओं को स्वरोजगार के लिए बैंकों से लोन लेना चाहिए. जोखिम उठाकर काम करने से सफलता मिल सकती है. उन्होंने नाबार्ड की तारीफ करते हुए कहा कि नाबार्ड व हिमाचल सरकार की परस्पर मजबूत समझ के कारण ग्रामीण इलाकों में आर्थिकी मजबूत हुई है.उन्होंने ग्रामीण युवाओं में जोखिम से बचने और उद्यमिता कौशल की कमी के कारण लोन जमा अवधि अनुपात के कम होने पर भी चिन्ता जताई. मुख्य सचिव ने भरोसा जताया कि प्रदेश सरकार व नाबार्ड मिलकर महिलाओं के स्वंय सहायता समूहों को मजबूत करेंगे.
किसान उत्पादक संगठनों को मजबूत करने पर जोर: मुख्य सचिव ने नाबार्ड स्टेट फोकस पेपर 2023-24 नाबार्ड इन हिमाचल लो कॉस्ट टेक्नोलॉजी मॉडल एंड सक्सेस स्टोरीज और फार्म सेक्टर प्रमोशन फंड- इंटरवेंशन इन हिमाचल प्रदेश पुस्तिकाओं का विमोचन भी किया. सेमीनार में सचिव वित योजना, अर्थ शास्त्र एवं सांख्यिकी विभाग अक्षय सूद ने राज्य में ग्रामीण आधारभूत ढांचा विकास निधि, पैक्स तथा किसान उत्पादक संघों एवं वित्तीय साक्षरता कार्यक्रमों के माध्यम से प्रदेश में नाबार्ड द्वारा प्रदान किए जा रहे सहयोग पर चर्चा की. कृषि सचिव राकेश कंवर ने किसान उत्पादक संगठनों को मजबूत करने पर जोर दिया.
125 किसान उत्पाद संगठनों को नाबार्ड का बढ़ावा: उन्होंने कहा कि किसान उत्पादक संगठनों को सोसाईटी अधिनियम के तहत शामिल किया जाना चाहिए. नाबार्ड के चीफ जनरल मैनेजर सुधांशु मिश्रा ने वर्ष 2023-24 के दौरान प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में विभिन्न गतिविधियों के तहत राज्य में 31971.20 करोड़ रुपए के लोन फ्लो की संभावना जताई. यह गत वर्ष की तुलना में 9.59 प्रतिशत अधिक है. उन्होंने छोटे एवं सीमांत किसानों के लाभ और उनकी उपज के संग्रह के लिए राज्य में अधिक किसान संगठनों के गठन पर जोर दिया. उन्होंने बताया कि राज्य में 125 किसान उत्पाद संगठनों को नाबार्ड बढ़ावा दे रहा है. उन्होंने बागवानी, पशुपालन व मधुमक्खी पालन से किसानों की आय बढ़ाने की बात कही.
50 फीसदी किसानों के पास सिर्फ क्रेडिट कार्ड: डिप्टी जनरल मैनेजर संजीव शर्मा ने अंतरराष्ट्रीय मोटा अनाज वर्ष के तहत सभी किसानों व उत्पादकों के साथ-साथ बैंकों को इस संबध में अधिक उत्पादन के लिए लोन उपलब्ध करवाने की अपील की. उन्होंने कहा कि बैंकों द्वारा प्रदेश के कुल किसानों में से केवल 50 प्रतिशत किसानों को ही किसान क्रेडिट कार्ड की सुविधा मिल पा रही है. उन्होंने बैंकों से शेष बचे किसानों को इस सुविधा का लाभ देने के लिए प्रभावी कदम उठाने का आग्रह किया.
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