शिमला: स्वतंत्र भारत के पहले मतदाता स्व. श्याम शरण नेगी के गृह राज्य हिमाचल में शनिवार को नई सरकार के लिए मतदान होगा. 14वीं विधानसभा के लिए शनिवार सुबह आठ बजे से शाम पांच बजे तक वोट डाले जाएंगे. प्रदेश की सभी 68 सीटों पर एक साथ मतदान होगा और इसके लिए कुल 7881 पोलिंग बूथ बनाए गए हैं. शुक्रवार को सभी पोलिंग पार्टीज अपने गंतव्य पर पहुंच गई थी.(Himachal election 2022)(Himachal voting 2022).
संवेदनशील और अति संवेदनशील बूथ: शांत माने जाने वाले राज्य हिमाचल में चुनाव के दौरान हिंसा की घटनाएं न के बराबर होती हैं फिर भी राज्य के 789 बूथ संवेदनशील और 397 बूथ अतिसंवेदनशील की श्रेणी में हैं. इस बार चुनाव में 31536 कर्मचारी ड्यूटी देंगे.(Total candidates in Himachal election)(68 Seats of Himachal election 2022)(Total voters in Himachal election 2022).
हिमाचल में कितने मतदाता: चुनाव आयोग के मुताबिक इस बार हिमाचल प्रदेश में 55,92,828 मतदाता हैं. इनमें से 28,54,945 पुरुष, 27,37,845 महिला और 38 थर्ड जेंडर मतदाता हैं. कुल 7881 पोलिंग बूथ में से 7,235 ग्रामीण क्षेत्रों में हैं जबकि शहरी क्षेत्रों में 646 मतदान केंद्र शहरी क्षेत्रों में हैं. हिमाचल में 14वीं विधानसभा के लिए इस बार 18-19 वर्ष के आयुवर्ग में 1,93,106 नए मतदाता जुड़े हैं. साल 2017 में इस आयु वर्ग में यानी किशोर मतदाताओं की संख्या 1,10,039 थी. पिछली बार महिला मतदाताओं की संख्या 24,07,503 थी. यह कुल मतदाताओं का 49.07 फीसदी था. यदि 80 वर्ष से अधिक आयु वर्ग की बात करें तो इस बार चुनाव में 1,21,409 वरिष्ठ मतदाता है. वहीं, दिव्यांग मतदाताओं की संख्या 56,501 है.
कितने प्रत्याशी चुनाव मैदान में: इस बार प्रदेश की 68 विधानसभा सीटों पर 412 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं. बीजेपी और कांग्रेस ने सभी 68 सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं जबकि आम आदमी पार्टी ने 67 और बसपा ने 53 सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं. हिमाचल के सियासी दंगल में कुल 13 पार्टियों ने अपने उम्मीदवार उतारे हैं. राष्ट्रीय देवभूमि पार्टी के 29, माकपा के 11, हिमाचल जन क्रांति पार्टी के 6, हिन्दू समाज पार्टी तथा स्वाभिमान पार्टी के 3-3, हिमाचल जनता पार्टी, भारतीय वीर दल, सैनिक समाज पार्टी, राष्ट्रीय लोकनीति पार्टी तथा भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी का 1-1 उम्मीदवार चुनाव मैदान में है। जबकि 99 निर्दलीय उम्मीदवार भी चुनाव में ताल ठोक रहे हैं.
412 महिला उम्मीदवार भी मैदान में: विधानसभा चुनाव में कुल 412 में से 24 महिला उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं. इनमें सबसे ज्यादा बीजेपी ने 7 और आम आदमी पार्टी ने 5 महिला उम्मीदवारों को टिकट दिया है. जबकि कांग्रेस ने 3, बसपा ने 2 महिला प्रत्याशियों को मैदना में उतारा है. सबसे ज्यादा 91 उम्मीदवार कांगड़ा जिले से चुनाव मैदान में हैं. जहां कुल 15 विधानसभा सीटें हैं. लाहौल स्पीति और किन्नौर जिले में सिर्फ एक-एक विधानसभा सीट है. किन्नौर में 5 और लाहौल स्पीति में 3 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं. एक सीट पर सबसे ज्यादा 11 उम्मीदवार मंडी जिले की जोगिंदर नगर विधानसभा सीट पर हैं. जबकि लाहौल स्पीति, द्रंग और चुराह सीट पर सिर्फ 3-3 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं.
हिमाचल के चुनावी इतिहास में सबसे अधिक प्रत्याशी 2012 के चुनाव में दर्ज किए गए थे. तब प्रदेश की 68 सीटों पर कुल 459 उम्मीदवारों ने किस्मत आजमाई थी. प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनी थी. हिमाचल में पिछले चुनाव में 337 प्रत्याशी थे. इस बार इनकी संख्या 412 है. हिमाचल में 1993 में उम्मीदवारों की संख्या 416 थे. वर्ष 1998 में प्रत्याशियों की संख्या 369, वर्ष 2003 में 408 व वर्ष 2007 में प्रत्याशियों की संख्या 336 थी.
क्या इस बार टूटेगा मतदान का रिकॉर्ड- हिमाचल में मतदान का प्रतिशत 70 फीसदी के पार ही रहता है. साल 2017 में 74.64 फीसदी मतदान हुआ था, इससे पहले 2003 के चुनाव में 74.51 फीसदी मतदान हुआ था. इस बार नया रिकॉर्ड बनने की उम्मीद जताई जा रही है. प्रदेश में मतदाताओं की संख्या बढ़ी है तो पोलिंग बूथों की संख्या भी बढ़ी है. प्रदेश में मतदान को सुचारू बनाने के लिए 7884 मतदान केंद्र तैयार किए गए हैं. पिछली बार मतदान केंद्रों की संख्या 7521 थी, यानी इस बार पहले के मुकाबले 363 अधिक मतदान केंद्र हैं.
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