शिमला: राजधानी शिमला के बाजारों में बैठने वाले तहबाजारियों से नगर निगम हर साल 6000 रुपए वसूलेगा. इसके अलावा जो बिना अनुमति के शहर में बैठते हैं, उनसे न फीस ली जाएगी और न ही उन्हें बाजार में बैठने दिया जाएगा. जिसके लिए पुलिस की मदद ली जाएगी. शनिवार को नगर निगम के आयुक्त आशीष कोहली की अध्यक्षता में बैठक आयोजित की गई. जिसमें तहबाजारी यूनियन के पदाधिकारी भी मौजूद रहे. बैठक में शहर में नई वेडिंग जोन तलाशने का फैसला लिया गया.
इसके अलावा शिमला शहर में तहबाजारियों को बैठाने की क्षमता को लेकर सर्वे किया जाएगा. राजधानी और इसके आसपास के उपनगरों में कितने तहबजारी बैठ सकते हैं. इसके लिए सर्वे किया जाना है. पहली बार फील्ड में जाकर निगम के कर्मचारी सर्वे करेंगे. नगर निगम के आयुक्त आशीष कोहली ने कहा कि शहर में नए वेंडिंग जोन तलाशे जाएंगे. इसके अलावा बाजार में जिन लोगों ने अवैध तरीके से सामान लगाया है, इनके साथ ही जिन कारोबारियों ने दुकानों से बाहर अपना सामान लगाया है, इन्हें पुलिस की मदद से हटाया जाएगा.
इसके साथ ही जिन कारोबारियों ने अपनी दुकानें आगे बढ़ा रखी है. उन पर कार्रवाई करने के लिए भी पुलिस की मदद ली जाएगी. नगर निगम शिमला में हुई बैठक के दौरान हाईकोर्ट के 2014 में जारी फैसले के मुताबिक उसे लागू करने के लिए पुलिस की मदद ले जाने का फैसला भी लिया है. शिमला तहबाजारी यूनियन के उपाध्यक्ष ओम प्रकाश शर्मा ने कहा कि तहबाजारियों को लेकर आज नगर निगम के साथ बैठक की गई. उन्होंने कहा कि बैठक में शहर में बिना पंजीकरण के बैठ रहे तहबाजारियों पर कार्यवाई का फैसला लिया गया है. इसके अलावा सन्डे मार्किट में बाहरी राज्यों के लोगों को न आने देने की मांग भी की गई.
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