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Apple State Himachal: सीएम जयराम सहित कई मंत्री और अफसर हैं बागवान

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Published : Jul 27, 2021, 9:37 PM IST

एप्पल स्टेट हिमाचल (Apple State Himachal) में सीएम जयराम ठाकुर सहित कई मंत्री और अफसरों के बगीचे हैं. बागवानी का सिलसिला अस्सी के दशक में वीवीआईपी ने शुरू किया. तब से लगातार यह आंकड़ा बढ़ता ही जा रहा है.

Apple State Himachal
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शिमला: देश की एप्पल स्टेट हिमाचल (Apple State Himachal) में अनेक वीवीआईपी (VVIP) भी बागवान हैं. मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर (Chief Minister Jai Ram Thakur) से लेकर कई मंत्रियों, नेताओं, अफसरों और बड़े डॉक्टर्स के नाम सेब बागीचे हैं. राज्य में हर साल तीन से चार करोड़ पेटी सेब की पैदावार होती है. मौजूदा मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की माता का इस उम्र में अपने बागीचे में खूब मन रमता है. सीएम जयराम ठाकुर के भाई वीर सिंह ठाकुर हाल ही में कोटखाई के प्रगतिशील युवा बागवान संजीव चौहान के बागीचे का दौरा करने गए थे.

हिमाचल के वीवीआईपी सेब बागवानों में पूर्व सीएम व कांग्रेस के दिग्गज राजनेता रहे स्व. वीरभद्र सिंह (Virbhadra Singh) का नाम भी शामिल है. इसके अलावा विद्या स्टोक्स (Vidya Stokes) के परिवार का नाम तो सेब उत्पादन के साथ सुनहरे अक्षरों में है.

मौजूदा सरकार में कैबिनेट के सबसे पावरफुल मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर (Minister Mahendra Singh Thakur), पूर्व सांसद महेश्वर सिंह ठाकुर, पंडित सुखराम के बेटे अनिल शर्मा, शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर, ऊपरी शिमला के कद्दावर राजनेता स्व. नरेंद्र बरागटा, कांग्रेस नेता रोहित ठाकुर, विधायक नंदलाल, पूर्व विधायक स्व. राकेश वर्मा, विधायक बलवीर वर्मा, करसोग से कांग्रेस नेता मनसा राम व मस्त राम, माकपा नेता राकेश सिंघा, किन्नौर के विधायक जगत नेगी, पूर्व विधायक तेजवंत नेगी, भाजपा नेता सूरत नेगी, कुल्लू से भाजपा नेता और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष खीमी राम शर्मा, पूर्व मंत्री और कांग्रेस के दिग्गज नेता स्व. राजकृष्ण गौड़, कांग्रेस विधायक सुंदर ठाकुर, भाजपा विधायक सुरेंद्र शौरी, शिमला के पूर्व मेयर संजय चौहान जैसे कई वीवीआईपी एप्पल प्रोडक्शन के साथ जुड़े हैं.

हिमाचल सरकार में बड़े आईएएस अफसर भी बगीचों के मालिक हैं. पूर्व मुख्य सचिव पार्थसारथी मित्रा, वीसी फारका और मौजूदा मुख्य सचिव अनिल खाची, पूर्व आईएएस एसकेबीएस नेगी के पास भी बागीचे हैं. इसके अलावा आईएएस अफसर नरेंद्र चौहान, आईएएस जगदीश चंद्र शर्मा, सुदेश मोक्टा सहित कई बड़े अफसर सेब बागानों के मालिक हैं. हिमाचल के कई बड़े डॉक्टर्स भी सेब उत्पादन से जुड़े हैं. राज्य के माने हुए सर्जन आरएस झोबटा, आईजीएमसी अस्पताल के पूर्व एमएस और स्वास्थ्य विभाग के उप निदेशक डॉ. रमेश चंद, चर्मरोग विशेषज्ञ डॉ. जीके वर्मा, आर्थो सर्जन लोकेंद्र रॉकी आदि कई नामी डॉक्टर्स बागवानी में भी कुशल हैं.

इसका कारण यह है कि हिमाचल प्रदेश में सेब उत्पादन अपने सफर के सौ साल पूरे कर चुका है. हिमाचल में शिमला जिले में प्रदेश का अस्सी फीसदी सेब पैदा होता है. शिमला के अलावा मंडी, कुल्लू, चंबा, किन्नौर, लाहौल-स्पीति, सिरमौर में सेब उगाया जाता है. प्रदेश में चार लाख बागवान परिवार हैं. सेब उत्पादन (apple production) में शिमला जिला ने सबसे अधिक नाम कमाया. यहां गौर करने वाली बात यह भी है कि सेब उत्पादन से हुई कमाई टैक्स के दायरे में नहीं आती.

