शिमला: अंबुजा कंपनी के सीमेंट का मालभाड़ा आज तय होगा. इसके लिए अर्की में एक बैठक होगी. एसडीएम ऑफिस में होने जा रही इस बैठक में सीमेंट ढुलाई का नया मालभाड़ा कैलकुलेट किया जायेगा. इसमें उद्योग विभाग के अधिकारियों के साथ-साथ अंबुजा कंपनी और ट्रक यूनियन के प्रतिनिधि भी शामिल होंगे. बताया जा रहा है कि यह भाड़ा एक फार्मूला पर तय होगा. दरअसल 2005 में अंबुजा के ही केस में हाई कोर्ट ने सेक्रेटरी ट्रांसपोर्ट की अध्यक्षता में एक स्टैंडिंग कमेटी बनाई थी और इसी केस में मालभाड़ा तय करने के लिए एक फार्मूला भी दिया गया था.
हालांकि 2005 में तय इस फार्मूला को बाद में एक तरफ रख कर कंपनी और ट्रक यूनियनों ने अपने स्तर पर ही नेगोशिएशन कर बढ़े रेट लागू कर दिए थे. बताया जा रहा है की आज होने वाली बैठक में एसडीएम के सामने नए सिरे से माल भाड़े की कैलकुलेशन होगी और इसमें सभी वेरिएबल ध्यान में रखे जाएंगे. इसी फार्मूला का आधार बनाकर मालभाड़ा फिक्स किया जायेगा. मालभाड़े का नया रेट कैलकुलेट करने के बाद ही ट्रक यूनियन इसको मंजूरी देगी. उसके बाद ही एक नया भाड़ा लागू किया जायेगा.(Cement factory controversy in Himachal).
बताया जा रहा है कि इसके बाद मंगलवार को इसी तरह की बैठक एसीसी बरमाणा (ACC Cement factory Barmana) में भी रखी गई है, इसमें भी इसी तरह का फॉर्मूला सामने रखकर भाड़ा तय किया जायेगा. शुक्रवार को प्रधान सचिव परिवहन की अध्यक्षता में हुई बैठक अंबुजा की ट्रक यूनियन नए फार्मूले पर सहमत थी, जबकि एसीसी बरमाणा की मुख्य ट्रक यूनियन बीडीटीएस ने इसके लिए दस दिन का वक्त मांगा था.
बीडीटीएस के प्रतिनिधियों का कहना था कि वह अपने जनरल हाउस में पहले सरकार के नए फार्मूले पर सहमति बनाई जाएगी और जनरल हाउस के अनुसार ट्रक ऑपरेटर फैसला लेंगे. बताया जा रहा है कि जिस तरह का नरम रुख अंबुजा सीमेंट कंपनी की ट्रक यूनियन ने अपनाया है, उससे संभावना दोनों पक्षों के बीच सहमति बनने के आसार लग रहे हैं. अंबुजा ट्रक यूनियन यदि सहमत हो गई तो अंबुजा फैक्ट्री शुरू हो सकती है. हालांकि एसीसी बरमाणा फैक्ट्री अभी बंद रह सकती है.
उल्लेखनीय है कि मालभाड़े के विवाद के चलते अडानी समूह ने बीते 14 दिसंबर से अपनी अंबुजा और बरमाणा फैक्ट्री को बंद कर रखा है. अदानी ने सरकार को बताया कि बढ़े हुए माल भाड़े के कारण उसको घाटा झेलना पड़ रहा है, हालांकि राज्य सरकार की तरफ से बिलकुल स्पष्ट कर दिया गया है कि प्लांट जल्दी से जल्दी शुरू किए जाएं. दोनों पक्षों के बीच कई दौर की बातचीत हो चुकी है, मगर अभी तक कोई भी समाधान इस विवाद का नहीं निकल नहीं पाया है. सरकार की कोशिश जल्द से जल्द प्लांट शुरू करवाने की है.
ये भी पढ़ें: चपरासियों के सहारे चल रहे थे बंद किए गए कार्यालय, न बजट था, न कर्मचारी: CM सुक्खू