अस्सी के दशक में जब सेब बागवानी अपने चरम की तरफ जा रही थी तो कई वीवीआईपी ने इसमें हाथ आजमाया. यह बात अलग है कि कई राजनेताओं के पास पुश्तैनी जमीन और बागीचे हैं. कांग्रेस नेता विद्या स्टोक्स, स्व. वीरभद्र सिंह, स्व. नरेंद्र बरागटा आदि बड़े बागवान परिवारों से हैं. किन्नौर व ऊपरी शिमला के धनी लोगों के पास पुश्तैनी बाग हैं.

कुछ समय पहले मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की माताश्री तब चर्चा में आई थीं, जब ऊपरी शिमला के कुछ युवा बागवान सीएम के गांव पहुंचे. वह जिज्ञासा में सीएम के गांव गए थे और वहां उन्होंने जयराम ठाकुर की माता ब्रिकमू देवी (Brikmu Devi) को अपने खेतों में काम करते देखा. ब्रिकमू देवी का कहना था कि उन्हें खेत-बागीचों में काम करके सुख मिलता है. वहीं, सीएम के भाई वीर सिंह (CMs brother Veer Singh) कुछ दिन पहले ऊपरी शिमला (Shimla) पहुंचे और सेब की विदेशी किस्मों की जानकारी ली.

हिमाचल के युवा बागवान संजीव चौहान के अनुसार मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के भाई वीर सिंह ने उनके गांव का दौरा कर सेब की विदेशी किस्मों की जानकारी ली है. वह अपने यहां भी उन किस्मों को उगाना चाहते हैं. उल्लेखनीय है कि हिमाचल में पचास से अधिक विदेशी किस्मों (exotic varieties) के सेब उगाए जाते हैं. अब देश के अन्य सेब उत्पादक राज्यों के बागवान हिमाचल से गुर सीखने के लिए आते हैं. दिलचस्प बात है कि इस समय हिमाचल के बागवानी मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर खुद एक सफल बागवान हैं. इससे पहले स्व. नरेंद्र बरागटा भी बागवानी मंत्री रह चुके हैं. उनके परिवार के पास भी काफी बड़ा बागान है. विद्या स्टोक्स भी बागवानी मंत्री रही हैं. विद्या स्टोक्स का परिवार हिमाचल में बागवानी के बिल्कुल प्रारंभिक दौर का अग्रगण्य नाम है.

ये भी पढ़ें:रोपड़ में पता चलेगी ट्रैफिक की रफ्तार, मिलेगी जाम से निजात

शिमला: देश की एप्पल स्टेट हिमाचल (Apple State Himachal) में अनेक वीवीआईपी (VVIP) भी बागवान हैं. मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर (Chief Minister Jai Ram Thakur) से लेकर कई मंत्रियों, नेताओं, अफसरों और बड़े डॉक्टर्स के नाम सेब बागीचे हैं. राज्य में हर साल तीन से चार करोड़ पेटी सेब की पैदावार होती है. मौजूदा मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की माता का इस उम्र में अपने बागीचे में खूब मन रमता है. सीएम जयराम ठाकुर के भाई वीर सिंह ठाकुर हाल ही में कोटखाई के प्रगतिशील युवा बागवान संजीव चौहान के बागीचे का दौरा करने गए थे.

हिमाचल के वीवीआईपी सेब बागवानों में पूर्व सीएम व कांग्रेस के दिग्गज राजनेता रहे स्व. वीरभद्र सिंह (Virbhadra Singh) का नाम भी शामिल है. इसके अलावा विद्या स्टोक्स (Vidya Stokes) के परिवार का नाम तो सेब उत्पादन के साथ सुनहरे अक्षरों में है.

मौजूदा सरकार में कैबिनेट के सबसे पावरफुल मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर (Minister Mahendra Singh Thakur), पूर्व सांसद महेश्वर सिंह ठाकुर, पंडित सुखराम के बेटे अनिल शर्मा, शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर, ऊपरी शिमला के कद्दावर राजनेता स्व. नरेंद्र बरागटा, कांग्रेस नेता रोहित ठाकुर, विधायक नंदलाल, पूर्व विधायक स्व. राकेश वर्मा, विधायक बलवीर वर्मा, करसोग से कांग्रेस नेता मनसा राम व मस्त राम, माकपा नेता राकेश सिंघा, किन्नौर के विधायक जगत नेगी, पूर्व विधायक तेजवंत नेगी, भाजपा नेता सूरत नेगी, कुल्लू से भाजपा नेता और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष खीमी राम शर्मा, पूर्व मंत्री और कांग्रेस के दिग्गज नेता स्व. राजकृष्ण गौड़, कांग्रेस विधायक सुंदर ठाकुर, भाजपा विधायक सुरेंद्र शौरी, शिमला के पूर्व मेयर संजय चौहान जैसे कई वीवीआईपी एप्पल प्रोडक्शन के साथ जुड़े हैं.

हिमाचल सरकार में बड़े आईएएस अफसर भी बगीचों के मालिक हैं. पूर्व मुख्य सचिव पार्थसारथी मित्रा, वीसी फारका और मौजूदा मुख्य सचिव अनिल खाची, पूर्व आईएएस एसकेबीएस नेगी के पास भी बागीचे हैं. इसके अलावा आईएएस अफसर नरेंद्र चौहान, आईएएस जगदीश चंद्र शर्मा, सुदेश मोक्टा सहित कई बड़े अफसर सेब बागानों के मालिक हैं. हिमाचल के कई बड़े डॉक्टर्स भी सेब उत्पादन से जुड़े हैं. राज्य के माने हुए सर्जन आरएस झोबटा, आईजीएमसी अस्पताल के पूर्व एमएस और स्वास्थ्य विभाग के उप निदेशक डॉ. रमेश चंद, चर्मरोग विशेषज्ञ डॉ. जीके वर्मा, आर्थो सर्जन लोकेंद्र रॉकी आदि कई नामी डॉक्टर्स बागवानी में भी कुशल हैं.

इसका कारण यह है कि हिमाचल प्रदेश में सेब उत्पादन अपने सफर के सौ साल पूरे कर चुका है. हिमाचल में शिमला जिले में प्रदेश का अस्सी फीसदी सेब पैदा होता है. शिमला के अलावा मंडी, कुल्लू, चंबा, किन्नौर, लाहौल-स्पीति, सिरमौर में सेब उगाया जाता है. प्रदेश में चार लाख बागवान परिवार हैं. सेब उत्पादन (apple production) में शिमला जिला ने सबसे अधिक नाम कमाया. यहां गौर करने वाली बात यह भी है कि सेब उत्पादन से हुई कमाई टैक्स के दायरे में नहीं आती.

अस्सी के दशक में जब सेब बागवानी अपने चरम की तरफ जा रही थी तो कई वीवीआईपी ने इसमें हाथ आजमाया. यह बात अलग है कि कई राजनेताओं के पास पुश्तैनी जमीन और बागीचे हैं. कांग्रेस नेता विद्या स्टोक्स, स्व. वीरभद्र सिंह, स्व. नरेंद्र बरागटा आदि बड़े बागवान परिवारों से हैं. किन्नौर व ऊपरी शिमला के धनी लोगों के पास पुश्तैनी बाग हैं.

कुछ समय पहले मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की माताश्री तब चर्चा में आई थीं, जब ऊपरी शिमला के कुछ युवा बागवान सीएम के गांव पहुंचे. वह जिज्ञासा में सीएम के गांव गए थे और वहां उन्होंने जयराम ठाकुर की माता ब्रिकमू देवी (Brikmu Devi) को अपने खेतों में काम करते देखा. ब्रिकमू देवी का कहना था कि उन्हें खेत-बागीचों में काम करके सुख मिलता है. वहीं, सीएम के भाई वीर सिंह (CMs brother Veer Singh) कुछ दिन पहले ऊपरी शिमला (Shimla) पहुंचे और सेब की विदेशी किस्मों की जानकारी ली.

हिमाचल के युवा बागवान संजीव चौहान के अनुसार मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के भाई वीर सिंह ने उनके गांव का दौरा कर सेब की विदेशी किस्मों की जानकारी ली है. वह अपने यहां भी उन किस्मों को उगाना चाहते हैं. उल्लेखनीय है कि हिमाचल में पचास से अधिक विदेशी किस्मों (exotic varieties) के सेब उगाए जाते हैं. अब देश के अन्य सेब उत्पादक राज्यों के बागवान हिमाचल से गुर सीखने के लिए आते हैं. दिलचस्प बात है कि इस समय हिमाचल के बागवानी मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर खुद एक सफल बागवान हैं. इससे पहले स्व. नरेंद्र बरागटा भी बागवानी मंत्री रह चुके हैं. उनके परिवार के पास भी काफी बड़ा बागान है. विद्या स्टोक्स भी बागवानी मंत्री रही हैं. विद्या स्टोक्स का परिवार हिमाचल में बागवानी के बिल्कुल प्रारंभिक दौर का अग्रगण्य नाम है.

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